Kinnaur: History & Tourist Places in Hindi
किन्नौर (Kinnaur) हिमाचल प्रदेश के उत्तर पूर्व में स्थित एक जिला है। ऊंचे-ऊंचे पहाडों और हरे-भरे पेडों से घिरा यह क्षेत्र ऊपरी, मध्य और निचले किन्नौर के भागों में बंटा हुआ है।
प्राकृतिक द्श्यावली से भरपूर इस नगर की सीमा तिब्बत से सटी हुई है, जो इसे सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाती है।
Kinnaur District: History & Tourist Attraction in Hindi | Wiki
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
क्षेत्रफल | 6553वर्ग किमी. |
ऊंचाई | 2700 मीटर |
भाषा | हिमाचली, हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | रिकांग पिऊ, काल्पा, सांगला, चिटकुल, कोठी,निचार आदि। |
कब जाएं | मार्च से अक्टूबर |
पौराणिक किन्नरों की भूमि किन्नौर हिमाचल के उत्तर पूर्व में स्थित एक बेहद खूबसूरत जिला है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 250 किमी. स्थित है। ऊंचे-ऊंचे पहाडों और हरे-भरे पेडों से घिरा यह क्षेत्र ऊपरी, मध्य और निचले किन्नौर हिस्सों में बंटा हुआ है।
किन्नौर के प्रमुख दर्शनीय स्थल ( Places to visit in Kinnaur)
kinnaur Tourist Places: यहां पहुंचने का मार्ग दुर्गम होने के कारण यह क्षेत्र बहुत लंबे समय तक पर्यटकों से अछूता रहा है, लेकिन अब साहसिक और रोमांचप्रिय पर्यटक यहां बडी संख्या में आने लगे हैं। विश्व की विशालतम जन्सकार और ग्रेट हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के आकर्षक नजारे यहां से देखे जा सकते हैं।
रिकांग पिऊ (Reckong Peo)
समुद्र तल से 2670 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रिकांग पिऊ किन्नौर का जिला मुख्यालय है। हाल ही में यहां एक मठ बनाया गया है। 1992 में बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा ने यहां कालचक्र नामक समारोह आयोजित किया था।
रिकांग पिऊ के निकट ही कल्पा की प्राचीन बस्ती है जहां की खूबसूरती को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इसी स्थान पर हू-बू-लेन-कर मठ स्थित है। कहा जाता है कि इस मठ को 950-1055 के बीच रिनचेंगसान पो ने स्थापित करवाया था। किन्नर कैलाश के अदभुत नजारे यहां से देखे जा सकते हैं।
काल्पा (Kalpa)
ओल्ड हिन्दुस्तान तिब्बत रोड पर स्थित काल्पा किन्नौर का प्रारंभिक जिला मुख्यालय था। समुद्र तल से 2759 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह गांव शिमला से 260 किमी. दूर है। हेरिटेज विलेज की तमाम खूबियां यहां देखी जा सकती हैं। प्रात: काल में बर्फीले पहाडों के बीच में उगता हुआ सूर्य की स्वर्णिम आभा यहां से बेहद खूबसूरत लगती है।
यहां का नारायण नागनी मंदिर स्थानीय कला का बेजोड उदाहरण है। काल्पा में अनेक प्राचीन बौद्ध मठ बनें हुए हैं। यह गांव 6050 मीटर ऊंचे किन्नर कैलाश के बहुत ही निकट स्थित है। किन्नर कैलाश को भगवान शिव का शीतकालीन आवास माना जाता है।
सांगला (Sangla)
किन्नौर का यह लोकप्रिय गांव बास्पा नदी के दायें तट पर स्थित है। समुद्र तल से 2621 मीटर ऊंचा स्थित यह गांव अपनी अति उपजाऊ भूमि के लिए लोकप्रिय है। यह गांव ढलान पर बसा हुआ है जिसके पीछे रालदांग पर्वत की विशाल चोटियां देखी जा सकती हैं।
यहां के जंगलों और सदैव बर्फ से आच्छादित पर्वत चोटियों की सुंदरता इसे अन्य स्थानों से अलग बनाती है। बास्पा नदी के बहने के कारण इस स्थान को बस्पा घाटी भी कहा जाता है। यह घाटी किन्नौर जिले की सबसे खूबसूरत घाटियों में एक है।
चिटकुल (Chitkul)
समुद्र तल से 3450 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह बास्पा घाटी का अंतिम और सबसे ऊंचा गांव है। बास्पा नदी के दाहिने तट पर स्थित इस गांव में स्थानीय दैवी माथी के तीन मंदिर बने हुए हैं। कहा जाता है कि माथी के सबसे प्रमुख मंदिर को 500 साल पहले गढवाल के एक निवासी ने बनवाया गया था।
कोठी (Kothi)
काल्पा तहसील के इस विशाल प्राचीन गांव को कोष्टांपी के नाम से भी जाना जाता है। इस गांव के खेत और फलों के पेड इसकी सुंदरता को और बढा देते हैं। दैवी सुआंग चन्द्रिका मंदिर यहां बना हुआ है। यहां के स्थानीय निवासी इस दैवी का बहुत सम्मान करते हैं और इसे बहुत शक्तिशाली मानते हैं। भैरों को समर्पित यहां एक अन्य मंदिर भी खासा लोकप्रिय है।
नीचार (Nichar)
यह गांव तरांगा और वांगटू के बीच सतलुज नदी के बाएं तट पर बसा हुआ है। समुद्र तल से 2150 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह गांव प्राकृतिक दृश्यावली से भरपूर है। यदि इस गांव से ऊपर की ओर जाया जाए तो घोरल, एंटीलोप्स, काले और लाल भालुओं को देखा जा सकता है।
नाको (Nako)
काल्पा से 117 किमी. की दूरी पर नाको स्थित है। हंगरांग घाटी में स्थित यह गांव समुद्र तल से 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह गांव यहां की नाको झील के कारण भी लोकप्रिय है जिसमें गर्मियों के दौरान नौकायन की सुवधा है। सर्दियों में इस झील का पानी जम जाता है और उसमे स्केटिंग की जाती है। बौद्ध मठ भी यहां देखा जा सकता है।
काजा (Kaza)
एक जमाने में काजा स्पीति के प्रमुख की राजधानी थी। स्पीति नदी के बाएं किनारे पर स्थित यह नगर समुद्र तल से 3600 मीटर की ऊंचाई पर है। वर्तमान में काजा स्पीति सब डिवीजन का मुख्यालय है। इस खूबसूरत स्थान में बहुत से बौद्ध मठ और हिन्दु मंदिर देखे जा सकते हैं।
किन्नौर कैंसे पहुंचे (How to Reach Kinnaur by Road, Train & Air)
वायु मार्ग– किन्नौर का निकटतम एयरपोर्ट शिमला में है। दिल्ली से शिमला के लिए सीधी फ्लाइट है।
रेल मार्ग– शिमला को रेलवे स्टेशन किन्नौर का निकटतम रेलवे स्टेशन है जो कालका से नेरो गैज लाइन से जुड़ा हुआ है। शिमला से कालका की दूरी 96 किमी.है।
सड़क मार्ग– सड़क मार्ग से किन्नौर पहुंचने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 22 की प्रयोग किया जाता है। दिल्ली, चंडीगढ, शिमला, मनाली और कुल्लू से किन्नौर के लिए टैक्सी भी की जा सकती है।
किन्नौर के क्या खरीदे (Kinnaur is Famous For)
खरीददारी– किन्नौर हैंडलूम और हस्तशिल्प के सामानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां से शॉल, टोपियां, मफलर, लकड़ी की मूर्तिया और धातुओं से बना बहुत-सा सामान खरीदा जा सकता है। इसके अलावा किन्नौर फलों और ड्राई फूडस के उत्पादन के लिए भी काफी जाना जाता है।
सेब, बादाम, चिलगोजा, ओगला, अंगूर और अखरोट आदि भी यहां से खरीदे जा सकते हैं। काल्पा, रिकांग पिऊ, करचम ताप्री आदि स्थानों में अनेक दुकानें है, जहां से इनकी खरीदारी की जा सकती है।