Kollam (Kerala): History & Places To Visit in Hindi
कोल्लम (Kollam), भारत के केरल राज्य में अरब सागर के किनारे बसा एक बंदरगाह शहर है। प्रशासनिक रूप से यह कोल्लम ज़िले में है और उस ज़िले का मुख्यालय भी है।
Kollam: History, Facts & Tourist Places in Hindi | wiki
राज्य | केरल |
क्षेत्रफल | 73.03 km² |
भाषा | मलयालम |
दर्शनीय स्थल | झील, मैदान, पहाड़, नदियां, बैकवाटर, घने जंगल आदि। |
सम्बंधित लेख | केरल के प्रमुख दर्शनीय स्थल |
कब जाएं | अगस्त से मार्च। |
अरब सागर के तट पर अष्टमुदी झील के निकट बसा कोल्लम एक बंदरगाह नगर है। व्यवसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस नगर का प्राचीन काल से विशेष महत्व रहा है। इब्नेबतूता ने 14वीं शताब्दी में इसे भारत के पांच बड़े बंदरगाहों में शुमार किया था।
माना जाता है कि इस शहर की स्थापना नौवीं शताब्दी में सीरिया के व्यापारी सपीर ईसो ने की थी। कोल्लम को यहां की प्राकृतिक खूबसूरती और विविधताओं के लिए जाना जाता है। समुद्र, झील, मैदान, पहाड़, नदियां, बैकवाटर, जंगल, घने जंगल आदि विविधताएं इसे अन्य स्थानों से पृथक करती हैं।
थंगसेरी– समुद्र के किनार बसा यह गांव अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। अठारहवीं शताब्दी में बने पुर्तगाली और डच किले के अवशेष यहां देखे जा सकते हैं। यहां का लाइटहाउस भी काफी चर्चित है। यह लाइटहाउस आगंतुकों के लिए शाम 3:30 से 5:30 बजे तक खुला रहता है। हर 15 मिनट के अंतराल में कोल्लम से यहां के लिए बसें उपलब्ध है। यह ऐतिहासिक गांव कोल्लम नगर से 5 किमी. की दूरी पर स्थित है।
रामेश्वर मंदिर– इस मंदिर में पांड्य शैली का स्पष्ट छाप देखा जा सकता है। मंदिर में 12 से 16वीं के शताब्दी पुराने अभिलेख खुदे हुए हैं। मंदिर में व्याला दैत्य की नक्कासीदार मूर्ति बनी हुई है।
अंचेनकोइल– पूनालुर से 80 किमी. दूर स्थित यह एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है। यहां के घने जंगलों के बीचों बीच सास्था मंदिर बना हुआ है। मंदिर में स्थापित सास्था की मूर्ति ईसा युग से कुछ शताब्दी पूर्व की मानी जाती है। मांडला पूजा और रेवती नामक दो पर्व यहां बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।
अलुमकडावू– अलुमकडावू कोल्लम शहर से 26 किमी. दूर कोल्लम-अलप्पुजा राष्ट्रीय जलमार्ग पर स्थित है। यहां का ग्रीन चैनल बेकवाटर रिजॉर्ट देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहता है। यहां दूर-दूर तक फैला नीला-हरा पानी इसकी सुंदरता में चार चांद लगाता है। सैकड़ों की तादाद में लगे नारियल के पेड़ ग्रीन चैनल रिजॉर्ट को एक अलग ही पहचान देते हैं।
मायानद– मायानद अपने मंदिरों के लिए चर्चित है। उमयनल्लौर में बना सुब्रह्मण्य मंदिर यहां के नौ मंदिरों में अपना विशेष स्थान रखता है। माना जाता है कि यह मंदिर महान हिन्दू दार्शनिक शंकराचार्य को समर्पित है। मायानद कोल्लम से 10 किमी. की दूरी पर है। कोल्लम से यहां के लिए नियमित बस सेवाएं हैं।
ओचिरा– इस पवित्र तीर्थस्थल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां के परब्रह्म मंदिर में कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है, बल्कि यह मंदिर विश्व बंधुत्व को समर्पित है। आचिरा काली पर्व यहां बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
जटायुपर– चदायमंगलम गांव की इस विशाल चट्टान का नाम पौराणिक पक्षी जटायु के नाम पर पड़ा। कहा जाता है कि रावण से संघर्ष के दौरान वह इस पर गिर पड़ा था। जटायु ने सीता को रावण के चुंगल से मुक्त कराने का प्रयास किया था।
पालारूवी जलप्रपात– पालारूपी का अर्थ दूधिया धारा होता है। 300 फीट की ऊंचाई से चट्टानों पर गिरने वाला यह झरना दूधिया झरने सा दिखाई देता है। यहां का पालारूवी वुड्स लोकप्रिय पिकनिक स्थल है।
पिकनिक विलेज– 48 एकड़ गेस्ट हाउस कॉम्प्लेक्स में आश्रमम पिकनिक विलेज स्थित है। यह केरल का सबसे बड़ा ट्रैफिक पार्क है। यहां समय व्यतीत करने के अनेक माध्यम उपलब्ध हैं। साथ ही ठहरने की भी उत्तम व्यवस्था है। अष्टामुदी झील के बेकवॉटर में नौकायन का आनंद भी लिया जा सकता है।
कोल्लम कैंसे पहुंचे (How To Reach Kollam)
वायु मार्ग– तिरूअनंतपुरम कोल्लम का नजदीकी एयरपोर्ट है जो लगभग 72 किमी. की दूरी पर है। देश के तमाम बड़े शहरों से यह एयरपोर्ट जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग- कोल्लम रेलवे स्टेशन केरल और अन्य राज्यों के अनेक शहरों से रेलमार्ग से जुड़ा है। पड़ोसी शहरों से अनेक रेलगाड़ियां कोल्लम के लिए चलती हैं।
सड़क मार्ग– केरल राज्य सड़क परिवहन निगम की अनेक बसें केरल के अन्य शहरों से कोल्लम जाती है।