Kovalam (Kerala): History & Places To Visit in Hindi
भारत के केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम जिले में स्थित कोवलम (Kovalam) अपने खूबसूरत बीच और ताड़ के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है। सुनहरी रेत को चूमती नीली सागर की लहरें देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक खीचें चले आते हैं।
Kovalam: History, Facts & Tourisr Places in Hindi | wiki
राज्य | केरल |
जिला | त्रिवेन्द्रम जिला |
क्षेत्रफल | 1414 वर्ग किमी. |
भाषा | मलयालम, हिंदी और इंग्लिश |
तापमान | 35 डिग्री से. 20डिग्री से. |
दर्शनीय स्थल | पदमानभस्वामी मंदिर, पदमानभस्वामी महल, शंकुमुघम बीच, विहिन्जम लाइटहाउस, वरकल बीच आदि। |
संबंधित लेख | केरल के प्रमुख पर्यटन स्थल, तिरूवनंतपुरम |
कब जाएं | सितंबर से मार्च। |
केरल के तिरूवनंतपुरम जिले में स्थित कोवालम अपने खूबसूरत बीच और ताड़ के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है। कोवालम के बीच विश्व के सबसे दर्शनीय बीचों में गिना जाता हैं। सुनहरी रेत को चूमती नीली सागर की लहरें देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक खीचें चले आते हैं। यहां की खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यावली और वाटर स्पोट्र्स की गतिविधियां भी बड़ी संख्या में सैलानियों को लुभाती हैं।
ब्रिटिश मिशनरी जार्ज अल्फ्रेड बेकर ने कोवालम के विकास में अहम भूमिका निभाई। वह कोवालम की सुंदरता से इतना प्रभावित थे कि वह यहीं के होकर रह गए। उनके पिता हेनरी बेकर और मां ऐमीलिया ने ही सर्वप्रथम केरल में शिक्षा की ज्योति को जलाया था और आज केरल शिक्षा के मामले में सबसे अग्रणी राज्य है।
पदमानभस्वामी महल– कोवालम का यह महल वेली प4हाड़ियों के समीप स्थित हैं। वेली पहाड़ियों के तल पर बना यह महल कलाकारी का अदभूत उदाहरण है। त्रावनकोर के शासकों का यह निवास स्थल लकड़ी की कारीगरी का उत्तम नमूना है। इस महल की दीवार पर 17वीं और18वीं शताब्दी के चित्रकारी का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया गया है।
पदमनाभास्वामी मंदिर– यह मंदिर भगवान विष्णु के 108 दिव्य स्थानों में एक है। भगवान विष्णु की मूर्ति यहां लेटी हुई मुद्रा में हैं। मंदिर की देखरेख शहर के राजघराने द्वारा की जाती है। कोवालम से 14 किमी. दूर त्रिवेन्द्रम में स्थित यह सात मंजिला मंदिर शहर की ऐतिहासिक निशानी है। द्रविड भवन निर्माण कला का यह मंदिर उत्कृष्ट उदाहरण है। (मुख्य लेख: पदमनाभास्वामी मंदिर
शंकुमुघम बीच– इस बीच पर पर्यटक सांझ की सुंदरता देखने आते है। यहां का मनमोहक सूर्यास्त और सूर्योदय दिल को छु लेने वाला होता है। इस स्थान की सुनहरी रेत और किरणों की लालिमा की सुंदरता का वर्णन नहीं किया जा सकता।
विहिन्जम लाइटहाउस– कोवालम में अरब सागर के तट पर यह लाइटहाउस है। जिस बीच पर यह लाइटहाउस बना है उसे लाइटहाउस बीच कहा जाता है। लाइटहाउस पर चढ़कर कोवालम के खूबसूरत गांवों को देखा जा सकता है।
वरकल बीच– त्रिवेन्द्रम से 55 किमी. दूर यह स्थान केरल का महत्वपूर्ण बीच है। बीच के किनारे पंक्तिबद्ध दुकानों पर हैंडीक्राफ्ट, शंख व अन्य सामान आपको मिल जाएगा। वरकल की पहाड़ी चट्टानों से अरब सागर के लहरों का दृश्य बडा़ खूबसूरत लगता है।
वेली लगून– यह वाटर पार्क पिकनिक मनाने के लिए लोकप्रिय है। यहां के बगीचे, उत्कृष्ट मूर्तिकला, पानी पर झूलते ब्रिज के अलावा एक्वा वाटर स्पोट्र्स पर्यटकों को यहां आने पर मजबूर कर देती है।
श्री चित्र आर्ट गैलरी– यहां राजा रवि वर्मा और रोरिच की पेंटिंग्स का विशाल संग्रह है। इसके अतिरिक्त अजंता, मुगल पेटिंग के साथ साथ जापान, तिब्बत, बाली और चीन की चित्रकारी कला से भी आप यहां रुबरु हो सकते है।
सरकारी कला संग्रहालय– इस संग्रहालय को नैपियर म्युजियम के नाम से भी जाना जाता है। मद्रास के भूतपूर्व गवर्नर जनरल जॉन नैपियर के नाम पर इसका नाम नैपियर म्युजियम पड़ा। वास्तुकला की दृष्टि से इस संग्रहालय को बहुमूल्य रत्न कहा जाता है। इस संग्रहालय में केरल की परंपरागत शैली, चाइनीज और मुगलों की कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है।
पेपारा वन्य जीव अभ्यारण्य– पश्चिमी घाट पर स्थित यह अभ्यारण्य 53 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। विशाल पहाड़ियों और युकेलिप्टस के पेड़ों से घिरे इस अभ्यारण्य में हाथी, सांभर, तेंदुआ, मकाक आदि जानवर पाए जाते है। तिरूवन्तपुरम से 50 किमी. दूर तिरूवनन्तपुरम-पोन्मुड़ी रोड़ पर यह अभ्यारण्य है।
कुथिरा मलिका (महल संग्रहालय)- इस महल को पूथेन मलिका नाम से भी जाना जाता है। यह महल त्रावनकोर के राजा स्वाथि थिरूनल के शासन काल में बना था। वह एक महान कवि और संगीतकार थे। महल में परंपरागत त्रावनकोर शैली में लकड़ी पर नक्काशी की गई है। इस महल में शाही परिवारों की चित्रकारी भी आपको देखने को मिल जाएगी।
कोवलम कैंसे पहुंचे (How To Reach Kovalam)
वायुमार्ग– कोवालम से 14 किमी. की दूरी पर त्रिवेन्द्रम एयरपोर्ट है जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां से बस या टैक्सी द्वारा कोवालम पहुंचा जा सकता है।
रेलमार्ग– त्रिवेन्द्रम नजदीकी रेलवे स्टेशन है। देश के लगभग हरेक राज्य से यह रेलमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग– कोवालम के लिए केरल के विभिन्न जिलों से राज्य परिवहन की बसें नियमित रूप से चलती हैं।
खरीददारी– कोवालम से उपहार और स्मारिकाओं के तौर पर हैंडीक्राफ्ट का सामान खरीदा जा सकता है। कोवालम टीकवुड़ और रोजवुड़ की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। आप यहां के दुकान से हैंडीक्राफ्ट का सामान, दरी और मसालों की खरीददारी कर सकते है। यहां के दुकानों में आपको राजस्थानी, कश्मीरी और तिब्बती सामान भी मिल जाएगा।