Magha Nakshatra: मघा नक्षत्र की सम्पूर्ण जानकारी
Magha Nakshatra: यह 27 नक्षत्रों मे से 10 वा नक्षत्र है। राशिचक्र में 120.00 अंश से 133.20 अंश के मध्य स्थित है। यह एक रहस्यात्मक नक्षत्र है। इसके पांच तारे हैं।
मघा का अर्थ है – महान, बडा।
मघा नक्षत्र (पौराणिक मान्यता)
मघा नक्षत्र के देवता पितृ है। पितृ हमारे पूर्वजो की दिव्य आत्मा होती है। वायु पुराण, ब्रह्म पुराण, मस्य पुराण, पद्म पुराण मे देव और मानव पितरो का वर्णन है। कुछ पितृ स्वर्ग और कुछ पाताल निवासी होते है। मानव पितृ जिनमे देवत्व रहता है, वे स्वर्ग के अधिकारी होते है और हजार महायुग पश्चात जन्म लेकर सृष्टि की रचना करते है।
देवपितृ सात प्रकार के तीन अमूर्त और चार समूर्त होते है। ये वैराज, अग्निश्वत्ता, बर्हिशादा (तीन अमूर्त) और सोमप, हविश्माना, अजयपा, सुकालिन (चार समूर्त) है। इनकी सात मानस पुत्रिया है, इनमें नर्मदा नदी सोमप की पुत्री है, इसे कुंवारी माना जाता है।
विशेषताएँ
मधा जातक परम्परावादी, वंशवादी होता है। जातक पूर्वजो और पालको से मार्गदर्शन प्राप्त करने वाला, शास्त्र प्रणाली का अनुसरण करने वाला, समाज का नेता होता है।
मघा नक्षत्र में जन्म लेने वाले कुछ प्रमुख हस्तिया निम्न है..
- गुरु परमहंस योगानन्द
- महर्षि महेश योगी
- मार्गरेट थेचर (प्रधान मंत्री, इंग्लैन्ड)
- निकता खुश्चैव (सोवियत सुप्रीमो)
क्या करें क्या न करें?
अनुकूल कार्य: यह अनुष्ठान, सार्वजनिक प्रदर्शन, परेड, पुरस्कार समारोह, शोध, धार्मिक गतिविधिया, विवाद निपटारा, जन समर्थन, खोज, विवाह, व्यापार के लिये अनुकूल है।
प्रतिकूल कार्य: यह नक्षत्र उधार, गुलामी की गतिविधिया, भविष्य की योजना तकनीकी प्रक्रियाओ के लिये प्रतिकूल है।
प्रस्तुत फल जन्म नक्षत्र के आधार पर है। कुंडली में ग्रह स्थिति अनुसार फल में अंतर संभव है। अतः किसी भी ठोस निर्णय में पहुंचने के लिए सम्पूर्ण कुंडली अध्यन आवश्यक है।