Vastu Tips: वास्तु अनुसार घर का मुख्य दरवाजा कैसा होना चाहिए?
Main entrance door Vastu tips: वास्तुशास्त्र में मुख्य द्वार का महत्वपूर्ण स्थान होता है और इसे घर या निर्माण संरचना की प्रवेश द्वार के रूप में मान्यता है। दरवाजा घर में सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करने, सुरक्षा और सुख-शांति को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण होता है. यहां कुछ मुख्य दरवाजे के लिए वास्तुशास्त्र के निर्देश हैं:
वास्तु अनुसार मुख्य दरवाजा कैसा होना चाहिए | Main entrance door Vastu tips
1 वास्तु के हिसाब से घर के मुख्य दरवाजे पर छाया नहीं पड़नी चाहिए। ऐसे में जब भी घर का निर्माण करें, तो इस बात का ख्याल रखें कि मुख्य दरवाजे के अगल-बगल में कोई पेड़ अथवा पोल न रहे।
2. मुख्य दरवाजे से लगनी वाली सीढ़ियों की संख्या विषम होनी चाहिए। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि घर के दरवाजे से लगने वाली सीढ़ियों की संख्या 3, 5 अथवा 7 रखें।
3. गृह प्रवेश के मुख्य दरवाजे के अनुपात में उसकी चौड़ाई आधी रखें। अगर मुख्य द्वार की लंबाई 10 फ़ीट है तो दरवाजे की चौड़ाई 5 फ़ीट ही रखें।
4. घर की दिशा में ही मेन गेट होना चाहिए। कभी भी विपरीत दिशा में दरवाजे नहीं रखें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचरण नहीं होता है।
5. घर का मेन गेट घर के अन्य सभी कमरों के दरवाजों से ऊंचा होना चाहिए। वास्तु शास्त्र में इसका उल्लेख है कि यह शुभ होता है।
6. मुख्य द्वार उत्तर दिशा में रखने से धन का आगमन होता है। मुख्य द्वार पूरब दिशा में रहने से घर में शांति बनी रहती है। जबकि पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार रहने से सौभाग्य में वृद्धि होती