Manali Tourism: मनाली के प्रमुख पर्यटन स्थल
Manali Tourism: मनाली (Manali) भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है। यह अपने प्राकर्तिक सौंदर्य और रोमांचित स्थानो के लिए देश-विदेश में जाना जाता है।
मनाली के प्रमुख पर्यटन स्थल (10 Best Places to visit Malani in Hindi)

राज्य | हिमाचल |
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जिला | कुल्लू |
भाषा | पहाड़ी, हिंदी और इंग्लिश |
आकर्षण | हिडिम्बा मंदिर, गुरु वशिष्ठ मंदिर, मनु मंदिर, मणिकर्ण, रोहतांग दर्रा, सोलंग घाटी आदि। |
एडवेंचर | हाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कायकिंग |
अनुकूल समय | अक्टूबर से फरवरी |
Manali Tourist Places: हिमाचल प्रदेश के सुप्रसिद्व कुल्लू जिले में स्थित मनाली समुद्र तल से 2050 मीटर की ऊंचाई पर व्यास नदी के किनारे बसा है। सर्दियों में यहां का तापमान शून्य डिग्री से नीचे पहुंच जाता है। आप मनाली में खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के अलावा हाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कायकिंग जैसे खेलों का भी आनंद उठा सकते है।
Manali Mythological Story: मनाली को हिन्दुओं का पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है। पौराणिक मान्यता अनुसार जब सारा संसार प्रलय में डूब गया था और एकमात्र मनु की जीवित बचे थे। तब मनाली में आकर ही उन्होनें मनुष्य की पुर्नरचना की थी।
#1 हिडिम्बा मंदिर (Hidimba Temple)

हिडिम्बा देवी मंदिर मनाली में हिमाचल प्रदेश में स्थित है। यह एक प्राचीन गुफा-मन्दिर है जो हिडिम्बी देवी या हिरमा देवी को समर्पित है। हिडिम्बा महाभारत में वर्णित भीम की पत्नी थी। मन्दिर का निर्माण राजा बहादुर सिंह ने 1553 ईस्वी में करवाया था।
लकड़ी से निर्मित यह मंदिर पैगोड़ा शैली में बना है। मनाली आने वाले सैलानी यहाँ जरूर आते है। देवदार वृक्षो से घिरे इस मंदिर की खूबसूरती बर्फबारी के बाद देखते ही बनती है। मई के महीने में यहां एक उत्सव मनाया जाता है।
जब पांडवों को लाक्षागृह में जलाकर मारने का षड्यंत्र रचा गया तब विदुर के परामर्श पर वे वहां से छिपकर एक वन में गए। जहाँ महादैत्य हिडिंब अपनी बहन हिंडिबा के साथ रहता था। एक दिन हिडिंब ने अपनी बहन हिंडिबा को वन में भोजन की तलाश करने के लिये भेजा। परन्तु वन में हिंडिबा भीम को देखते ही उन पर मोहित हो गई। इस कारण उन्होंने कुंती समेत पांडवों को नही मारा और खाली हाथ हिडिम्ब के पास लोट गयी।
तब क्रोधित होकर हिडिंब ने पाण्डवों पर हमला कर दिया। परन्तु भीम ने हिडम्ब को युद्ध मे मार डाला। जिसके बाद वन में ही कुंती की सहमति से हिडिंबा एवं भीम का विवाह हुआ। हिडम्बा से घटोत्कच नामक पुत्र हुआ। जो महाभारत के युद्ध पांडवों के पक्ष से लड़ता हुआ, कर्ण के हाथों मारा गया। और पढ़ें: भारत के प्रमुख पात्रों का परिचय
#2 गुरु वशिष्ठ मंदिर (Guru Vashisth Temple)

मनाली से 3 किमी. दूर वशिष्ठ स्थित है। प्राचीन पत्थरों से बने मंदिरों का यह जोड़ा एक दूसरे के विपरीत दिशा में है। एक मंदिर श्री राम को और दूसरा महर्षि वशिष्ठ को समर्पित है।
इस स्थान की अन्य विशेषताओं में यहां स्थित गर्म जल का स्रोत हैं। जहां तीर्थ यात्री इन जलाशयों में पुण्य अर्जित करने की सद्भावना से स्नान करते हैं, वहीं सामान्य लोग चर्म रोग की चिकित्सा के लिए भी इसे फलदायी मानते हैं। और पढ़ें: ऋषि वशिष्ठ का रहस्य
#3 सोलंग घाटी (Solang Valley)

सोलंग घाटी (Solang Valley), हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लू ज़िले में और मनाली से 14 किमी पश्चिमोत्तर रोहतांग मार्ग पर स्थित एक पर्वतीय घाटी है। सोलांग घाटी का नाम इसमें स्थित सोलांग गाँव के नाम पर पड़ा है।
इस खूबसूरत स्थान से ग्लेशियर और बर्फ से ढकी पहाड़ों की चोटियों के मनोहर नजारे देखे जा सकते हैं। सोलंग घाटी स्की लिफ्ट, पैराशूटिंग, पैराग्लाईडिंग और अन्य रोमांचक क्रिड़ाओं के लिए लोकप्रिय हैं। यहां एक मंदिर भी है जो भगवान शिव को समर्पित है।
#4 रोहतांग दर्रा (Rohtang Pass)

रोहतांग दर्रा (Rohtang Pass) भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में मनाली से 50 किमी. दूर समुद्र तल से 4111 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक हिमालय दर्रा हैं। रोहतांग दर्रे से ही व्यास नदी का उदगम हुआ है।
यह पूरे वर्ष हिमग्रस्त रहता है। हिमाचल को लद्दाख़ से जोड़ने वाला मनाली लेह राजमार्ग इस दर्रे से ही गुज़रता है। यह दुनिया की सबसे ऊंची चलने वाली रोड़ भी है जहां हर साल लाखों पर्यटक इस लॉफी पहाड़ पर भ्रमण करने आते हैं।
#5 मणिकर्ण (Manikaran)
गर्म पानी का झरना: मणिकर्ण अपने गर्म पानी के झरनों के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है शिव की पत्नी पार्वती के कर्णफूल यहां खो गए थे। उसके बाद से इस झरने का जल गर्म हो गया। यहां का पानी इतना गर्म है कि इसमें चावल, दाल को उबाला जा सकता है।
माना जाता है कि यहां उपलब्ध गंधकयुक्त गर्म पानी में स्नान करने से बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इसलिए हजारों लोग यहां के जल में पवित्र डुबकी लगाने दूर-दूर से आते हैं।
मणिकर्ण का गुरुद्वारा: गुरुद्वारा मणिकर्ण साहिब गुरु नानकदेव की यहां की यात्रा की स्मृति में बना था। कहा जाता है कि गुरु नानक ने भाई मरदाना और पंच प्यारों के साथ यहां की यात्रा की थी। जिसकी स्मृति में यह गुरुद्वारा बनाया गया है। पंजाब से बडी़ संख्या में लोग यहां आते हैं।
#6 गोधन थेकचोकलिंग मठ (Gadhan Thekchhokling Gompa Monastery, Manali)
गोधन थेकचोकलिंग मठ या गोम्पा मठ मनाली में स्थित एक महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थस्थल है। इसका निर्माण 1969 में तिब्बती शरणार्थियों ने करवाया था। गोम्पा मठ शिवालय शैली की वास्तुकला में बना है।
अपनी प्राचीन स्थिति के अलावा, मठ अपनी दीवार चित्रों, स्तूप और भगवान बुद्ध की एक बड़ी मूर्ति के लिए भी प्रसिद्ध है। मनाली के हरे भरे देहाती परिवेश के बीच गोम्पा मठ की यात्रा करना हमेशा आनंददायक होता है। और पढें: बोध गया के प्रमुख पर्यटन स्थल
#7 व्यास कुंड (Beas Kund)
व्यास कुंड की उत्पत्ति व्यास नदी से मानी जाती है। यह मनाली का फेमस टूरिस्ट स्पॉट है। यहाँ पर स्थित व्यास कुंड पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। यह कुंड पवित्र व्यास नदी का जल स्रोत है।
यहां का पानी एकदम साफ और इतना ठंडा होता है कि उंगलियों को सुन्न कर देता है। स्थानीय किवंदतिंयो के अनुसार, इस कुंड में ऋषि व्यास अपना दैनिक स्नान किया करते थे।
#8 ओल्ड मनाली (Old Manali)
पुराना मनाली (Old Manali), मनाली से 3 किमी. उत्तर पश्चिम में है यह स्थान बगीचों और प्राचीन गेस्टहाउसों के लिए काफी प्रसिद्ध है। मनालीगढ़ नामक क्षतिग्रस्त किला भी यहां देखा जा सकता है। ओल्ड मनाली में खरीदारी करना नई मनाली के भीड़ भरे बाजार में खरीदारी करने से बिल्कुल अलग अनुभव है। यहां मई से अक्टूबर के दौरान भ्रमण करने का आर्दश समय है
#9 मनु मंदिर (Manu Temple)
मनु मंदिर (Manu Temple) पुराने मनाली क्षेत्र के व्यास नदी के तट पर स्थित है, मुख्य बाजार से इस मंदिर की दूरी लगभग 3 किमी. है। ऐसा कहा जाता है कि प्रलय के बाद जब ऋषि मनु धरती पर आए थे। तब उन्होंने यहां पर सबसे पहले ध्यान लगाया था।
यह मंदिर मनाली क्षेत्र का एक प्रमुख मंदिर है और संभवतः भगवान मनु का एक मात्र मंदिर है। हर वर्ष लाखों पर्यटक यहां दर्शन करने आते है।
#10 अर्जुन गुफा (Aruna Gufa)
अर्जुन गुफा और कुल्लू से 24 किलोमीटर और प्रिंसी गांव से इस स्थान 11 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है। कहा जाता है महाभारत के अर्जुन ने यहां तपस्या की थी। जिससे प्रसन्न होकर इन्द्रदेव ने उन्हें पशुपति अस्त्र प्रदान किया था। और पढें: जानें, इंद्रदेव का रहस्य
मनाली कैसे पहुंचे (How to Reach Manali)
वायुमार्ग- मनाली से 50 किमी. की दूरी पर भुंटार नजदीकी एयरपोर्ट है। मनाली पहुंचने के लिए यहां से बस या टैक्सी की सेवाएं ली सकती हैं।
रेलमार्ग- जोगिन्दर नगर नैरो गैज रेलवे स्टेशन मनाली का नजदीकी रेलवे स्टेशन है जो मनाली से 135 किमी. की दूरी पर है।
सड़क मार्ग- मनाली हिमाचल और आसपास के शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन निगम की बसें अनेक शहरों से मनाली जाती हैं।
मनाली से क्या खरीदे (Things to Buy in Manali)
मनाली का हस्तशिल्प का सामान, ऊन के शॉल और कुल्लू टोपिया बहुत पसंद की जाती हैं। घर की सजावट, उपहार और स्मारिकाओं की निशानी के तौर पर इन्हें खरीदा जा सकता है। यहां तिब्बती हस्तशिल्प का सामान बड़ी मात्रा में मिलता है।
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