Manchahi Santan: मनचाही संतान प्राप्ति के ज्योतिषीय उपाय
Manchahi Santan: संतान प्राप्ति एक अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण मोमेंट है जो हर जोड़े की जिंदगी में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस लेख में, हम उन उपायों और सूत्रों को जानेंगे जो जोड़ों को संतान प्राप्ति में सहायक हो सकते हैं।
माता-पिता बनने का एक अद्भुत अनुभव है और यह जीवन में कई खुशिया लाता है। हिन्दू धर्म में संतान प्राप्ति को हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्तव्य माना जाता है। इस्लाम में भी संतान प्राप्ति को एक महत्वपूर्ण आशीर्वाद माना जाता है। धर्म में संतान प्राप्ति को ईश्वर का वरदान माना जाता है।
मनचाही संतान प्राप्ति के ज्योतिषीय उपाय (Manchahi Santan Prapti Upay)
क्या आप और आपका पार्टनर संतान की प्राप्ति की इच्छा रख रहे हैं? अगर हां, तो ज्योतिष में कुछ उपाय हैं जो आपको इस मार्ग में मदद कर सकते हैं। यहां हम विभिन्न ज्योतिषीय उपायों की एक झलक प्रस्तुत कर रहे हैं, जो संतान प्राप्ति में मदद कर सकते हैं।
- यदि किसी दम्पति को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो वह स्त्री शुक्ल पक्ष में अभिमंत्रित संतान गोपाल यंत्र को अपने घर में स्थापित करके लगातार 16 गुरुवार को ब्रत रखकर केले और पीपल के वृक्ष की सेवा करें उनमे दूध चीनी मिश्रित जल चड़ाकर धुप अगरबत्ती जलाये फिर मासिक धर्म से ठीक तेहरवीं रात्रि में अपने पति से रमण करें संतान सुख अति शीघ्र प्राप्त होगा ।
- पति पत्नी गुरुवार का ब्रत रखें या इस दिन पीले वस्त्र पहने , पीली वस्तुओं का दान करें यथासंभव पीला भोजन ही करें।
- संतान सुख के लिए स्त्री गेंहू के आटे की 2 मोटी लोई बनाकर उसमें भीगी चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर नियमपूर्वक गाय को खिलाएं।
- शुक्ल पक्ष में बरगद के पत्ते को धोकर साफ करके उस पर कुंकुम से स्वस्तिक बनाकर उस पर थोड़े से चावल और एक सुपारी रखकर सूर्यास्त से पहले किसी मंदिर में अर्पित कर दें और प्रभु से संतान का वरदान देने के लिए प्रार्थना करे।
- किसी भी गुरुवार को पीले धागे में पीली कौड़ी को कमर में बांधने से संतान प्राप्ति का प्रबल योग बनता है।
- संतान प्राप्ति के लिए स्त्री पारद शिवलिंग का नियम से दूध से अभिषेक करें। उत्तम संतान की प्राप्ति होगी ।
- हर गुरुवार को भिखारियों को गुड का दान देने से भी संतान सुख प्राप्त होता है ।
- पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आम की जड़ को लाकर उसे दूध में घिसकर पिलाने से स्त्री को अवश्य ही संतान की प्राप्ति होती है यह अत्यंत ही सिद्ध / परीक्षित प्रयोग है ।
- रविवार को छोड़कर अन्य सभी दिन निसंतान स्त्री यदि पीपल पर दीपक जलाये और उसकी परिक्रमा करते हुए संतान की प्रार्थना करें उसकी इच्छा अति शीघ्र पूरी होगी ।
- श्वेत लक्ष्मणा बूटी की 21 गोली बनाकर उसे नियमपूर्वक गाय के दूध के साथ लेने से संतान सुख की अवश्य ही प्राप्ति होती है ।
- उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में नीम की जड़ लाकर सदैव अपने पास रखने से निसंतान दम्पति को संतान सुख अवश्य प्राप्त होता है ।
- नींबू की जड़ को दूध में पीसकर उसमे शुद्ध देशी घी मिला कर सेवन करने से पुत्र प्राप्ति की संभावना बड़ जाती है ।
- माघ शुक्ल षष्ठी को संतानप्राप्ति की कामना से शीतला षष्ठी का व्रत रखा जाता है। कहीं-कहीं इसे ‘बासियौरा’ नाम से भी जाना जाता हैं। इस दिन प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर मां शीतला देवी का षोडशोपचार-पूर्वक पूजन करना चाहिये। इस दिन बासी भोजन का भोग लगाकर बासी भोजन ग्रहण किया जाता है ।
- उत्तम पुत्र प्राप्ति हेतु स्त्री को हमेशा पुरूष के बायें तरफ़ सोना चाहिये. कुछ देर बांयी करवट लेटने से दायां स्वर और दाहिनी करवट लेटने से बांया स्वर चालू हो जाता है. इस स्थिति में जब पुरूष का दांया स्वर चलने लगे और स्त्री का बांया स्वर चलने लगे तभी दम्पति को आपस में सम्बन्ध बनाना चाहिए. इस स्थिति में अगर गर्भादान हो गया तो अवश्य ही पुत्र उत्पन्न होगा. कौन सा स्वर चल रहा है इसकी जांच नथुनों पर अंगुली रखकरकर सकते है ।
- योग्य कन्या संतान की प्राप्ति के लिये स्त्री को हमेशा पुरूष के दाहिनी और सोना चाहिये. इस स्थिति मे स्त्री का दाहिना स्वर चलने लगेगा और स्त्री के बायीं तरफ़ लेटे पुरूष का बांया स्वर चलने लगेगा. इस स्थिति में अगर गर्भ ठहरता है तो निश्चित ही सुयोग्य और गुणवान कन्या प्राप्त होगी ।
- प्राचीन संस्कृत पुस्तक ‘सर्वोदय’ में लिखा है कि गर्भाधान के समय स्त्री का दाहिना श्वास चले तो पुत्री तथा बायां श्वास चले तो पुत्र होगा ।
- मासिक धर्म शुरू होने के प्रथम चार दिवसों में सम्बन्ध बनाने से पुरूष अनेको रोगों को प्राप्त सकता है ।
- कुछ राते ये भी है जिसमे हमें सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिए .. जैसे अष्टमी, एकादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा और अमवाश्या ।
- गर्भाधान के लिए ऋतुकाल की आठवीं, दसवी और बारहवीं रात्रि सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इन रात्रियों में सम्बन्ध बनाने के बाद स्त्री के गर्भधारण करने से संतान की कामना रखने वाले दम्पतियों को श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति की सम्भावना बहुत बड़ जाती है ।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये उपाय संतान प्राप्ति की संभावनाओं को बढ़ाते हैं। यह भी ध्यान रखें कि ज्योतिषीय उपाय करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह ले लेनी चाहिए।
अगर आप हमारे अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेना चाहते है तो हमसे टेलीग्राम में संपर्क कर सकते है।