Mandla (M.P): History & Tourist Places in Hindi
मंडला (Mandla) ज़िला भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक शहर है। यह मंडला ज़िले का मुख्यालय भी है।
Mandla: History, Facts & Tourist Places in Hindi | wiki
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 5800 Sq. Km. |
भाषा | हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | रामनगर किला, मंडला मेहर कुटी, मतियारी बांध, राष्ट्रीय जीवाश्म पार्क, कान्हा राष्ट्रीय पार्क आदि। |
प्रसिद्धि | एशिया में अपने वन्यजीव अभ्यारण्यों के लिए प्रसिद्ध |
संबंधित लेख | मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल |
कब जाए | अक्टूबर से मार्च। |
मध्य प्रदेश का मंडला जिला पूरे भारत और एशिया में अपने वन्यजीव अभ्यारण्यों के लिए प्रसिद्ध है। 5800 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में फैला यह आदिवासी जिला विविध वन्यजीवों और वनस्पतियों से संपन्न है। गोंड और बैगा यहां की प्रमुख आदिवासी जातियां हैं।
मंडला के प्रमुख दर्शनीय स्थल (Best Places To visit in Mandla)
Mandla Tourist Places: मंडला का कान्हा राष्ट्रीय पार्क विश्व प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए देशी-विदेशी सैलानी निरंतर आते रहते हैं। इसके अलावा रामनगर किला, मंडला मेहर कुटी, राष्ट्रीय जीवाश्म पार्क और फेन वन्यजीव अभ्यारण्य प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
रामनगर किला (Ramnagar Fort)
इस किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में गोंड राजाओं ने करवाया था। किले को तीन दिशाओं से नर्मदा नदी ने घेर रखा है, जबकि चौथी दिशा में एक खाई है। माना जाता है कि किले से जबलपुर के मदन महल जाने के लिए एक गुप्त मार्ग है। किले के भीतर एक तिमंजिला क्षतिग्रस्त महल भी देखा जा सकता है।
मेहर कुटी (Meher Kuti Mandla)
संत मेहर बाबा से संबंधित यह मंडला जिले का एक पवित्र स्थल है। इस आश्रम को मेहराबाद पहाडी पर स्थित बाबा की समाधि के समकक्ष माना जाता है। आश्रम के भीतर एक विशाल प्रार्थना कक्ष बना हुआ है।
मतियारी बांध (Matiyari Dam)
यह बांध मंडला जिले के सिमरिया के निकट स्थित है, जो जबलपुर से करीब 95 किमी. की दूरी पर है। बांध मतियारी नदी पर बना हुआ है। मतियारी नर्मदा नदी की उपनदी है। यह बांध 29 मीटर ऊंचा है।
राष्ट्रीय जीवाश्म पार्क (Mandla Plant Fossils National Park)
0.27 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैले इस पार्क की स्थापना 1983 में की गई थी। पार्क शाहपुरा से लगभग 13 किमी. दूर है। हजारों वर्ष पूर्व के जानवरों और वृक्षों के जीवाश्म यहां देखे जा सकते हैं। इन जीवाश्मों को उनकी प्राकृतिक अवस्था में रखा गया है। नवंबर से मई का समय यहां आने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
कान्हा राष्ट्रीय पार्क (Kanha Tiger Reserve)
मध्य प्रदेश के मंडला, बालाघाट, कवरधा और दिन्डोरी जिले में फैला यह पार्क एशिया के सबसे लोकप्रिय वन्जजीव पार्को में एक है। पार्क के जीव जंतुओं को देखने के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों का यहां नियमित आना जाना लगा रहता है।
1945 वर्ग किमी. में फैला यह पार्क टाईगर, बिसन, गौर, सांभर, चीतल, बारासिंहा, बार्किंग डीयर, ब्लक डीयर, ब्लैक बक, तेंदुआ आदि पशुओं का गृह माना जाता है।
इनके अलावा पक्षियों की लगभग 200 दुर्लभ प्रजातियां भी यहां देखी जा सकती हैं। नवंबर से जून और फरवरी से अप्रैल का समय यहां आने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
फेन वन्यजीव अभ्यारण्य (Leempani Camp Phen Wildlife Sanctuary)
110 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैले इस अभ्यारण्य की स्थापना 1983 में की गई थी। विविध प्रकार के जीव-जंतु और वनस्पतियों को यहां देखा जा सकता है। यह अभ्यारण्य कान्हा राष्ट्रीय पार्क उत्तर पूर्व में स्थित है।
इस अभ्यारण्य में मुख्यत: टाईगर, तेंदुए, वाइल्ड बोर, चीतल, सांभर, नीलगाय, भेड़िए और पेंथर आदि जानवर पाए जाते हैं। इनके अलावा पक्षियों की अनेक प्रजातियां भी यहां देखी जा सकती हैं। नवंबर से जून का समय यहां आने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
महादवानी (Mehadwani)
शाहपुरा रोड पर स्थित यह मंडला जिले का एक छोटा-सा नगर है। जिले के उत्तर में स्थित यह नगर ट्रैकिंग में रूचि रखने वाले सैलानियों के लिए आदर्श जगह है। मागांव का ट्रैकिंग रूट इस जिले के दक्षिण से होकर गुजरता है। महादवानी जबलपुर से करीब 81 किमी. की दूरी पर है।
मंडला कैंसे पहुंचे (How To Reach Mandla)
वायु मार्ग– मंडला का नजदीकी एयरपोर्ट जबलपुर में है। जबलपुर एयरपोर्ट मध्यप्रदेश और पडोसी राज्यों के अनेक शहरों से वायुमार्ग द्वारा जुड़ा है।
रेल मार्ग– जबलपुर रेलवे स्टेशन मंडला का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से रेलमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
सडक मार्ग– मंडला जिला सड़क मार्ग द्वारा राज्य और पडोसी राज्य के अनेक शहरों से जुड़ा है। राज्य परिवहन की बसें मंडला के लिए चलती हैं।
कहां ठहरें– मंडला के कान्हा क्षेत्र में ठहरने के लिए होटलों की गेस्ट हाउस की उचित व्यवस्था है।