मांगलिक दोष कारण और निवारण: Manglik Dosh Books With PDF & Review in Hindi
Manglik Dosh Books: मांगलिक दोष या “मंगलिक दोष” भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण विषय है, जो विवाह के लिए कुंडली मिलान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह दोष तब बनता है जब मंगल ग्रह व्यक्ति की कुंडली के 1, 4, 7, 8, या 12वें घर में स्थित होता है। ज्योतिष के अनुसार, मांगलिक दोष विवाह के बाद दांपत्य जीवन में समस्याओं का कारण बन सकता है।
मांगलिक दोष का प्रभाव
- वैवाहिक जीवन में तनाव: मांगलिक दोष होने पर पति-पत्नी के बीच झगड़े और मतभेद बढ़ सकते हैं।
- स्वास्थ्य समस्याएं: यह दोष जीवन साथी के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
- वित्तीय अस्थिरता: मांगलिक दोष आर्थिक परेशानियों का कारण बन सकता है।
- देर से विवाह: मांगलिक दोष से विवाह में विलंब हो सकता है।
मांगलिक दोष के प्रकार: मांगलिक दोष को मुख्य रूप से दो प्रकारों में बांटा जा सकता है:
- पूर्ण मांगलिक दोष: जब मंगल पूर्ण रूप से नकारात्मक प्रभाव डालता है।
- आंशिक मांगलिक दोष: जब मंगल का प्रभाव सीमित होता है।
मांगलिक दोष कारण एवं निवारण (शशि मोहन बहल) Book PDF
Title: | मांगलिक दोष कारण एवं निवारण |
Author: | Shashi Mohan Bahal |
Publisher: | Maruti Prakashan, Meerut |
Language: | Hindi |
Pages: | 175 |
Cover: | PAPERBACK |
PDF: | Available |
कन्याओं का विवाह प्रारम्भ से ही समस्यापूर्ण रहा है, परन्तु आज के समय में समाज में यह स्थिति और भी जटिल हो गयी है। अनेकानेक कन्याओं की वरमाला उनके हाथों में ही प्रतीक्षा करते-करते मुरझा जाती है अथवा उनका परिणय तब सम्पन्न होता है जब उनके जीवन में यौवन लगभग समाप्त हो जाता है। वैवाहिक विलम्ब के अनेक कारण हो सकते हैं।
आर्थिक विषमता, शिक्षा की स्थिति, पारिवारिक पृष्ठभूमि, रूप-रंग, पारिवारिक संस्कार, महत्वाकांक्षा, वैचारिक अन्तर्विरोध आदि अनेक कारण वैवाहिक विलम्ब के लिए उत्तरदायी होते हैं। कन्या के वयस्क होते ही उसके अभिभावक उसके विवाह का उपक्रम प्रारम्भ कर देते हैं। अगर उचित समय पर अनुकूल वर उपलब्ध नहीं होता तब माता-पिता जन्मपत्रिका लेकर ज्योतिर्विदों की शरण में जाते हैं।
वह विद्वान् ज्योतिषी विवाह में विलम्ब का सारा दोष मंगल ग्रह के सिर पर मढ़ देते हैं। मंगल ग्रह का प्रभाव अन्य ग्रहों से सर्वथा विपरीत है। यह बहुत बातों में हमारी पृथ्वी के समान है। मंगल ग्रह के विशेष लक्षणों का स्मरण करने में पुराण बहुत सहायक है। मंगल शौर्य का प्रतिनिधि, युद्ध का देवता तथा देवताओं की सेना का सेनापति है। अतः मंगल गर्म स्वभाव का, धैर्यहीन, झगड़ालू और लड़ाका है, कृशकाय दृढ़ और लम्बा है।
मंगलीक दोष कारण एवं निवारण : डा० भोजराज द्विवेदी
Title: | मंगलीक दोष कारण एवं निवारण |
Author: | Dr. Bhojraj Dwivedi |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt. Ltd. |
Language: | Hindi |
Edition: | 2023 |
ISBN: | 9798128809933 |
Pages: | 192 |
Cover: | Paperback |
PDF: | Not Available |
मांगलिक दोष एवं विवाह कारण और निवारण (आचार्य विवेक श्री कौशिक)
Name: | मांगलिक दोष एवं विवाह कारण और निवारण |
Publisher: | SHILALEKH PUBLISHERS, DELHI |
Author: | Acharya Vivekshree Kaushik |
Language: | HINDI |
Edition: | 2020 |
ISBN: | 9788173292262 |
Pages: | 175 |
Cover: | HARDCOVER |
PDF: | Not Available |
निष्कर्ष
मांगलिक दोष के प्रभाव को ज्योतिषीय उपायों और सही मार्गदर्शन से कम किया जा सकता है। यदि सही उपाय किए जाएं तो यह दोष जीवन में बाधा नहीं बनेगा। ज्योतिष विशेषज्ञ की सलाह लेकर समाधान प्राप्त करें और सुखी वैवाहिक जीवन का आनंद लें।
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