Mon (Nagaland): History & Tourist Places in Hindi
मोन (Mon) नागालैंड में स्थित एक नगर है। यह जिले का मुख्यालय भी हैं। जंगल, नदियों और पहाड़ मोन को ख़ूबसूरत बनाते हैं।
राज्य | नागालैंड |
क्षेत्रफल | 1,786 वर्ग कि.मी. |
ग्लोब पर स्थिति: | 26 डिग्री 45 इंच उत्तरी अक्षांश और 94 डिग्री 49 इंच पूर्वी देशांतर पर स्थित है। |
भाषा | अंग्रेजी, हिंदी |
दर्शनीय स्थल | नागिनमोड़ा, लोंगवा गांव, शांगन्यु गांव, वेद चोटी, चेनलोइसो आदि। |
मोन में द्वितीय विश्वयुद्ध से जुड़ी अनेक वस्तुओं और शिलालेखों को देखा जा सकता है। इनके अलावा यहां पर जंगलों, नदियों और पहाड़ों के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। दिखू, तीजित, टेहोक और टेकांग इसकी प्रमुख नदियां है। यह नदियां युवा पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती हैं क्योंकि इनके किनारे वाटर स्पोर्टस का इंतजाम किया गया है जो उन्हें बहुत पसंद आते हैं।
प्राकृतिक सुन्दरता और वाटर स्पोर्टस के अलावा इसके निवासी और उनकी संस्कृति भी पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है। यह आदिवासी वर्ष में कई उत्सवों का आयोजन करते हैं जिनमें आओलिंग, मोन्यू और लाओलोंगमों प्रमुख है। यह उत्सव काफी रंग-बिरंगे होते हैं और सबको बहुत पसंद आते हैं।
नागिनमोड़ा: मोन का नागिनीमोड़ा बहुत खूबसूरत स्थान है। यहां पर पर्यटक शानदार दृश्य देख सकते हैं। स्थानीय निवासियों के अनुसार पहले इसका नाम लखन था और इस पर अहोम राजा का शासन था। यहां पर उनकी रानी का निधन हो गया था।
इस कारण राजा ने अपनी पत्नी की स्मृति में इसका नाम लखन से बदलकर नागिनीमोड़ा कर दिया। यह दो शब्दों नागिनी और मोड़ा से मिलकर बना है। इनमें नागिनी का अर्थ होता है नागा रानी और मोड़ा का अर्थ होता है मृत्यु
लोंगवा गांव: नागिनीमोड़ा घूमने के बाद पर्यटक लोंगवा गांव के खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। इस गांव का आधा भाग नागालैंड में और आधा भाग म्यांमार में बसा हुआ है। लोंगवा से होकर चार नदियां बहती हैं जो इसकी सुन्दरता को कई गुणा बढ़ा देती हैं।
इन नदियों में दो नदियां भारत में और दो नदियां म्यांमार में बहती हैं। इस गांव की सबसे महत्वपूर्ण बात है कि ग्रामवासियों को भारत और म्यांमार दोनों की नागरिकता प्राप्त है।
शांगन्यु गांव: शांगुन्य गांव में लकड़ी से बना खूबसूरत अंग घर देखा जा सकता है। कहा जाता है कि इसका निर्माण दो भाइयों ने आत्माओं की सहायता से किया था। एक अनुमान के अनुसार इसका निर्माण लौहयुग में किया गया था।
इसकी लंबाई-चौडाई 189 फीट और ऊंचाई लगभग 14 फीट है। इसके सामने एक पत्थर का स्मारक भी है जिसके अनुसार यह घर लगभग 500-600 वर्ष पुराना है। अब इस घर को एक संग्रहालय में देखा जा सकता है।
वेद चोटी: मोन की सबसे ऊंची चोटी का नाम वेद चोटी है। इस चोटी से ब्रह्मपुत्र नदी और म्यांमार की चिंदविन नदी के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। चोटी के पास एक खूबसूरत झरना भी है जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाता है।
इस जगह को मोन की सबसे खूबसूरत जगहों में गिना जाता है। पर्यटकों को यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है क्योंकि इसके खूबसूरत वातावरण में खुशी के पल बिताना उन्हें बहुत पसंद आता है।
चेनलोइसो: यह मोन का सबसे बड़ा गांव है और बहुत खूबसूरत है। यहां पर एक संग्रहालय का निर्माण किया गया है। इसका नाम वालू है। इस संग्रहालय में पर्यटक पारंपरिक आभूषणों और खोपड़ियों को देख सकते हैं। संग्रहालय के अलावा यहां पर चेनथरोन और मान्या नामक महिलाओं के पदचिन्ह भी देखे जा सकते हैं।
मोन कैसे पहुंचे (How To Reach Mon, Nagaland)
वायु मार्ग: असम के जोरहट हवाई अड्डे से मोन तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। हवाई अड्डे से मोन की दूरी 161 कि.मी. है।
रेल मार्ग: अभी तक मोन में रेलवे लाईन नहीं बिछाई गई है। अत: रेल द्वारा मोन पहुंचने के लिए पहले भोजू रेलवे स्टेशन तक पहुंचन पड़ता है। स्टेशन से मोन तक पहुंचने के लिए बस या टैक्सी ली जा सकती है।
सड़क मार्ग: बसों और सोनारी होते हुए आसानी से मोन तक पहुंचा जा सकता है। सोनारी से मोन 65 कि.मी. की दूरी पर है।