Munger (Bihar): History & Tourist Places in Hindi
मुंगेर (Munger) भारत के बिहार राज्य के मुंगेर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है, तथा मुंगेर ज़िले का और मुंगेर विभाग का मुख्यालय भी है।
राज्य | बिहार |
क्षेत्रफल | 1419.7 वर्ग किलोमीटर |
भाषा | हिंदी |
दर्शनीय स्थल | मुंगेर का किला, चंडी स्थान, कष्टहरणी घाट, मनपत्थर सीता चरण |
विशेष | सीता कुंड, महाभारत काल का मोदगिरी आज का मुंगेर, श्रृंगऋषि आदि। |
कब जाएं | अक्टूबर से मार्च। |
महाभारत काल का मोदगिरी आज मुंगेर के नाम से जाना जाता है। मुंगेर बंगाल के अंतिम नवाब मीरकासिम की राजधानी भी था। यहीं पर मीरकासिम ने गंगा नदी के किनारे एक भव्य किले का निर्माण कराया था।
मुंगेर जिला तीन सब डीवीजन, मुंगेर, खड़गपुर और तारापुर में बंटा हुआ है। यहां का मुख्य फसल धान और गेहूँ है। इसके अलावा मुंगेर बंदूक कारखाना और सिगरेट फैक्ट्री के लिए प्रसिद्ध है।
मुंगेर का किला
इस किले के संबंध में कहा जाता है कि यह महाभारत काल का ही है। लेकिन 1934 में आए भीषण भूकंप से क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन इसका अवशेष अभी भी शेष है। इस किला में चार द्वार हैं, जिसमें उत्तरी द्वार को लाल दरवाजा के नाम से जाना जाता है। किले में स्थित गुप्त सुरंग पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र है।
पीर शाह नफाह का मकबरा
पीर शाह नूफा का गुंबद किला के दक्षिणी द्वार के सामने एक टीले पर स्थित है। यह जगह बुद्धिष्ठ ढ़ांचे की अंतिम निशानी से भी पर्यटकों को रूबरू कराता है। इस गुंबद में एक बड़ा सा प्रार्थना कक्ष है जिससे एक कमरा भी जुड़ा हुआ है। गुंबद के अंदर नक्काशी किया हुआ कुछ पत्थर भी देखने को मिलता है जो संभवत: हिन्दू मंदिर का अवशेष प्रतीत होता है। दरगाह के प्रवेश द्वार पर एक शिलालेख लिखा है:
“बारी आली तेरी सरकार है नाफ़ाह-शाह;
माशा-अल्लाह सही दरबार है नाफ-शाह। ‘
चंडी स्थान
मुंगेर के पूर्वोत्तर कोने, चंडी स्थान, मुंगेर शहर से सिर्फ 2 किलोमीटर दूर है। एक सिद्धपीठ होने के नाते चंडी स्थान को सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है,।
कष्टहरणी घाट
प्रचलित किंवदंतियों के अनुसार, गंगा नदी के घाट पर स्नान करने से एक व्यक्ति का सभी कष्ट दूर हो गया था, उसी वक्त से इस घाट को ”कष्टहरिणी घाट’ के नाम से जाना जाता है। इस पवित्र घाट के समीप ही नदी के बीच में माता सीताचरण का मंदिर स्थित है। यहां जाने के लिए नावों का सहारा लिया जाता है।
मनपत्थर सीता चरण
सीता चरण कष्टहरनी घाट के बहुत करीब है,यह किले से करीब दो मील की दूरी पर नदी के बिस्तर में एक चट्टान है| पत्थर में दो चरणों का निशान है, जिसे सीता माँ का चरण माना जाता है। यह पत्थर 250 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा है उस जगह पर एक छोटा मन्दिर भी है|
शाह शुजा का महल
शाह शुजा का महल मुंगेर के खूबसूरत स्थानों में से एक है। आजकल इसको एक जेल के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। जेलर के ऑफिस के पश्चिम में तुर्की शैली में बना (खुले छत) एक बड़ा सा स्नानागार है। महल के बाहर एक बड़ा सा कुंआ है जो एक गेट के माध्यम से गंगा नदी से जुड़ा हुआ है। हालांकि अब इसको ढ़ंक दिया गया है, अन्यथा पर्यटकों के लिए यह काफी दिलचस्प था।
सीता कुंड
मुंगेर से 6 कि.मी. पूर्व में स्थित ‘सीता कुंड’ मुंगेर आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस कुंड का नाम पुरुषोत्तम राम की धर्मपत्नी सीता के नाम पर रखा गया है।
सीता कुंड गर्म पानी का कुंड है, जो आगंतुकों के बीच बहुत सारे जिज्ञासा पैदा करती है। उत्तर में ठंडे पानी का एक भंडार है, जिसे रामकुंड कहा जाता है। जबकि पश्चिम में तीनों राम के तीन भाई, लक्ष्मण कुंड, भरत कुंड, और शत्रुघन के कुंड है। माघ मास के पूर्णिमा (फरवरी) में स्नान करने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
श्रृंगऋषि
खड़गपुर की पहाडि़यों पर स्थित यह तीर्थस्थल काफी मशहूर है। यह मुंगेर से 32 कि.मी. दक्षिण-पश्चिम में लक्खीसराय जिला (कजरा) के समीप स्थित है। ठंड के मौसम में इस झरने का पानी हल्का गर्म हो जाता है जिसमें स्नान करने के लिए दूर दराज से पर्यटक आते हैं।
इस स्थान का नाम प्रसिद्ध ऋषि श्रृंग के नाम पर रखा गया है। शिवरात्रि के शुभ अवसर पर (फरवरी) श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। पर्यटकों के बीच यहां का झरना आकर्षण के केंद्र बिंदू में रहता है।
गोयनका शिवालय मिर्ची तालाब
खूबसूरत मंदिरों की श्रृंखला में गोयनका शिवालय एक उज्जवल नाम है। शिव मंदिर एक बड़ी पानी की टंकी के बीच में बनाया गया है, जो बड़ी और सुंदर मछलियों से भरा है। सफेद संगमरमर की चट्टान-ठोस पुल सड़क मुख्य परिसर से मिलती है। भगवान शिव से जुड़े त्यौहार के दिनों में, परिसर श्रद्धालुयों से भरा रहता है।
मुंगेर कैंसे पहुंचे (How To Reach Munger)
हवाई मार्ग– मुंगेर आने के लिए जयप्रकाश अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, जो यहां से लगभग 183 कि.मी. दूर राजधानी पटना में स्थित है, से आया जा सकता है।
रेल मार्ग– मुंगेर स्थानीय रेलसेवा से जुड़ा हुआ है, लेकिन यहां का प्रमुख रेलवे स्टेशन जमालपुर है। जमालपुर देश के विभिन्न राज्यों से जुड़ा है, जैसे दिल्ली, हावड़ा, पटना, भागलपुर आदि। मुंगेर से गया के लिए भी सीधी ट्रेन है।
सड़क मार्ग– यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग 80 पर स्थित है, जो लगभग सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। भागलपुर के माध्यम से यह शहर उत्तरी बिहार और मध्य बिहार के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
कहां ठहरें– ठहरने के लिए राज्य पर्यटन मंत्रालय के द्वारा भी होटलें चलाई जाती हैं। इसके अलावा निजी होटल, रेस्ट हाउस और धर्मशाला भी आसानी से उपलब्ध हो जाता हैं।