नाग पंचमी: व्रत कथा मुहूर्त एवं पूजा विधि
Nag Panchami 2021: श्रावण (सावन) शुक्ल पंचमी को नाग की पूजा की जाती है। इसलिए इस तिथि को नाग-पचमी कहते है। आइये जानते है नाग पंचमी व्रत कथा, मुहूर्त एवं पूजा विधि।
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नाग पंचमी त्योहार | The festival of snakes
हिंदू धर्म में नाग और नाग पंचमी का विशेष महत्व होता है। नागो मे अनन्त, वासुकी, शेष, पद्म, कवल, कर्कोट्रक, अस्वतर, घतराष्ट शङ्खपाल, कालिया, तक्षक और पिंगल बारह नाग प्रसिद्ध है। श्री राम के भाई लक्ष्मण और कृष्ण के भाई बलराम शेषनाग का ही अवतार है।
चादी, सोना, काठ अथवा मिट्टी की कलम से हल्दी तथा चन्दन की स्याही बनाकर पाच फन वाले पाच नाम लिखे। पचमी के दिन खीर, पंचामृत, पुष्प तथा धूप, दीप, नवेद्य आदि से विधिवत् नागो का पूजन करे।
नाग पंचमी कथा | Nag Panchami Vrat Katha in Hindi
एक किसान परिवार समेत मणिपुर नामक नगर मे रहता था। उसके दो लड़के और एक कन्या थी। एक समय जबकि वह अपने खेत मे हल जोत रहा था, उसके हल की फाल मे विधकर साँप के तीन बच्चे मर गये। बच्चों की माता नागिन ने प्रथम तो बहुत विलाप किया। फिर अपने बच्चों को मारने वाले से बदला लेने का संकल्प किया।
रात्रि के समय नागिन ने उक्त किसान, उसकी स्त्री और दोनों बच्चो को डस लिया, जिससे वे चारों मर गये। दूसरे दिन वह नागिन जब कन्या को उसने के लिये गई, तब कन्या ने डरकर उसके सामने दूध का कटोरा रख दिया और वह क्षमा प्रार्थना करने लगी। यद्यपि लड़की को मालूम नहीं था, परन्तु वह दिन नागपञ्चमी का था।
इस कारण नागिन ने प्रसन्न होकर लड़की से वर माँगने को कहा। लड़की ने यह वर मोगा कि मेरे माता-पिता और दोनों भाई पुनः जीवित हो जायँ और जो आज के दिन नागों की पूजा करे, उसको कभी नाग के डसने की बाधा न हो। नागिन लड़की को वरदान देकर चली गई। कहते है, उसी दिन से लोक मे नागपंचमी के पूजन का प्रचार हुआ।
नाग पंचमी पूजा विधि | Nag Panchami Pooja Vidhi In Hindi
- सर्वप्रथम प्रातः उठकर घर की सफाई कर नित्यकर्म से निवृत्त हो जाएँ।
- पश्चात स्नान कर साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजन के लिए सेंवई-चावल आदि ताजा भोजन बनाएँ। (कुछ स्थानों पर नागपंचमी के दिन बासी भोजन किया जाता है)
- इसके बाद घर के दरवाजे के दोनों तरफ गाय के गोबर से सर्पाकृति बनाकर अथवा सर्प का चित्र बनाएं।
- फिर नागदेवता की दधि, दूर्वा, कुशा, गंध, अक्षत, पुष्प, जल, कच्चा दूध, रोली और चावल आदि से पूजन करें।
- खीर, सेंवई व मिष्ठान से उनका भोग लगायें अंत मे कथा सुन आरती करें।
इस दिन शिव पूजन का भी विशेष महत्व है। इस दिन नाग और शिव की आराधना करने से सर्प दोष, पितृदोष का निवारण होता है। कुछ लोग नाग पंचमी का व्रत भी रखते है। इस व्रत में चतुर्थी को केवल एक बार भोजन करके और पचमी को दिन भर उपवास करके शाम को भोजन किया जाता हैं। नागपंचमी के दिन अनेकों गांव व कस्बों में कुश्ती का आयोजन होता है जिसमें आसपास के पहलवान भाग लेते हैं।
विशेष- पूरे श्रावण माह (विशेष कर नागपंचमी को) में धरती खोदना निषिद्ध है।
नाग पंचमी दिनांक और मुहूर्त 2021 | Nag Panchami date & Muhurat in 2021
नाग पंचमी श्रावण महीने में शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन (पंचमी तिथि) को मनाया जाता है। यह जुलाई या अगस्त में पड़ता है। इस वर्ष नाग पंचमी का त्योहार 13 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 13 अगस्त प्रातः 05 बजकर 48 मिनट से 08 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
Sunrise | August 13, 2021 6:06 AM |
Sunset | August 13, 2021 6:57 PM |
Panchami Tithi Begins | August 12, 2021 3:25 PM |
Panchami Tithi Ends | August 13, 2021 1:43 PM |
Nag Panchami festival dates between 2021 to 2025
Year | Date |
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2021 | Friday, 13th of August |
2022 | Tuesday, 2nd of August |
2023 | Monday, 21st of August |
2024 | Friday, 9th of August |
2025 | Tuesday, 29th of July |