नैनीताल (Nainital)
नैनीताल (Nainital) भारत के उत्तराखण्ड राज्य में में स्थित एक नगर और महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। आजके इस लेख में नैनीताल के पर्यटन स्थल (Nainital Tourist Places) के बारे में जानेंगे-
नैनीताल: झीलों का शहर
राज्य | उत्तराखंड |
क्षेत्रफल | 11.73 वर्ग किलोमीटर |
ऊंचाई | समुन्द्र तल से1938 मीटर (6358 फुट) |
भाषा | हिंदी और इंग्लिश |
तापमान | अधिकतम तापमान 27 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान -3 डिग्री |
पर्यटन केंद्र | नैनी झील, नैना देवी मंदिर, हनुमान गड़ी, राजभवन, चिड़ियाघर आदि। |
सही समय | नवम्बर से मार्च। |
नैनीताल का इतिहास (History of Nainital in Hindi)
नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। ‘नैनी’ शब्द का अर्थ है आँखें और ‘ताल’ का अर्थ है झीलसमुद्र। बर्फ से ढ़के पहाड़ों के बीच बसा यह स्थान झीलों के घिरा हुआ है। इसलिए इसे ‘झीलों का शहर’ भी कहते है। इनमें से सबसे प्रमुख झील नैनी झील है जिसके नाम पर इस जगह का नाम “नैनीताल” पड़ा।
नैनीताल को पहचान दिलाने का श्रेय पी.बेरून नामक व्यक्ति को जाता है जिन्होंने 1841 में इसकी स्थापना की थी। यह अंग्रेजी शासन काल में यह अंग्रेजों का ग्रीष्मकालीन मुख्यालय था। इसी दौरान यहाँ तमाम यूरोपीय शैली की इमारतों का निर्माण हुआ जिनमे गवर्नर हाऊस और सेन्ट जॉन चर्च प्रमुख है।
नैनीताल के उत्तर में अल्मोड़ा, पूर्व में चम्पावत, दक्षिण में ऊधमसिंह नगर और पश्चिम में पौड़ी एवं उत्तर प्रदेश की सीमाएँ मिलती हैं। गर्मियों में यहां बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं। यहां की झील, मंदिर, बाजार पर्यटकों को लुभाते हैं।
नैनीताल के दर्शनीय स्थल (Places to visit in Nainital)
Nainital Tourist Places: नैनीताल मुख्यतः दो तरह के भू भागों में बटॉ हुआ है जिसके एक ओर पहाड तथा दूसरी ओर तराई हैं। नैनीताल की प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत, विस्मयकारी तथा सम्मोहित करने वाली है। नैनीताल के प्रमुख पर्यटन स्थल में नैनी झील, नैना देवी मंदिर, हनुमान गढ़ी, राजभवन, चिड़ियाघर प्रमुख है।
1. नैनी झील (Nainital Lake, Nainital)
नैनीताल का मुख्य आकर्षण यहां की नैनीझील झील है। स्कंद पुराण में इसे “त्रिऋषि सरोवर” कहा गया है। कहा जाता है कि जब अत्री, पुलस्त्य और पुलह ऋषि को नैनीताल में कहीं पानी नहीं मिला तो उन्होंने एक गड्ढा खोदा और मानसरोवर झील से पानी लाकर उसमें भरा। यह झील 64 शक्ति पीठों में से एक है। यहाँ सती देवी के नेत्र गिरे थे। इस झील में बारे मे कहा जाता है यहां डुबकी लगाने से उतना ही पुण्य मिलता है जितना मानसरोवर नदी से मिलता है।
यह झील काफी लंबी है इस झील का उत्तरी भाग ‘मल्ली ताल’ कहलाता है, जबकि दक्षिणी भाग ‘तल्ली ताल’ कहलाता है। यह झील सैलानियों के लिए ‘चप्पू ओर पैडल’ दोनों ही प्रकार के नौकायन की सुविधा प्रदान करती है। इस खूबसूरत झील में नौकायन का आनंद लेने के लिए लाखों देशी-विदेशी पर्यटक यहां आते हैं।
रात के समय इन झील की सुंदरता और अधिक बढ़ जाती है। झील के दोनों ओर बाजार हैं जहॉ से आप आवश्यक वस्तुयें खरीद सकते हैं। यहां एक पुल है, इसी पुल पर बस स्टेशन, टैक्सी स्टैंड और रेलवे रिजर्वेशन काउंटर भी है।
2. नैना देवी मंदिर (Nina Devi Temple, Nainital)
नैनी झील के उत्तरी किनारे पर नैना देवी मंदिर स्थित है। सन 1880 में भूस्खलन से यह मंदिर नष्ट हो गया था। बाद में इसे दुबारा बनाया गया। यह एक शक्तिपीठ है, यहाँ देवी सती की आंख गिरी थी। इसी प्रेरित होकर इस मंदिर की स्थापना की गई है। मंदिर में दो नेत्र हैं जो “नैना देवी” को दर्शाते हैं।
इन्हें ‘नंदा देवी’ भी कहा जाता है। मंदिर में नंदा अष्टमी के दिन भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जो कि 8 दिनों तक चलता है और यहां दूर-दूर से लोग आते हैं। मान्यता है कि यहां देवी के दर्शन करने मात्र से नेत्र से जुड़ी हर समस्या दूर हो जाती है। औऱ पढें: जानें, शक्तिपीठ का रहस्य
3. नैनीताल चिडि़याघर (Zoo, Nainital)
बस स्टैंड से करीब 1 किमी. दूर नैनीताल का गोविंद बल्लभ पंत चिड़ियाघर स्थित है। यह चिड़ियाघर समुद्र तल से 2100 मी. की ऊंचाई पर बना हुआ है। आजकल यहां बंदर, हिमालयी भालू, तेंदुए, तीतर, पहाड़ी लोमड़ी, हिरन और सांभर देखे जा सकते हैं। यह चिडि़याघर सोमवार को, राष्ट्रीय अवकाश के दिन, होली और दीवाली पर बंद रहता है।
4. हनुमान गढ़ी मंदिर (Hanuman Gari Temple, Nainital)
हनुमान गढ़ी मंदिर (Hanuman gari Temple) नैनीताल के तल्लीताल से वेधशाला वाले मार्ग पर करीब 3 किमी. दूरी समुद्र तल से 1951 मी. की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण “नीम करोली बाबा” ने 1950 में करवाया था।
मंदिर परिसर में हनुमान के अलावा भगवान राम और शिव की प्रतिमाएं भी हैं। पहाड़ी के दूसरी ओर शीतला देवी का मंदिर और लीला साह बापू का आश्रम है। यहां स्थान खूबसूरत सूर्यास्त के दृश्य के लिए भी प्रसिद्ध है। और पढ़ें: हनुमान जी का रहस्य
5. राजभवन (Rajbhawan, Nainital)
इस राजभवन की नींव 27 अप्रैल 1897 को रखी गई थी और यह मार्च 1900 में बनकर तैयार हुआ था। राजभवन का निर्माण अंग्रेजों ने उत्तर पश्चिम प्रांत के गवर्नर के निवास स्थान के लिए कराया गया था। आज राजभवन राज्यपाल का आधिकारिक निवास स्थान है।
राजभवन करीब 160 एकड़ भूमि में फैला है। बकिंघम पेलेस की तर्ज पर बनाई गई इस दोमंजिला इमारत में 113 कमरे, स्वीमिंग पूल, बगीचे हैं। यहां 75 एकड़ क्षेत्र में फैला गोल्फ कोर्स भी है। राजभवन में घूमने के लिए पहले से अनुमति लेना आवश्यक है।
6. माल रोड (Mall Road, Nainital)
माल रोड मल्लीताल और तल्लीताल को जोड़ने वाला मुख्य रास्ता है। अब ‘गोविंद बल्लभ पंत मार्ग’ कहा जाता है। यहां बहुत सारे होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसी, दुकानें और बैंक हैं। सभी पर्यटकों के लिए यह रोड आकर्षण का केंद्र है।
7. एरियल रोपवे (Aerial tramway, Nainital)
एरियल रोपवे नैनीताल का मुख्य आकर्षण है। यह स्नो व्यू पाइंट और नैनीताल को जोड़ता है। रोपवे मल्लीताल से शुरु होता है। यहां ट्रॉली हैं जो सवारियों को लेकर जाती हैं। एक तरफ की यात्रा में लगभग 151.7 सेकंड लगते हैं। रोपवे से शहर का खूबसूरत दृश्य दिखाई पड़ता है।
8. नैना पीक या चाइना पीक (Naina Peak or Naini Peak)
यह चोटी शहर की सबसे ऊंची चोटी है। यह मुख्य शहर से 6 किमी. दूर 2611 मी. की ऊंचाई पर है। यहां एक ओर बर्फ से ढ़का हिमालय दिखाई देता है और दूसरी ओर नैनीताल शहर का पूरा दृश्य देखा जा सकता है।
नैनीताल के आसपास पर्यटन स्थल (Tourist Places Near Nainital in Hindi)
मुक्तेश्वर (51 किमी.)
यह खूबसूरत जगह समुद्र तल से 2286 मी. की ऊंचाई पर है। यह जगह घने वनों से घिरी हुई है। अंग्रेजों ने 1893 में इसे रिसर्च और अध्ययन संस्थान के रूप में स्थापित किया था। यहां चट्टान के ऊपर भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर भी है।
रानीखेत (60 किमी.)
रानीखेत (Ranikhet) उत्तराखंड का एक अन्य प्रमुख पर्यटक स्थल है। इसके बारे में कहा जाता है कि राजा सुधरदेव की रानी पद्मिनी को यह जगह इतनी पसंद आई कि उन्होंने इसे अपना निवास स्थान बना लिया। इसलिए इस जगह का नाम रानीखेत पड़ा।
रानीखेत में कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर का मुख्यालय है। KRC म्यूजियम, स्मारक, चौबटिया उद्यान और भालू बांध यहां के मुख्य आकर्षण हैं।
भीमताल (22 किमी.)
नैनीताल से 22 किमी. दूर स्थित भीमताल अपनी खूबसूरत झील के लिए प्रसिद्ध है। यह झील नैनी झील से बड़ी है। यहां आने वाले सैलानी बोटिंग का मजा लेते हैं। झील के बीच में एक छोटा सा द्वीप है जिस पर एक रेस्टोरेंट बना है। पर्यटक यहां खाने के साथ-साथ आसपास की खूबसूरती का भी आनंद उठाते हैं। भीमताल में 17वीं शताब्दी में बना भीमेश्वर मंदिर भी है।
नैनीताल कैसे पहुंचें (How to reach Nainital)
वायु मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डा पंत नगर नैनीताल से 71 किमी. दूर है। यहां से दिल्ली के लिए उड़ानें हैं।
रेल मार्ग: निकटतम रेलहेड काठगोदाम रेलवे स्टेशन (35 किमी.) है जो सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है।
सड़क मार्ग: नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग 87 से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, आगरा, देहरादून, हरिद्वार, लखनऊ, कानपुर और बरेली से रोडवेज की बसें नियमित रूप से यहां के लिए चलती हैं।
नैनीताल से क्या खरीदारी (Nainital is famous for)
नैनीताल की माल रोड मार्केट और तिबतियन मार्केट से गर्म ऊनी कपड़े और हस्त निर्मित माल खरीदा जा सकता हैं। इसके अलावा यहां स्थानीय लोगों द्वारा बनाई जाने वाली मोमबत्तियां भी बहुत मशहूर हैं। ये मोमबत्तियां अनेक रंग और आकार में मिलती हैं।