Nanded (Maharashtra): History & Places To Visit in Hindi
नांदेड़ (Nanded) भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख शहर है। यह नांदेड़ जिले का मुख्यालय भी है। नांदेड़ पहले वेदांत की शिक्षा, शास्त्रीय संगीत, नाटक, साहित्य और कला का प्रमुख केन्द्र था।
Nanded: History, Facts & Tourist Places | Wiki
राज्य | महाराष्ट्र |
क्षेत्रफल | 10502 वर्ग किमी |
भाषा | मराठी, हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | सचखंड गुरूद्वारा, नांदेड किला, उनकेश्वर, माहुर आदि। |
प्रसिद्धि | सिख तीर्थस्थल के रूप में शहर काफी चर्चित है। |
कब जाएं | अक्टूबर से मार्च। |
नांदेड़ महाराष्ट्र प्रान्त का एक शहर है। दक्खन के पठार में गोदावरी नदी के तट पर बसा नांदेड महाराष्ट्र का प्रमुख शहर है। औरंगाबाद के बाद यह राज्य का सबसे बड़ा शहर है। नंदा तट के कारण इस शहर का नाम नांदेड पड़ा। सातवीं शताब्दी ईसा पूर्व में नंदा तट मगध साम्राज्य की सीमा थी।
प्राचीन काल में यहां सातवाहन, बादामी के चालुक्यों, राष्ट्रकूटों और देवगिरी के यादवों का शासन था। मध्यकाल में बहमनी, निजामशाही, मुगल और मराठों ने यहां शासन किया। जबकि आधुनिक काल में यहां हैदराबाद के निजामों और अंग्रेजों का अधिकार रहा। प्राचीन काल में यह शहर वेदांत की शिक्षा, शास्त्रीय संगीत, नाटक, साहित्य और कला का प्रमुख केन्द्र था।
नांदेड के प्रमुख पर्यटन स्थल (Best Places To Visit in Nanded)
सिख तीर्थस्थल के रूप में शहर काफी चर्चित है। नांदेड स्थित सचखंड गुरूद्वारा यहां आने वाले पर्यटकों के केन्द्र में रहता है। गुरू गोविन्द सिंह का जन्मदिन यहां बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। राज्य सरकार ने इसे पवित्र शहर घोषित कर रखा है।
सचखंड गुरूद्वारा, नांदेड़ (Sachkhand Sri Hazur Sahib, Nanded)
नांदेड नगर में स्थित यह गुरूद्वारा पंजाब के शासक महाराजा रंजीत सिंह द्वारा 1830 से 1839 के दौरान बनवाया गया था। यह गुरूद्वारा सिक्खों के प्रमुख तीर्थस्थलों में गिना जाता है। यह गुरूद्वारा पंजाब के स्वर्ण मंदिर की तर्ज पर बना है।
इसी स्थान पर सिक्खों के दसवें गुरू गोविन्द सिंह ने अंतिम सांसे ली थीं। हर साल यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना होता है। सचखंड गुरूद्वारे के निकट ही आठ अन्य गुरूद्वारे बने हुए हैं।
माहुर या माहुरगढ़ (Mahurgad)
इस तीर्थस्थल का महत्व महाराष्ट्र के प्रमुख शक्तिपीठ की वजह से है। माहूर गांव से लगभग दो किमी. की दूरी पर रेनुका देवी का मंदिर है जो एक पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर की नीव देवगिरी के यादव राजा ने आठ से नौ सौ साल पहले डाली थी।
दशहरा के अवसर पर यहां एक पर्व आयोजित किया जाता है और देवी रेनुका की पूजा की जाती है। देवी रेणुका, भगवान विष्णु के अवतार परशुराम की माँ मानी जाती है। मंदिर के चारों तरफ घने जंगल हैं। जंगली जानवरों को यहां घूमते हुए देखा जा सकता है।
बिलोली की मस्जिद (The Biloli Masjid)
बिलोली नगर में स्थित यह मस्जिद को 17वीं शताब्दी के अंत में हजरत नवाब सरफराज खान ने बनवाया था। सरफराज खान औरंगजेब के शासनकाल में मुगलों के सिपहसालार थे। पत्थरों को काटकर बनाई गई बिलोली की मस्जिद नवाब सरफराज नाम से लोकप्रिय है।
कंधार किला (Kandhar Fort)
नगर के बीचोंबीच स्थित कंधार किला यहां का मुख्य आकर्षण है। पानी से भरी एक नहर किले से होकर गुजरती है। इस किले की स्थापना का श्रेय राष्ट्रकूट राजा कृष्ण तृतीय को जाता है, जो कंधारपुराधीश्वर नाम से लोकप्रिय थे। किले की निकट ही पहाड़ी क्षेत्र में एक प्राचीन दरगाह है। इस किले का निर्माण निजामशाही के काल में हुआ और यह वास्तुकला की अहमदनगर शैली में बना हुआ है।
मालेगांव (Malegaon)
तालुक लोहा नाम से लोकप्रिय मालेगांव नांदेड से 57 किमी. की दूरी पर स्थित है। भगवान खानदोबा के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए यहां एक मेला लगता है जिसे मालेगांव यात्रा नाम से जाना जाता है। इस मेले में पशुओं की प्रदर्शनी लगती है जिसे देखने के लिए देश के अनेक हिस्सों से लोग एकत्रित होते हैं।
होट्टल (Hottal)
देगलूर ताल्लुक में स्थित होट्टल देगलूर से 8 किमी. दूर है। भगवान सिद्धेश्वर के मंदिर के कारण यह स्थान लोकप्रिय है। मंदिर में चालुक्य काल की अनेक विशेषताएं देखी जा सकती हैं। यह मंदिर पत्थरों को काटकर बनाया गया है।
नांदेड किला (Nanded Fort)
नांदेड का किला रेलवे स्टेशन से 4 किमी. दूर स्थित है। किला तीन ओर से गोदावरी नदी से घिरा हुआ है। किले के भीतर एक खूबसूरत बगीचा और सुंदर फव्वार हैं जो इसकी सुंदरता में बढोतरी करता हैं।
उनकेश्वर (UnkeshwarTemple)
गर्म पानी का यह झरना पेनगंगा नदी के तट पर स्थित है। माना जाता है यह प्राकृतिक झरना अद्भुत रसायनों से युक्त है जिससे त्वचा के अनेक रोग ठीक हो जाते हैं।
नांदेड़ कैंसे पहुंचें (How to Reach Nanded)
वायु मार्ग – औरंगाबाद विमानक्षेत्र नांदेड का निकटतम एयरपोर्ट है जो देश के अनेक घरेलू हवाई अड्डों से जुड़ा हुआ है। मुंबई से यहां के लिए प्रतिदिन फ्लाइटें हैं।
रेल मार्ग- नांदेड रेलवे स्टेशन मुंबई, पुणे, बंगलुरू, दिल्ली, अमृतसर, भोपाल, इंदौर, आगरा, हैदराबाद, जयपुर, अजमेर, औरंगाबाद और नासिक आदि शहरों से रेलगाड़ियों के माध्यम से सीधा जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग- नांदेड आसपास के अनेक शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन की बसें और अनेक निजी वाहन मुंबई, पुणे, हैदराबाद आदि शहरों से नांदेड के लिए नियमित रूप से जाते रहते हैं।