Narsinghpur (M.P): History & Tourist Places in Hindi
नरसिंहपुर (Narsinghpur) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के नरसिंहपुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।
Narsinghpur: History & Tourist Attraction in Hindi
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 5000 वर्ग किमी. |
भाषा | हिन्दी, अंग्रेजी |
वर्षा | 125 सेमी- 150 सेमी |
दर्शनीय स्थल | चौरागढ़ किला, नरसिंह मंदिर, ब्राह्मण घाट, दमारू घाटी, बचई, बिलथारी आदि। |
संबंधित लेख | मध्य प्रदेश के दर्शनीय स्थल |
कब जाएं | अक्टूबर से मार्च। |
मध्य प्रदेश के मध्य में स्थित ‘नरसिंहपुर’ 5000 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल है। उत्तर में विन्ध्याचल और दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियों से घिरे नरसिंहपुर पर प्रकृति खूब मेहरबान हुई है।
पवित्र नर्मदा नदी जिले की खूबसूरती में वृद्धि करती है। प्राचीन काल में यहां अनेक वंशों ने शासन किया था। महान वीरांगना रानी दुर्गावती के काल में यह स्थान काफी चर्चित रहा था।
नरसिंहपुर के दर्शनीय स्थल (Places to Visit in Narsinghpur in Hindi)
Narsinghpur Tourist Places: नरसिंहपुर जिला औसत से अधिक वर्षा (125 सेमी- 150 सेमी) वाले क्षेत्र में आता हैं। यहां अनेक ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल हैं। नरसिंह मंदिर, ब्राह्मण घाट, जोटेश्वर आश्रम और दमारू घाटी यहां के लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं।
1. चौरागढ़ किला (Chauragarh Fort)
गोंड शासक संग्राम शाह ने इस किले को 15वीं शताब्दी में बनवाया था। यह किला गदनवारा रेलवे स्टेशन से लगभग 19 किमी. दूर है। वर्तमान में प्रशासन की उपेक्षा के कारण किला क्षतिग्रस्त अवस्था में पहुंच गया है। किले के निकट ही नोनिया में 6 विशाल प्रतिमाएं देखी जा सकती हैं।
2. नरसिंह मंदिर (Narsingh Temple)
नरसिंहपुर का यह प्राचीन मंदिर जबलपुर से लगभग 84 किमी. दूर है। मंदिर को 18वीं शताब्दी में एक जाट सरदार ने बनवाया था। मंदिर में विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह की सपाट प्रतिमा स्थापित है।
3. ब्राह्मण घाट (Brahmanda Ghat)
नर्मदा नदी के मणि सागर पर बना ब्राह्मण घाट नरसिंहपुर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में है। भगवान ब्रह्मा की यज्ञशाला, रानी दुर्गावती मंदिर, हाथी दरवाजा और वराह मूर्ति यहां के मुख्य आकर्षण हैं। मकर संक्रांति और बसंत पंचमी के अवसर पर यह स्थान संगीत और रंगों से जीवंत हो उठता है।
4. झोटेश्वर आश्रम (Jhoteswar Temple)
झोटेश्वर आश्रम को परमहंसी गंगा आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। नरसिंहपुर का यह लोकप्रिय आध्यात्मिक केन्द्र संत जगतगुरू शंकराचार्य जोतेश और द्वारकाधीश पीठाधेश्वर सरस्वती महाराज से संबंधित है। कहा जाता है कि उन्होंने काफी लंबे समय तक ध्यान लगाया था।
सुनहरा राजाराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर यहां का मुख्य आकर्षण है। जोटेश्वर मंदिर, लोधेश्वर मंदिर, हनुमान टेकरी और शिवलिंग यहां के अन्य पूज्यनीय स्थल हैं। बसंत पंचमी के मौके पर यहां सात दिन तक समारोह आयोजित किया जाता है।
5. दमारू घाटी (Damaru Ghati Shiv Dham Mahadev)
दमारू घाटी नरसिंहपुर का एक पवित्र स्थल है। गदरवारा रेलवे स्टेशन से यह घाटी 3 किमी. की दूरी पर है। घाटी की मुख्य विशेषता यहां के दो शिवलिंग है। यहां बड़े शिवलिंग के भीतर एक छोटा शिवलिंग बना हुआ है।
6. बचई (Bachi)
इस प्राचीन नगर की खुदाई से अनेक ऐतिहासिक इमारतों का पता चला है। इतिहास की किताबों और दूसरी शताब्दी की हस्तलिपियों में इस स्थान का उल्लेख मिलता है। बचई के निकट ही बरहाटा एक अन्य ऐतिहासिक स्थल है।
7. बिलथारी (Bilthari)
प्रारंभ में बालीस्थली के नाम से मशहूर यह नरसिंहपुर का एक छोटा-सा गांव है। यह स्थान महाभारत से भी संबंधित माना जाता है। कहा जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास का कुछ समय यहां व्यतीत किया था।
नरसिंहपुर कैंसे पहुंचे (How to reach Narsinghpur by Road, Train of air)
वायु मार्ग– जबलपुर एयरपोर्ट यहां का नजदीकी एयरपोर्ट है, जो नरसिंहपुर से करीब 84 किमी. दूर है।
रेल मार्ग– नरसिंहपुर रेलवे स्टेशन मुंबई-हावडा रूट का प्रमुख स्टेशन है। इस रूट पर चलने वाली ट्रेनें नरसिंहपुर को देश के अन्य शहरों से जोड़ती हैं।
सड़क मार्ग– नरसिंहपुर सड़क मार्ग द्वारा जबलपुर, छिंडवाडा, सियोनी, होशंगाबाद आदि शहरों से जुड़ा हुआ है। राज्य के अनेक शहरों से यहां के लिए बसें चलती हैं।
कहां ठहरें– नरसिंहपुर में ठहरने के लिए होटलों का अभाव है। यहां से 84 किमी. दूर जबलपुर में होटलों की उचित व्यवस्था है।
नरसिंहपुुर एक शांतिप्रिय जगह है, महानगर जबलपुर से महज 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अनेक महान लोगो नरसिंहपुर की धरती से संबंध रहा है। विश्व विख्यात चित्रकार सैय्यद हैदर रजा का जन्म नरसिंहपुर जिले के बबरिया ग्राम में हुआ था। ऐसे ही कविवर भवानी प्रसाद मिश्र का भी नरसिंहपुर की धरती से गहरा नाता रहा हैै।
बहुत बढ़िया जानकारी..🙏