Nashik (Maharashtra): History & Places To Visit in Hindi
नासिक (Nasik) या नाशिक (Nashik) भारत के महाराष्ट्र राज्य के नाशिक ज़िले में स्थित एक नगर है। यह महाराष्ट्र के उत्तर पश्चिम में, मुम्बई से 150 किमी और पुणे से 205 किमी की दुरी में स्थित है। यह ज़िले का मुख्यालय और महाराष्ट्र का चौथा सबसे बड़ा नगर है। नासिक अपने प्राचीन ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
नासिक: आस्था का शहर
नाम | नासिक |
राज्य | महाराष्ट्र |
क्षेत्रफल | क्षेत्रफल : 15,582 किमी² |
ऊंचाई | 584 मी (1,916 फीट) |
तापमान | 32 से 42 डिग्री सेल्सियस (गर्मी), 8 से 32 डिग्री सेल्सियस (सर्दी) |
संबंधित लेख | महाराष्ट्र के प्रमुख पर्यटन स्थल |
उपयुक्त समय | अक्टूबर से फरवरी |
नासिक को नासहिक के नाम से भी जाना जाता है। नासिक महाराष्ट्र राज्य के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यह शहर प्रमुख रूप से हिन्दू तीर्थयात्रियों का प्रमुख केन्द्र है। नासिक पवित्र गोदावरी नदी के तट पर स्थित है।
समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 584 मीटर है। गोदावरी नदी के तट पर बहुत से सुंदर घाट स्थित है। इस शहर का सबसे प्रमुख भाग पंचवटी है। इसके अलावा यहां बहुत से मंदिर भी है। नासिक में त्योहारों के समय में बहुत अधिक संख्या में भीड़ दिखलाई पड़ती है।
नासिक का इतिहास (History of Nashik)
नासिक शक्तिशाली राजा सातवाहन की राजधानी थी। मुगल काल के दौरान नासिक शहर को गुलशनबाद के नाम से जाना जाता था। इसके अतिरिक्त नासिक शहर ने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में भी अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ. अम्बेडकर ने वर्ष 1932 में नासिक में अस्पृश्यता आंदोलन और जन आंदोलन चलाया था।
नासिक के प्रमुख पर्यटन स्थल (Best Places to Visit in Nashik)
Nashik Tourist Place: नासिक आस्था का शहर है। यहां आपको बहुत से सुंदर मंदिर और घाट देखने को मिलेगें। यहां विभिन्न त्योहारों को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यहां ज्यादातर भगवान के प्रति आस्था रखने वाले पर्यटक अधिक संख्या में आर्कषित होते है।
1. त्र्यंबकेश्वर ज्योर्तिलिंग (Trimbakeshwar Temple, Nashik)
त्र्यंबकेश्वर मंदिर नासिक शहर से 30 किलोमीटर पश्चिम में अवस्थित है। गोदावरी के तट पर स्थित त्र्यंबकेश्वर की गणना भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में होती है। बृहस्पति (गुरु) हर वारह वर्ष में एक बार सिंह राशि पर पहुंचते हैं। इस अवसर पर यहां कुंभ का मेला लगता है। (और पढ़ें: त्र्यंबकेश्वर ज्योर्तिलिंग
2. नासिक कुंभ का मेला (Nashik Kumbh Mela)
नासिक में लगने वाला कुंभ मेला शहर के आकर्षण का सबसे बड़ा केन्द्र है। अनगिनत श्रद्धालु इस मेले में आते हैं। यह मेला बारह साल में एक बार लगता है। इस मेले का आयोजन महाराष्ट्र पर्यटन निगम द्वारा किया जाता है। भारत में यह धार्मिक मेला चार जगहों पर लगता है। यह जगह नासिक, इलाहाबाद, उज्जन और हरिद्वार में हैं। इलाहाबाद में लगने वाला कुंभ का मेला सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। इस मेले में हर बार विशाल संख्या में भक्त आते हैं।
इस मेले में आए लाखों श्रद्धालु गोदावरी नदी में स्नान करते हैं। यह माना जाता है कि इस पवित्र नदी में स्नान करने से आत्मा की शुद्धि और पापों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा प्रत्येक वर्ष आने वाले शिवरात्रि के त्योहार को भी यहां बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हजारों की संख्या में आए तीर्थयात्री इस पर्व को भी पूरे उमंग और उत्साह के साथ मनाते हैं।
इस त्योहार में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए राज्य सरकार कुछ विशेष प्रकार का प्रबंध करती है। यहां दर्शन करने आए तीर्थयात्रियों के रहने के लिए बहुत से गेस्ट हाउस और धर्मशाला की सुविधा मुहैया कराई जाती है। यहां स्थित घाट बहुत ही साफ और सुंदर है। त्योहारों के समय यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं।
3. पंचवटी (Panchavati)
पंचवटी नासिक के उत्तरी भाग में स्थित है। माना जाता है कि भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ कुछ समय के लिए पंचवटी में रहे थे। इस कारण भी पंचवटी प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में पंचवटी में जिस जगह से सीताहरण किया गया था वह जगह पांच बरगद के पेडों के समीप है। (और पढ़ें: रामायण के प्रमुख पात्र
4. सीता गुम्फा (Seeta Cave Nashik)
गुम्फा का शब्दिक अर्थ गुफा होता है। सीता गुम्फा पंचवटी में पांच बरगद के पेड़ के समीप स्थित है। यह नासिक का एक अन्य प्रमुख आकर्षण जगह है। इस गुफा में प्रवेश करने के लिए संकरी सीढ़ियों से गुजरना पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि रावण ने सीताहरण इसी जगह से किया था।
5. सुंदरनारायण मंदिर (Sundar narayan mandir Nashik)
यह मंदिर नासिक में अहिल्याबाई हॉल्कर ब्रिज के किनारे स्थित है। इस मंदिर की स्थापना गंगाधर यशवंत चंद्रचूड ने 1756 में की थी। इस मंदिर में भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। भगवान विष्णु को सुंदरनारायण के नाम से भी जाना जाता है। (ओर पढ़ें: भगवान विष्णु के दशावतार
6. मोदाकेश्वर गणेश मंदिर (Modskeshwar Ganesh Mandir Nashik)
मोदाकेश्वर गणेश मंदिर नासिक में स्थित एक अन्य प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में स्थित मूर्ति में बारे में ऐसा माना जाता है कि यह मूर्ति स्वयं ही घरती से निकली थी। इसे शम्भु के नाम से भी जाना जाता है। महाराष्ट्र का सबसे प्रसिद्ध मीठा व्यंजन मोदक है जो नारियल और गुड़ को मिलाकर बनाया जाता है। मोदक भगवान गणेश का भी प्रिय व्यंजन है।
7. रामकुंड (Ramkund)
रामकुंड (Ramkund) गोदावरी नदी पर स्थित है, जो असंख्य तीर्थयात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां भक्त स्नान के लिए आते हैं। यह माना जाता है कि जब भगवान श्री राम नासिक आए थे तो उन्होंने यही स्नान किया था। यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।
8. कालाराम मंदिर (Shri Kalaram Temple)
नासिक में पंचवटी स्थित कलाराम मंदिर वहां के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण गोपिकाबाई पेशवा ने 1794 में करवाया था। इस मंदिर की वास्तुकला बहुत ही खूबसूरत है। इस मंदिर की वास्तुकला त्र्यंबकेश्वर मंदिर के ही सामान है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह मंदिर काले पत्थरों से बनाया गया है।
9. शिरडी (Shirdi)
शिरडी एक छोटा सा गांव है। जो कोपरगम तलुक में स्थित है। शिरडी भारत के प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक है। शिरडी मुम्बई से लगभग 285 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। मुम्बई से शिरडी जाने के लिए कार से 6 घंटे का समय लगता है। इस मंदिर के पुजारी महालसापति इन्हें साई बाबा कहकर बुलाते थे।
10. सोमेश्वर मंदिर (Someshwar Mandir, Nashik)
सोमेश्वर मंदिर नासिक में स्थित सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में महादेव सोमेश्वर की प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर गंगापुर रोड़ पर स्थित है। नासिक शहर से इस मंदिर की दूरी लगभग 6 कि.मी है।
11. विभिन्न त्योहार (Festival in Nashik)
नासिक में त्योहारों को पूरे उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। अगस्त के महीने में आने वाली श्रवण पूर्णिमा और महापर्व श्रवण अमावस्या तथा सितम्बर के महीने आने वाली भद्रापद अमावस्या सबसे अधिक प्रसिद्ध है। इसके अलावा गणेश चतुर्थी, दशहरा, दीवाली, होली और अन्य सभी त्योहारों को भी उतने ही खुशी और उल्लास के साथ मनाया जाता हैं।
नासिक में स्थित कीर्ति कला मंदिर में कृष्णा जयंती महोत्सव ( हिन्दू पर्व ) बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस मंदिर में हर वर्ष प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा बेहतरीन प्रदर्शन किया जाता है।
नासिक कैसे पहुंचे (How To Reach Nashik)
सुंदर परिदृश्य से संपन्न नासिक जिला महाराष्ट्र राज्य के उत्तर-पश्चिमी भाग में 19° 35′ और 20° 52′ उत्तरी अक्षांश और 73° 16′ और 74° 56′ पूर्वी देशांतर पर स्थित है।
हवा मार्ग: नासिक से निकटतम हवाई अड्डा “ओझर नासिक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा” शहर के केंद्र से लगभग 24 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां के लिए दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे आदि शहरों से उड़ानें उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग: नासिक रेलवे स्टेशन शहर के केंद्र से केवल 11 किलोमीटर दूर है। शिरडी के लिए ट्रेन नासिक शहर से भी जाती है। एक और एक-रेलवे स्टेशन देवलाली (मुंबई शहर के लिए केवल दस मिनट की ट्रेन यात्रा) है जो देवलाली छावनी क्षेत्र के निवासियों की सेवा करता है।
सड़क मार्ग: नासिक महाराष्ट्र के लगभग सभी बड़े शहरों से सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह सूरत, मुंबई, औरंगाबाद, पुणे, धुले, अहमदनगर और भारत के अन्य महत्वपूर्ण शहरों से भी जुड़ा हुआ है।
खाने की व्यवस्था: परम्परागत खाने के शौकीन लोगों के लिए नासिक में बहुत ही रेस्तरां मौजूद है। सबसे बेहतर खाने के लिए आप ताज रेजिडेंसी से स्थित रेस्तरां में जा सकते हैं।
इसके अलावा यहां चौबीस घंटे कॉफी शॉप की सुविधा भी है। इसके अतिरिक्त आप यहां चाइनीज, कोंटिनेंटल, मुगलई, तंदूरी, दक्षिणी और फास्ट फूड का भी मजा ले सकते हैं।