Navagraha Plants: नवग्रहों के पेड़-पौधे और उनके ज्योतिषीय उपाय
Navagraha Plants: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को अपने अनुकूल बनाने के लिए वनस्पतियों की भूमिका बहुत अहम मानी गई है। ग्रह से संबंधित पेड़-पौधों की पूजा करने से कुंडली में उपस्थित ग्रह दोष दूर होते हैं और अशुभ प्रभाव में कमी आती है। इसलिए आज हम बता रहे है, नवग्रह से जुड़े पेड़-पौधे और उनके ज्योतिषीय उपाय..
Navagraha Plants and their Astrological remedies in Hindi
सूर्य (Sun)
बेल मूल या आक की जड़ में सूर्य का वास माना गया है। मान-सम्मान, यश, कीर्ति, तरक्की की चाह रखने वालों को रविवार के दिन पिंक कपड़े में इसकी जड़ को बांधकर दाहिनी भुजा में बांधना चाहिए। इससे सूर्य के बुरे प्रभाव नष्ट होकर शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है। अपच, चक्कर आना, हार्ट और रीढ़ से संबंधित रोगों में इससे आराम मिलता है। (और पढ़ें: जानिए, सूर्य देव का रहस्य
मंत्र – ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
चंद्र (Moon)
चंद्रमा से संबंधित बुरे प्रभाव कम करने के लिए पलाश या खिरनी की जड़ का प्रयोग किया जाता है। सोमवार के दिन सफेद कपड़े में हाथ में बांधने पर इसके शुभ प्रभाव मिलना प्रारंभ हो जाते हैं। चंद्रमा के बुरे प्रभाव के फलस्वरूप व्यक्ति कफ और लिवर संबंधी बीमारियों से हमेशा घिरा रहता है। मानसिक रूप से विचलित रहता है।
मंत्र – ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः
मंगल (Mars)
अनंत मूल या खैर की जड़ में मंगल ग्रह का वास होता है। यह जड़ मंगल के बुरे प्रभाव को कम करके, उससे संबंधित जो परेशानियां आ रही होती हैं उन्हें दूर करती है। इसे लाल रंग के कपड़े में बांधकर सीधे हाथ में बांधा जाता है। इसे पहनने का सबसे अच्छा दिन मंगलवार है। इससे त्वचा, लिवर, पाइल्स और कब्ज की समस्या दूर होती है।
मंत्र – ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
बुध (Mercury)
विधारा या अपामार्ग मूल की जड़ का उपयोग बुध के बुरे प्रभाव कम करने के लिए किया जाता है। बुध के बुरे प्रभाव से व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता प्रभावित होती है और उसकी निर्णय लेने की क्षमता कम होती है। विधारा मूल की जड़ को बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े में बांधकर सीधे हाथ में उपर की ओर बांधा जाता है। इस जड़ को बांधने वालों को दुर्गा की आराधना करना चाहिए। इसके प्रभाव से नर्वस डिस्ऑर्डर, ब्लड प्रेशर, अल्सर और एसिडिटी में आराम मिलता है।
मंत्र – ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
गुरु (Jupiter)
केले की जड़ में गुरु का वास माना गया है। यदि किसी के विवाह में बाधा आ रही हो। कार्य-व्यवसाय, नौकरी में मनचाही तरक्की नहीं मिल पा रही हो तो यह सब गुरु के दुष्प्रभाव के कारण होता है। यदि ऐसा है तो ऐसे व्यक्ति को गुरुवार के दिन हल्दी की गांठ, पीपल या केले की जड़ इनमे से किसी की भी गांठ बांधकर पास रखने से कार्यों में सफलता मिलने लगती है। इसके प्रभाव से लिवर, चिकन पॉक्स, एलर्जी और पेट संबंधी रोगों में आराम मिलता है।
मंत्र – ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः
शुक्र (Venus)
शुक्र ग्रह के बुरे प्रभाव कम करने के लिए गूलर की जड़ का उपयोग किया जाता है। विलासितापूर्ण जीवन की चाह रखने वालों को इसकी जड़ का उपयोग करना चाहिए। शुक्रवार के दिन सफेद कपड़े में इसकी जड़ को बांधकर दाहिनी भुजा पर बांधे। इसके प्रभाव से खांसी, अस्थमा, गले और फेफड़ों से संबंधित रोगों में आराम मिलता है।
मंत्र – ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः
शनि (Saturn)
यदि किसी के जीवन में लगातार दुर्घटनाएं, धन हानि और बीमारी बनी रहती है तो ऐसा व्यक्ति शनि के बुरे प्रभाव से गुजर रहा होता है। तो शनि देव को प्रसन्न करके शनि ग्रह के बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है। इस बुरे प्रभाव को कम करने के लिए शमी या धतूरे की जड़ बांधी जाती है। (और पढ़ें: शनि देव को प्रसन्न करने वाली आदते
इसे धारण करने से सकारात्मक उर्जा का प्रवाह बनता है और व्यक्ति के जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। इस की जड़ को शनिवार के दिन काले कपड़े में बांधकर दाहिनी भुजा में बांधना चाहिए। मस्तिष्क संबंधी रोगों में इस जड़ से बहुत फायदा मिलता है। (और पढ़ें: शनिवार व्रत कथा और पूजन
मंत्र – ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
राहु (Rahu)
राहु ग्रह के बुरे प्रभाव कम करने के लिए सफेद चंदन की जड़ या दुर्वा का उपयोग किया जाता है। शनिवार या बुधवार को नीले रंग के कपड़े में इसे बांधकर पास रखा जाता है। महिलाओं को गर्भाशय से संबंधित रोग, त्वचा की समस्या, गैस प्रॉब्लम, दस्त और बुखार में इस जड़ का चमत्कारी प्रभाव देखा गया है। बार-बार दुर्घटनाएं होती हैं तो भी इस जड़ का प्रयोग करना चाहिए।
मंत्र – ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
केतु (Ketu)
कुश या अश्वगंधा की जड़ का प्रतिनिधि ग्रह केतु है। केतु के शुभ प्रभाव में वृद्धि करने और बुरे प्रभाव कम करने में अश्वगंधा चमत्कार की तरह काम करता है। अश्वगंधा की जड़ को लाल रंग के कपड़े में बांधकर शनिवार या मंगलवार को सीधे हाथ में बांधा जाता है। इसके प्रभाव से स्मॉलपॉक्स, यूरीन इंफेक्शन और त्वचा संबंधी रोगों में आराम मिलता है। जीवन में चल रही मानसिक परेशानियां भी इससे कम होती हैं।
मंत्र – ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः
पेड़ पौधे को निमंत्रण देने की विधि
प्रत्येक पेड़ या पौधे की जड़ को शुभ मुहूर्त जैसे रवि पुष्य, गुरु पुष्य या अन्य शुभ मुहूर्त से एक दिन पहले रात को निमंत्रण दिया जाता है। उसके बाद अगले दिन शुभ मुहूर्त या शुभ चौघडि़या देखकर घर लाना चाहिए।