Orchha (M.P): History & Tourist Places in Hindi
ओरछा (Orchha) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के निवाड़ी ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। यह टीकमगढ़ से 80 किमी और झांसी से 15 किमी दूर है।
Orchha History & Tourist Attraction in Hindi
राज्य | मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) |
जिला | निवाड़ी |
भाषा | हिंदी और एंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | रामराजा मंदिर, राज महल, जहांगीर महल, राय प्रवीन महल, लक्ष्मी नारायण महल आदि। |
संबंधित लेख | मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल |
कब जाएं | नवम्बर से मार्च। |
ओरछा उत्तरी मध्य प्रदेश में बेतवा नदी के किनारे बसा हुआ है यह बुंदेलखंड क्षेत्र में आता है। ओरछा की स्थापना रुद्र प्रताप सिंह द्वारा 1531 में इसी नाम के राज्य की राजधानी के रूप में की गई थी। ओरछा अपने मंदिरों और महलों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। 16वीं, 17 शताब्दी में बने यहां के स्मारक अतीत की कहानियां कहते हैं।
ओरछा के प्रमुख पर्यटन स्थल (Places to visit in Orachha in Hindi)
Orchha Tourist Places: ओरछा और इसके आस-पास कई महल, मन्दिर, पैलेस और सुन्दर संरचनायें हैं जिन्हें देखने के लिए रोज़ हज़ारों की संख्या देश विदेश से पर्यटक आते है। विवाह पंचमी और शिवरात्रि पर पर्यटकों की संख्या डेढ़ लाख तक पहुंच जाती है। उस दिन राम राजा मंदिर में सामूहिक विवाह आयोजित किया जाता है।
1. रामराजा मंदिर (Ramrajya Mandir, Orchha)
यह मंदिर ओरछा का सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण मंदिर है। यह भारत का एकमात्र मंदिर है जहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। कहा जाता है कि जब श्री राम वनवास जा रहे थे तो उन्होंने अपनी एक बाल मूर्ति मां कौशल्या को दी थी।
मां कौशल्या उसी को बाल भोग लगाया करती थीं। जब राम अयोध्या लौटे तो कौशल्या ने यह मूर्ति सरयू नदी में विसर्जित कर दी। यही मूर्ति गणेशकुंवरि (ओरछा की रानी) को सरयू नदी में मिली थी।
2. चतुभरुज मंदिर (Chaturbhuj Temple, Orchha)
राज महल के समीप स्थित चतुभरुज मंदिर ओरछा का मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर चार भुजाधारी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर को 1558 ई. से 1573 ई. के बीच राजा मधुकर शाह द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर के निर्माण की कहानी अत्यंत रोचक है।
सरयू नदी से प्राप्त राम की प्रतिमा को लेकर महारानी ओरछा पहुंची और अपने महल में रखा। जब चतुर्भुज मंदिर का निर्माण सम्पन्न हो गया तो में उनकी स्थापना की बात हुई। तब भगवान राम ने महल छोड़ने से इंकार कर दिया। इसके बाद उनकी स्थापना वहीं कर दी गयी और रानी का महल राम राज मंदिर बन गया।
चूंकि चतुर्भुज मंदिर बनकर तैयार हो गया था, तो वहां राजा और रानी ने मिलकर भगवान विष्णु की स्थापना करवाई। मंदिर में प्रार्थना के लिए विस्तृत हॉल है जहां कृष्ण भक्त एकत्रित होते हैं।
3. जहांगीर महल (Jahangir Palace, Orachha)
जहांगीर महल, बुन्देलों और मुगल शासक ‘जहांगीर’ के मध्य दोस्ती की निशानी है। तीन मंजिला यह महल जहांगीर के स्वागत में राजा बीरसिंह देव ने बनवाया था। महल के प्रवेश द्वार पर दो झुके हुए हाथी बने हुए हैं। वास्तुकारी से दृष्टि से यह अपने जमाने का उत्कृष्ट उदाहरण है।
4. राज महल (Raj Mahal, Orchha)
यह महल ओरछा के सबसे प्राचीन स्मारकों में एक है। इसका निर्माण मधुकर शाह ने 17 वीं शताब्दी में करवाया था। राजा बीरसिंह देव उन्हीं के उत्तराधिकारी थे। यह महल छतरियों और बेहतरीन आंतरिक भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्ध है। महल में धर्म ग्रन्थों से जुड़ी तस्वीरें भी देखी जा सकती हैं।
5. राय प्रवीन महल (Rai Praveen Mahal, Orchha)
यह महल राजा इन्द्रमणि की खूबसूरत गणिका की याद में बनवाया गया था। वह एक कवयित्री और संगीतकारा थीं। मुगल सम्राट अकबर को जब उनकी सुंदरता के बार पता चला तो उन्हें दिल्ली लाने का आदेश दिया गया।
इन्द्रमणि के प्रति प्रवीन के सच्चे प्रेम को देखकर अकबर ने उन्हें वापस ओरछा भेज दिया। यह दो मंजिला महल प्राकृ तिक बगीचों और पेड़-पौधों से घिरा है। राय प्रवीन महल में एक लघु हाल और चेम्बर है।
6. लक्ष्मीनारायण मंदिर (Laxmi Narayan Temple, Orchha)
यह मंदिर सन 1622 ई. में बीरसिंह देव द्वारा बनवाया गया था। मंदिर ओरछा गांव के पश्चिम में एक पहाड़ी पर बना है। मंदिर में सत्रहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी के चित्र बने हुए हैं। चित्रों के चटकीले रंग इतने जीवंत लगते हैं जसे वह हाल ही में बने हों। मंदिर में झांसी की लड़ाई के दृश्य और भगवान कृष्ण की आकृतियां बनी हुई हैं।
7. फूलबाग (Phool Bagh)
बुन्देल राजाओं द्वारा बनवाया गया यह फूलों का बगीचा चारों ओर से दीवारों से घिरा है। पालकी महल के निकट स्थित यह बाग बुन्देल राजाओं का आरामगाह था।
वर्तमान में यह पिकनिक स्थल के रूप में जाना जाता है। फूलबाग में एक भूमिगत महल और आठ स्तम्भों वाला मंडप है। यहां के चंदन कटोर से गिरता पानी झरने के समान प्रतीत होता है।
8. सुन्दर महल (Sundar Mahal)
इस महल को राजा जुझार सिंह के पुत्र धुरभजन के बनवाया था। राजकुमार धुरभजन को एक मुस्लिम लड़की से प्रेम था। उन्होंने उससे विवाह कर इस्लाम धर्म अंगीकार कर लिया। धीर-धीर उन्होंने शाही जीवन त्याग दिया और स्वयं को ध्यान और भक्ति में लीन कर लिया।
विवाह के बाद उन्होंने सुन्दर महल त्याग भी दिया। धुरभजन की मृत्यु के बाद उन्हें संत से रूप में जाना गया। वर्तमान में यह महल काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है।
ओरछा कैंसे पहुंचे (How to Reach Orchha by bus, train & road)
वायु मार्ग– ओरछा का नजदीकी हवाई अड्डा खजुराहो है जो 163 किमी. की दूरी पर है। यह एयरपोर्ट दिल्ली, वाराणसी और आगरा से नियमित फ्लाइटों से जुड़ा है।
रेल मार्ग– झांसी ओरछा का नजदीकी रेल मुख्यालय है। दिल्ली, आगरा, भोपाल, मुम्बई, ग्वालियर आदि प्रमुख शहरों से झांसी के लिए अनेक रेलगाड़ियां हैं। वैसे ओरछा तक भी रेलवे लाइन है जहां पैसेन्जर ट्रैन से पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग– ओरछा झांसी-खजुराहो मार्ग पर स्थित है। नियमित बस सेवाएं ओरछा और झांसी को जोड़ती हैं। दिल्ली, आगरा, भोपाल, ग्वालियर और वाराणसी से यहां से लिए नियमित बसें चलती हैं।
बहुत बढ़िया जानकारी , बहुत सुंदर पर्यटन स्थल