Osmanabad (Maharashtra): History & Tourist Places in Hindi
उस्मानाबाद (Osmanabad) भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है।
राज्य | महाराष्ट्र |
क्षेत्रफल | 7550 वर्ग किमी. |
भाषा | हिन्दी, मराठी, इंगलिश |
तापमान | अधिकतम 44 डिग्री से., न्यूनतम 12 डिग्री से. |
दर्शनीय स्थल | नलदुर्ग किला, तुलजापुर, परांडा किला, कुंतल गिरी, जैन मंदिर, घाट शिला, गरीब बाबा मठ आदि। |
यात्रा समय | कब जाएं– नवंबर से मार्च। |
महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र में स्थित उस्मानाबाद जिले को प्रारंभ में धाराशिव नाम से जाना जाता था। देवी तुलजा भवानी के कारण यह स्थान पूरे देश में लोकप्रिय है। 7550 वर्ग किमी. में फैले इस नगर की जलवायु शुष्क है। भजन, कीर्तन और गोंधल यहां की लोकप्रिय लोक कलाएं हैं।
उस्मानाबाद दर्शनीय स्थल (Places to visit in Osmanabad)
पर्यटकों के देखने के लिए यहां अनेक दर्शनीय स्थल हैं। नलदुर्ग किला, तुलजापुर, परांडा किला, कुंतल गिरी, जैन मंदिर, घाट शिला, गरीब बाबा मठ आदि यहां के लोकप्रिय और प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं। इन दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए यहां देश के अनेक हिस्सों से सैलानियों का आना लगा रहता है।
परांडा किला (Paranda Fort)
यह किला उस्मानाबाद से करीब 80 किमी. की दूरी पर है। बहमनी राजाओं द्वारा बनाए गए अनेक किलों में इस किले का महत्वपूर्ण स्थान है। अतीत की उत्कृष्ट वास्तुकला और इंजीनियरिंग का इसे बेहतरीन उदाहरण कहा जा सकता है।
सुरक्षा के हिसाब से इस किले के चारों ओर एक खाई है जो सदैव पानी से भरी रहती है। किले के भीतर कुल 26 बुर्ज हैं, जिसमें से कुछ बुर्ज में प्राचीन बन्दूक रखी है। किले के भीतर एक मस्जिद और नरसिंहा मंदिर भी बना हुआ है।
कुंथलगिरी (Kunthalgiri)
जैन तीर्थस्थल के रूप में विख्यात यह पवित्र पहाड़ी उस्मानाबाद से 50 किमी. की दूरी पर है। कुंथलगिरी तीर्थयात्रियों के साथ साहसिक पर्यटन में रूचि रखने वालों को काफी पसंद आता है। माना जाता है कि इसी स्थान पर मुनी देशभूषण और मुनी कुलभूषण ने निर्वाण प्राप्त किया था। इन मुनियों को समर्पित यह मंदिर बेहतरीन वास्तुकारी का सुन्दर उदाहरण हैं। पहाड़ी पर सात और खूबसूरत मंदिर बने हुए हैं।
धाराशिव गुफाए (Dharashiva Caves)
यह गुफाएं उस्मानाबाद से 8 किमी. दूर बालाघाट पहाड़ियों पर स्थित हैं। जेम्स वर्जेस द्वारा लिखित आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया में भी इस स्थान का उल्लेख मिलता है। बालाघाट की पहाड़ियों की लाइन में कुल सात गुफाएं हैं। इन गुफाओं को बौद्धों से संबंधित माना जाता है, जबकि कुछ लोग इन्हें जैनों से जोड़कर देखते हैं। इतिहासकारों का मानना है कि इन गुफाओं का निर्माण 500 ईसा पूर्व हुआ था।
तेर जैन मंदिर (Ter Jain temple)
यह प्राचीन मंदिर तेर गांव में स्थित है, जो उस्मानाबाद से 19 किमी. दूर है। मंदिर में महावीर की 5 फीट 4 इंच की आकर्षण प्रतिमा विराजमान है। इसके अलावा मंदिर में अन्य जैन मूर्तियां और जैन संतों के पद चिह्नों के निशान देखे जा सकते हैं।
घाट शिला (Ghat shila)
घाट शिला मंदिर जैसी एक संरचना है, जो तुलजापुर के भवानी मंदिर के निकट स्थित है। घाट शिला एक विशाल चट्टान है, जो भगवान राम से संबंधित मानी जाती है। श्रद्धालु मानने हैं कि सीता की तलाश में आए भगवान राम के स्पर्श ने इस स्थान को पवित्र किया था।
राम को परेशान करने के लिए देवी अंबा सीता का रूप धर यहां प्रकट हुइ थीं। माना जाता है कि जब राम और अंबा की भेंट हुई थी, उस समय अंबा के दो भाई घाट शिला में विश्राम कर रहे थे।
तुलजापुर (Tuljapur)
समुद्र तल से 250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह पवित्र स्थल उस्मानाबाद से 22 किमी. की दूर बालाघाट की पहाड़ियां पर है। यह गांव देवी दुर्गा को समर्पित तुलजा भवानी मंदिर के कारण बहुत लोकप्रिय है। यह मंदिर भारत के लोकप्रिय शक्तिपीठों में से एक है। तुलजा भवानी भोंसले राजाओं की इष्टदेवी थीं। प्रारंभ में इमली के पेड़ों से घिरा होने के कारण इसे चिंचपुर नाम से जाना जाता था। नवरात्रि के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में भक्तजनों का आगमन होता है।
गरीबनाथ बाबा मठ (Garibnath Baba Math)
तुलजापुर स्थित गरीबनाथ बाबा मठ उस्मानाबाद से 19 किमी. दूर है। देवी भवानी के लोकप्रिय भक्त गरीबनाथ बाबा के सम्मान में यह आध्यात्मिक स्थल बना हुआ है। यहां देवी भवानी और इंगलाज देवी की खूबसूरत प्रतिमाएं देखी जा सकती हैं। गरीबनाथ बाबा और उनके शिष्यों की अर्धप्रतिमा भी यहां स्थापित है। यहां होने वाली विभिन्न पूजाओं में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं।
राम वरदायिनी मंदिर (Ramvardayini Mandir, Choravne)
तुलजापुर में यमुनांचल पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर देवी रामवरदायिनी को समर्पित है। यहां देवी को अष्ठ भुजाओं में दर्शाया गया है। रामायण महाकाव्य से भी इस मंदिर का बड़ा घनिष्ठ संबंध रहा है। माना जाता है कि सीता की खोज में भटक रहे राम को देवी ने आशीर्वाद दिया था।
संत गोरोबा काका मंदिर (Sant goroba kaka mandir)
उस्मानाबाद जिले में स्थित यह मंदिर 13 वीं शताब्दी में बना था। वर्ग के आकार में बना यह मंदिर 1317 में संत गोरोबा की मृत्यु के उपरांत बनवाया गया था। मंदिर में एक सभा मंडप भी है, जहां धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां चलती रहती हैं।
येदशी रामलिंग वन्यजीव अभ्यारण्य (Yedshi Ramling Wildlife Sanctuary)
– उस्मानाबाद जिले के कालंब तहसील के येदशी, वडगांव और भनसगांव में यह अभ्यारण्य फैला हुआ है। शुष्क पताड़ी वनों ने इस अभ्यारण्य को आच्छादित कर रखा है। अभ्यारण्य में चिंकारा, भेड़िया, जंगली भालू, लोमड़ी, काला हिरन, खरगोश और मोर सामान्यत: पाए जाते हैं। लगभग 100 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां भी यहां देखी जा सकती हैं।
उस्मानाबाद कैंसे पहुंचे (How to Reach Osmanabad)
वायु मार्ग– औरंगाबाद उस्मानाबाद का नजदीकी एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट देश के अनेक शहरों से नियमित फ्लाइटों के माध्यम से जुड़ा है।
रेल मार्ग– उस्मानाबाद रेलवे स्टेशन मुंबई-शोलपुर रेल लाइन पर पड़ता है। यह रेलवे स्टेशन देश के विभिन्न शहरों से अनेक ट्रेनों के माध्यम से जुड़ा है।
सड़क मार्ग– मुंबई-सोलापुर-उस्मानाबाद रोड़ उस्मानाबाद को राज्य और देश के अनेक हिस्सों से जोड़ता है। अनेक शहरों से यहां के लिए नियमित बसें चलती रहती हैं।