हनुमान (Hanuman)
Hanuman jayanti 2021: हनुमान, भगवान शिवजी के 11वें रुद्रावतार हैं। इनका अवतार भगवान राम की सहायता के लिये हुआ। हनुमान जी के पराक्रम की असंख्य गाथाएं प्रचलित हैं।
इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं।
Hanuman Complete Info in Hindi
नाम | हनुमान |
अन्य नाम | मारुति, पवन पुत्र, बजरंग बली |
जन्म / जयंती | चैत्र पूर्णिमा |
माता | अंजना |
पिता | केसरी |
धर्म पिता | पवन पुत्र |
संबंध | रुद्रावतार, राम भक्त |
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मंत्र | ॐ श्री हनुमते नमः |
वार | मंगल |
अस्त्र | गदा |
जीवनसाथी | अविवाहित, ब्रह्मचारी |
संबंधित लेख | हनुमान बाहुक, हनुमान चालीस, रामायन के प्रमुख पात्र |
हनुमान का जन्म कब और कहा हुआ था?
ज्योतिषीयों के गणना अनुसार हनुमान जी का जन्म आज़ से 58 हजार 112 वर्ष पहले तथा लोकमान्यता के अनुसार त्रेतायुग के अंतिम चरण में चैत्र महीने के पूर्णिमा तिथि को मंगलवार के दिन झारखंड राज्य के गुमला जिले के आंजन में हुआ था। वायु पुराण के एक श्लोक अनुसार-
आश्विनस्या सितेपक्षे स्वात्यां भौमे च मारुतिः।
मेष लग्ने जनागर्भात स्वयं जातो हरः शिवः।।
अर्थात:- भगवान हनुमान का जन्म कृष्ण पक्ष चतुर्दशी मंगलवार को स्वाति नक्षत्र की मेष लग्न और तुला राशि में हुआ था।
हनुमान जन्म कथा (Hanuman Birth Story In Hindi)
पौराणिक मान्यता अनुसार देवी अंजना और केसरी की कोई संतान नहीं थी। इससे दु:खी होकर वे दोनों भगवान शिव की तपस्या करने लगे। भगवान महादेव उनकी उपासना से प्रसन्न होकर 11वे रुद्र अवतार के रूप में अंजना के गर्भ से पैदा होने का वरदान दे देते है।
महादेव के तेज को गर्भ में स्थापित करने का कार्यभार महादेव ने पवन देव को सौपा। फलस्वरूप चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को अंजना के गर्भ से रूद्र के ग्यारहवें अवतार हनुमान जी का जन्म हुआ।
बज्र के समान बलवान शरीर होने के कारण इनका एक नाम बजरंगबली भी है। वे पवन-पुत्र के रूप में जाने जाते हैं। पवन देव ने हनुमान जन्म और पालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसलिए इन्हें पवन पुत्र अथवा मारुति भी कहते है।
मारुत (संस्कृत: मरुत्) का अर्थ हवा है। नंदन का अर्थ बेटा है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान “मारुति” अर्थात “मारुत-नंदन” (हवा का बेटा) हैं।
हनुमान नाम कैसे पड़ा? (How Did Hanuman Get His Name)
इन्द्र के वज्र प्रहार से हनुमानजी की ठुड्डी (संस्कृत में हनु) टूट गई थी। इसलिये मारुति को हनुमान कहा जाने लगा। इसके अलावा भी हनुमान अनेक नामों से प्रसिद्ध है जैसे बजरंग बली, मारुति, अंजनि सुत, पवनपुत्र, संकटमोचन, केसरी नन्दन, महावीर, कपीश, शंकर सुवन आदि।
हनुमान जी का स्वरूप (Symbolic Significance of Hanuman)
रामायण अनुसार, हनुमान जी को वानर के मुख वाले अत्यंत बलिष्ठ पुरुष के रूप में बताया गया है। इनका शरीर अत्यंत मांसल एवं बलशाली है। उनके कंधे पर जनेऊ लटका रहता है। मस्तक पर स्वर्ण मुकुट एवं शरीर पर स्वर्ण आभुषण पहने दिखाए जाते है। उनकी वानर के समान लंबी पूँछ है। उनका मुख्य अस्त्र गदा माना जाता है।
हनुमान जयंती एवं पूजन विधि
हनुमान जयंती के दिन हनुमान भक्त अपने प्रभु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के साथ ही व्रत रखते हैं। मान्यता है कि हनुमान जी अपने भक्तों के जीवन में आने वाले सभी संकटों को दूर करते हैं।
कहते हैं कि इस दिन रामायण, रामचरित मानस, सुंदरकाण्ड पाठ, हनुमान चालीसा, हनुमान बाहुक आदि का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।
2022 में हनुमान जयंती कब है? (Hanuman Jayanti Date & Puja Muhurat In 2022)
Hanuman Jayanti 2021: हनुमान जयंती हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में एक है। यह भगवान हनुमान के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हनुमान जयंती हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा को पड़ता है। इस साल हनुमान जयंती 16 अप्रैल को मनाई जाएगी।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- अप्रैल 16, 2022 को 02:27:35 से दो
पूर्णिमा तिथि समाप्त– अप्रैल 17, 2022 को 00:26:51 पर।
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के अलावा कई जगहों पर कार्तिक मास में कृ्ष्णपक्ष की चतुर्दशी को हनुमान जयंती मनाते हैं।
हनुमान के प्रसिद्ध मंदिर (10 Most Famous Hanuman Temples In India)
- बालाजी हनुमान मंदिर, मेहंदीपुर (राजस्थान)
- हनुमान मंदिर, इलाहबाद (उत्तर प्रदेश)
- हनुमानगढ़ी, अयोध्या
- सालासर हनुमान मंदिर, सालासर(राजस्थान)
- हनुमान धारा, चित्रकूट
- श्री संकटमोचन मंदिर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
- भेट-द्वारका, (गुजरात)
- डुल्या मारुति, पूना (महाराष्ट्र)
- श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सारंगपुर (गुजरात)
- यन्त्रोद्धारक हनुमान मंदिर हंपी (कर्नाटक)