प्रो. दयानंद वर्मा (Palmist)
प्रो. दयानन्द वर्मा (Prof. Dayanand Verma) विश्व प्रसिद्ध हस्तरेखा विशेषज्ञ, लेखक और Institute of Palmistry के संस्थापक थे। जिसे भारत में हस्तरेखा सीखने के लिए सबसे अच्छा शिक्षण संस्थान माना जाता हैं। वर्तमान में इसका संचालन प्रो. दयानंद की सुपुत्री निशा घई करती है।
प्रों दयानन्द वर्मा (Prof. Dayanand verma Biography)
प्रो दयानन्द वर्मा (Prof. Dayanand Verma) का जन्म वर्ष 1931 में हुआ था, इनके पिता का श्री घेला राम प्रकाशन के व्यवसाय में थे। दयानन्द वर्मा की रुचि बचपन से ही साहित्य और पत्रकारिता में थी। अपने पैरों में खड़े होने के बाद उन्होने अपने रुचि के अनुसार ही प्रकाशन के क्षेत्र को चुना और अपना नाम बनाया। दयानन्द वर्मा अखिल भारतीय हिन्दी प्रकाशक संघ तथा कई धार्मिक संस्थानों के प्रेसिडेंट भी रहें।
इस दौरान वह मनोविज्ञान, भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक ज्ञान के विषयों पर कई पुस्तके लिखी और कई वर्षों तक मनोवैज्ञानिक पत्रिका ‘प्रकाशितमन’ के संस्थापक भी रहे। दयानन्द वर्मा की पामिस्ट्री के प्रति रुचि उत्पन्न होने की कहानी भी कम रोचक नही हैं। कहानी कुछ इस प्रकार है-
वर्ष 1968 में जब प्रो. दयानन्द एक पुस्तक की छपाई के लिए प्रेस में थे, तब आकस्मिक जिज्ञासा के लिए उन्होने अपने हाथ का छाप एक कागज पर उतार लिया। यह प्रिंट कई वर्षों तक उनके दफ्तर पर रखा रहा, और करीब 1 दशक पश्चात कुछ ढूंढते वक्त जब यह कागज उन्हे मिला, तो वह चौंक गए। उनकी हस्त रेखाओं में काफी परिवर्तन आ चुका था।
रेखाओं में ऐसा परिवर्तन देख दयानन्द के मन में आध्यात्मिक से संबन्धित कई प्रश्न उठे, इन प्रश्नों के उत्तर के लिए उन्होने भारत के कई तीर्थ स्थलों की यात्रा की, और कई विद्वान ज्योतिषोयों से भी मिले। आत्म निरीक्षण के इस चरण में वह योग और ध्यान के प्रति आकृषित हुए।
विस्तृत अध्यन और अनेकों हथेलियों का परीक्षण करने के पश्चात प्रो. दयानन्द वर्मा इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि-“हस्तरेखा, मनोविज्ञान से संबंधित है। यह हमारे मस्तिष्क और विचार शक्ति से संबंधित विज्ञान है. हम अपनी इच्छा शक्ति के माध्यम से रेखाओं को बदल सकते हैं, इस प्रकार हमारे भविष्य को बदल सकते हैं।”
प्रों. दयानन्द वर्मा पुस्तक (Books by Prof. Dayanand Verma)
प्रो. दयानन्द की हस्तरेखा पर लिखीं प्रत्येक पुस्तक अत्यंत महत्वपूर्ण है और अधिकांश प्रतिष्ठित हस्तरेखा शिक्षण संस्थान द्वारा प्रयोग में लायी जाती है। दयानन्द वर्मा द्वारा लिखित ‘पामिस्ट्री के गुढ़ रहस्य’ हस्तरेखा पर लिखी विश्व के सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों में से एक मानी जाती है। प्रो. दयानन्द द्वारा लिखित प्रमुख पुस्तक निम्न है-
हिन्दी पुस्तक (Hindi Books)
- पामिस्ट्री के गुढ़ रहस्य
- पामिस्ट्री के अनुभूत प्रयोग भाग -1,2,3
- पामिस्ट्री के व्यज्ञानिक और व्यावहारिक सूत्र
- ग्रह नक्षत्र द्वारा भाग्य निर्माण
अँग्रेजी पुस्तक (English Books)
- All the secrets of Palmistry
- How stars influence our destiny
- A Handbook of Scientific & Practical Palmistry
- Palmistry How to Master it?
- Fifty Handprints
- How to Develop The Right Attitude
- The Bhagvad Gita A Modern Interpretation
- Dhyan Yoga
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