जानिए, पूजा घर में क्यों नहीं लगाई जाती हैं पूर्वजों की तस्वीर
हिन्दू धर्म में आस्था का बहुत ही ख़ास महत्व है, यहाँ लोग प्रत्येक दिन की पूजा को जरूरी एवं महत्वपूर्ण मानते है। ऐसा विश्वास है की हर रोज पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते है, तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है साथ ही ऐसा करने से मन को शांति प्राप्त होती है।
भगवान की पूजा में उचित एवं उत्तम समानो को प्रयोग में लाना इसका भी ध्यान रखा जाता है, तथा इसके बाद यदि पूजा के लिए कोई महत्वपूर्ण चीज़ होती है तो वह है ऐसा स्थान जहा पर भगवान की पूजा करी जाती है। जैसे कि मंदिर या हमारे घरों में ही बनाए गए भगवान की पूजा के लिए स्थल। यह पवित्र हो, कोई अशुद्ध वस्तु यहां ना हो, इस बात का ध्यान रखा जाता है। घर के मंदिर में रोज़ाना परिवार जन एकत्रित होकर पूजा करना सही मानते हैं।
हिन्दू परिवारों के अमूमन पूजा घरों में आप भगवान की मूर्तियों के अलावा कुछ तस्वीरें भी पाएंगे। ये तस्वीरें देवी देवता की भी होती हैं और इसके अलावा जो लोग संत महात्मा पर विश्वास करते हैं, वे उनकी तस्वीर भी पूजा घर में लगाते हैं। इसके अलावा कुछ लोग अपने स्वर्गवासी पूर्वज या फिर परिजनों की तस्वीर भी पूजा घर में लगाते हैं।
ऐसा कभी ना करें शास्त्रों एक अनुसार कभी भी पूजा घर में स्वर्गवासी हो चुके व्यक्ति की कोई भी वस्तु या तस्वीर तो बिलकुल भी नहीं होनी चाहिए। यह शास्त्रों की दृष्टि में निषेध है। इससे आपकी पूजा बेकार होती है और घर परिवार पर संकट भी आते है। क्या है इसके पीछे का कारण आइए जानते है..
पूजास्थल पर क्यों नहीं रखते पितरों के चित्र?
हमलोग अपने स्वर्गवासी परिजनों को बेहद प्रेम करते हैं, स्वाभाविक है उनकी आत्मीयता भुलाई नहीं जा सकती। उनके आशीर्वाद से ही हम फल फूल रहें हैं। तभी तो उनके चले जाने के बाद उन्हें सम्मान देने हेतु मंदिर में उनकी तस्वीर लगाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। ना केवल पूजा घर में अन्य मूर्तियों के साथ, वरन् पूजा घर की दीवारों पर भी मृत परिजनों की तस्वीर नहीं होनी चाहिए।
धार्मिक कारण (Religious Reason)
हिन्दू धर्म में पूजा घर में भगवान की पूजा अर्चना की जाती है। भगवान को सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वोपरि माना जाता है। पूर्वजों को भी हमारे गुरु और मार्गदर्शक माना जाता है। अपने पूर्वजों को भरपूर सम्मान दें, लेकिन ध्यान रखें भगवान का स्थान हमेशा उच्च है और उच्चतम ही रहेगा। इसलिए उनकी बराबरी में ज़िंदा या फिर मर चुके परिवार के लोगों की तस्वीर रखकर पूजा नहीं करनी चाहिए।
उनकी फोटो पूजा घर में रखने से भगवान का अपमान होता है। इसलिए, शास्त्रों के अनुसार पूजा घर में पूर्वजों की फोटो नहीं लगानी चाहिए। लेकिन फिर भी यदि कोई मन से अपने गुरु की तस्वीर पूजा घर में रखना भी चाहे, तो उसे भगवान की मूर्ति या तस्वीर से नीच ही रखें। देवी देवता की तस्वीर के बिलकुल बराबर कदापि ना रखें, यह भी केवल मान्यता ही है, वास्तु शास्त्र के अनुसार तो पूजा घर में मृत परिजनों की तस्वीर रखनी ही नहीं चाहिए।
ज्योतिषीय कारण (Astrological Reason)
वास्तु के अनुसार पूजा घर में उत्तर-पूर्व, उत्तर या पूर्व दिशा में केवल जीवित लोगों की फोटो लगाई जा सकती है। मृत पूर्वजों की फोटो दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगानी चाहिए। जबकि पूजा घर हमेशा उत्तर-पूर्व में बनवाना चाहिए। इसलिए, वास्तु के अनुसार पूजा घर में पूर्वजों की फोटो नहीं लगाना चाहिए ।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर में पूर्वजों की फोटो रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। इससे घर में शांति, सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
मुझे उम्मीद है कि आपको आजका यह लेख पसंद आया होगा। अगर आपका कोई सवाल है तो आप निशंकोच हमसे पूछ सकते है। हम आपका उत्तर देने के लिए वचनबद्ध है.. 😊