Pune (Maharashtra): History & Places To Visit in Hindi
पुणे (Pune) भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक महत्त्वपूर्ण शहर है। पुणे भारत का छठा व महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।
Pune: History, Facts & Tourist Places in Hindi | wiki
राज्य | महाराष्ट्र |
क्षेत्रफल | 138 वर्ग किलोमीटर |
ऊंचाई | समुद्र तल से 559 मीटर |
तापमान | गर्मियों में अधिकतम 40 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस, सर्दियों में अधिकतम तापमान 29 और न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियस। |
भाषा | मराठी, हिन्दी और अंग्रेजी |
दर्शनीय स्थल | शनिवार वाड़ा, सरसबाग गणपति, राजा दिनकर केलकर संग्रहालय, आगाखान महल |
पुणे को महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है। इसे क्वीन ऑफ द दक्कन के नाम से भी जाना जाता है। पुणे में बहुत सारे उच्च कोटि के शिक्षण संस्थान, शोध केन्द्र के साथ-साथ खेल, योगा, आयुर्वेद और समाज सेवा आदि से जुड़े अनेक संस्थान है। इसके अतिरिक्त वर्तमान समय में पुणे सूचना तकनीकी के क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से विकसित हो रहा है।
ऐतिहासिक तौर पर सत्रहवीं शताब्दी में इस शहर के प्रमुख केंद्र बिंदु मराठा शासक छत्रपति शिवाजी थे। शिवाजी का जन्म पुणे के शिवनेरी किला में हुआ था। उन्होंने अपना बचपन भी यही बिताया था। इस महल का निर्माण शिवाजी के पिता शाहजी ने करवाया था।
शाहजी के मित्र कोंडदेव ने पुणे में गणेश मंदिर का निर्माण करवाया था जिसे कसबा गणपति के नाम से जाना जाता है। यहां गणपति ग्राम देवता के रूप में जाने जाते हैं, जिन्हें धार्मिक त्योहारों, उपनयन समारोह या किसी अन्य समारोह में सबसे पहला आमंत्रण दिया जाता है।
सन् 1818 में हुए कोरेगांव युद्ध के बाद पुणे ईस्ट इंडिया कम्पनी के हाथों में चला गया। ब्रिटिश इसे ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना चाहते थे लेकिन इसे उन्नीसवीं शताब्दी का आर्मी टाउन बनाया गया और यह पुना कहलाने लगा। स्वतंत्रता संग्राम के समय सबसे पहले पुना से ही लोकमान्य तिलक ने देशवासियों से विदेशी समानों का बहिष्कार तथा स्वदेशी समानों को अपनाने का आग्रह किया था।
शनिवार वाड़ा (Shaniwar Wada)
वैभवयुक्त शनिवारवाड़ा महल पेशवा का निवास स्थान था। इस महल की नींव बाजीराव1 ने 1730 ई. में रखी थी। इस महल का निर्माण कार्य 1732 ई. में पूरा हुआ। इस महल की दीवारों पर रामायण और महाभारत के दृश्य चित्रित है।
कमल के सोलह फूलों की आकार में बना फव्वारा उस समय के बेहतरीन तकनीकी कौशल का नमूना है। वर्तमान समय में इस महल की देखभाल पुणे की नगरपालिका कर रही है। इस महल में प्रत्येक दिन लाइट एंड साउन्ड शो का आयोजन किया जाता है।
सरसबाग गणपति (Saras Ganesh Temple)
जिसकी मृत्यु सात वर्ष की आयु में ही हो गई थी। इसके अतिरिक्त इस इमारत की पहली मंजिल पर घरेलू बरतन (18वीं और 19वीं शताब्दी) का अनोखा संग्रह है। अन्य मंजिल पर श्री गणेश, शिव और पार्वती की मूर्तियां रखी हुई हैं। समय- 9 बजे प्रात: से 6 बजे शाम तक (प्रत्येक दिन खुला)
सरसबाग मंदिर में श्री सिद्धिविनायक की मूर्ति है। इस मंदिर में सामान्य दिनों में लगभग दस हजार लोग आते हैं। जबकि गणेश चतुर्थी और अन्य त्योहारों में यहां आने वाले यात्रियों की संख्या अस्सी हजार तक पहुंच जाती है।
राजा दिनकर केलकर संग्रहालय (Raja Dinkar Kelkar Museum)
केलकर संग्रहालय की स्थापना 1962 में बाबा दिनकर केलकर ने की थी। लेकिन 1975 में इन्होंने यह संग्रहालय महाराष्ट्र सरकार को सौंप दिया। इस संग्रहालय में अलग-अलग तरह के बीस हजार लेख है। बाबा केलकर ने स्वयं पूरे विश्व से इन्हें एकत्रित किया था। केलकर ने अपने पुत्र की याद में इस संग्रहालय की स्थापना की थी।
आगाखान महल (Aga Khan Palace)
इस महल का निर्माण 1892 में इमाम सुल्तान मोहम्मद शाह आगाखान 111 ने किया था। 1969 में आगाखान 1 ने यह महल भारत सरकार को सौंप दिया। राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी पुणे ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है।
1942 में हुए भारत छोड़ो आंदोलन के समय में गांधीजी, उनकी पत्नी कस्तूरबा और गांधीजी के सचिव महादेवभाई देसाई इस महल में ही रहे थे। मौला नदी के समीप स्थित, इस महल में गांधीजी और उनके जीवन पर आधारित यादों का स्मारक भी है।
समय- 9 बजे सुबह से 6 शाम तक (लंच ब्रेक- 12.30 दोपहर से 1.30 तक)। लोकेशन- आगाखान पैलेस, नगर रोड़, फितेजरल्ड़ ब्रिज के आगे।
पार्वती हिल मंदिर (Parvati Hill Entry Point)
पार्वती हिल पुणे में स्थित प्रमुख मंदिरों में से एक है। समुद्र तल से इस मंदिर की ऊंचाई 2100 फीट है। इस मंदिर में रोजाना भक्तों की भीड़ लगी रहती है। यह मंदिर सुबह पांच बजे खुलता है और रात आठ बजे बंद होता है। इस जगह के बार में ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर पेशवा शासक बालाजी बाजीराव ने ब्रिटिश को किकरी युद्ध में हराया था।
इसके अलावा यहां एक देवदेवेश्वर मंदिर और कई अन्य मंदिर लार्ड कार्तिकालय, विष्णु और विठ्ठल भी है। प्रत्येक मंदिर का मराठा साम्राज्य में एक प्रमुख स्थान है। पार्वती हिल मंदिर शहर के मध्य स्थित है। दक्कन से इस स्थान की दूरी चार कि.मी. और स्वारगेट से 1 कि.मी. है।
कटराज सर्प उद्यान (Rajiv Gandhi Zoological Park, Katraj Zoo)
यह उद्यान कटराज मार्ग पर स्थित है। इस सर्प उद्यान में अनेक संख्या में सांप और अन्य रेंगने वाले जंतु जैसे मगरमच्छ आदि देखने को मिल जाएगें। इस पार्क में पुस्तकालय भी है, जहां सापों की जानकारी चित्रों के साथ प्रदर्शित की गई है।
लोकेशन- कटराज सर्प उद्यान, पुणे सतारा हाईवे के समीप स्थित भारतीय विद्यापीठ विश्वविद्यालय के नजदीक है।
समय- सुबह 10.30 से शाम 6 बजे तक (बुधवार बंद)।
कोणार्क पक्षी अभ्यारण (Konark Bird Park)
पुणे के समीप स्थित, अम्बोरसिया से आगे और पशान से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर यह खूबसूरत पक्षी अभ्यारण्य है। यहां स्थित पक्षियों को निजी रूप से डॉ. सुहास जोग ने इक्टठ्ठा किया है। यहां स्थित पक्षियों को डॉ. जोग ने विश्व के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित किया है।
यहां फोटो खींचने की अनुमति नहीं हैं। आपको यहां आस्टेलिया का बेअर-आइड कोकेटू (एक प्रकार का तोता), चाइना का पीला सुनहरा तीतर और कीनिया का रिंग ओइट तीतर आदि देखने को मिल जाते हैं।
पुणे कैसे पहुंचे (How to Reach Pune)
हवाई मार्ग- लोहेगाँव हवाई अड्डा या पुणे हवाई अड्डा एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो पुणे शहर के केंद्र से 15 किमी दूर स्थित है। पुणे पूरे देश के साथ घरेलू एयरलाइनों के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग- पुणे, मुंबई (140 किमी), अहमदनगर (121 किमी), औरंगाबाद (215 किमी) और बीजापुर (275 किमी) सभी कई राज्य और रोडवेज बसों द्वारा पुणे से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं।
रेल मार्ग- पुणे जंक्शन रेलवे स्टेशन शहर को सभी प्रमुख भारतीय गंतव्यों से जोड़ता है।