रायचूर (Raichur)
रायचूर (Raichur) कर्नाटक राज्य के रायचूर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। रायचूर में अनेक दर्शनीय स्थल हैं जो विजयनगर और चालुक्य शासन की याद दिलाते हैं। एक समय में इसे किष्किंधा कहा जाता था।
Raichur: History & Tourist Place in Hindi
राज्य | कर्नाटक |
क्षेत्रफल | 14013 वर्ग किमी. |
भाषा | कन्नड़, उर्दू, तेलुगु, अंग्रेजी |
आकषर्ण | मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर, नारदगड्डे मंदिर, रायचूर किला, कल्लुर आदि। |
कब जाएं | अक्टूबर से मार्च |
रायचूर कर्नाटक का उत्तर पश्चिमी जिला है। शताब्दियों तक इस पर अनेक वंशों का शासन रहा जैसे मौर्य, चालुक्य, विजयनगर, बहमनी और मुगल। एक समय में इसे किष्किंधा कहा जाता था।
शहर से कुछ उत्तर में कृष्णा नदी और कुछ दक्षिण में तुंगभद्रा नदी बहती है। शहर कि बीच एक पहाड़ पर ऐतिहासिक रायचूर दुर्ग खड़ा है। इन नदियों से खेती व बिजली उत्पादन में सहायता करती है।
रायचूर के प्रमुख दर्शनीय स्थल (Places to visit in Raichur)
Raichur Tourist Places: रायचूर में अनेक दर्शनीय स्थल हैं जो विजयनगर और चालुक्य शासन की याद दिलाते हैं। चोटी पर बने किले और मंदिर अतीत से रूबरू कराते हैं।
1. नारदगड्डे मंदिर (Narada Gadde Temple)

कृष्णा नदी के एक आकर्षक टापू नारदगड्डे पर स्थित यह मंदिर देवर्षि नारद को समर्पित है। नारदगड्डे को कुरुवापुर के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थान रायचूर से 48 मील उत्तर-पूर्व में स्थित है। माना जाता है कि यह मंदिर उस जगह पर बनाया गया है जहां देवर्षि नारद ने तपस्या की थी।
2. मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर (Markandeshwara Mahadev Temple)
मार्कण्डेश्वर मंदिर रायचूर के पास स्थित कल्लुर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। मंदिर में भगवान शिव के मार्कण्डेश्वर रूप की अराधना की जाती है। यह मंदिर खूबसूरती से तराशे गए स्तंभों के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि विजयनगर साम्राज्य के राजा कृष्णदेव राय परिवार सहित यहां पूजा करते थे।
3. एक मीनार मस्जिद (Ek Minar Masjid)
रायचूर शहर में स्थित एक मीनार की मस्जिद पारसी वास्तुशैली में निर्मित है। 20 मीटर ऊंची दोमंजिला मीनार वाली यह मस्जिद इस शहर का प्रमुख आकर्षण है। मीनार के ऊपर चढ़ने के लिए घुमावदार सीढ़ियां बनी हुई हैं। ऊपर से शहर का मनमोहक नजारा देखा जा सकता है। एक मीनार की मस्जिद दौलताबाद की चांद मीनार के समान दिखाई देती है।
4. जामी मस्जिद (jami Masjid Raichur)
सबसे बड़ी और खूबसूरत मस्जिदों में से एक जामी मस्जिद रायचूरा में स्थित है। इस अद्भुत इमारत में दो प्रवेश द्वार और छ: विशाल स्तंभ हैं। मस्जिद के पास ही आदिल शाही वंश के लोगों की कब्रें भी हैं। इसके अलावा एक प्राचीन महल और किले के अवशेष भी पास में ही देखे जा सकते हैं।
5. मलिआबाद (Malihabad)
रायचूर से सात किमी. दूर मलियाबाद में इतिहास और प्रकृति का अनूठा संगम दिखाई पड़ता है। पूरा गांव पक्षियों की चहचहाट से गूंजता है। यहां पर विजयनगर काल के अनेक स्मारक भी देखे जा सकते हैं। मलिआबाद का किला चालुक्य कला का सुंदर उदाहरण है। किले के अंदर छ: पैरों वाले हाथी का जोड़ा बहुत ही आकर्षक है। किले के आसपास बने द्वार भी चालुक्य वास्तुकला के विकसित रुप को दर्शाते हैं।
6. बाला हिसार (Bala Hisar)
बाला हिसार पहाड़ी की चोटी पर स्थित एक किला है। किले में एक विशाल बंदूक है जिसकी लंबाई 20 फीट है। ऊपर चट्टानों की स्थित कुछ इस प्रकार की है जिसका प्रयोग पानी जमा करने के लिए किया जाता था। किले के पश्चिमी भाग में एक बड़ा तालाब है जिसे हिकरानी बावली कहा जाता है। किले के दरवाजों पर जानवरों और भगवानों की तस्वीरें उकेरी गई हैं। किले की बाहरी दीवार पर नाग को पकड़े एक देवता का चित्र देखा जा सकता है। किले के पास खाई को पार करने के लिए पुल बनाया गया है।
7. रायचूर किला (Rachur Fort)
पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस किले का निर्माण 1294 में काकतिय वंश के शासकों ने करवाया था। किले की आंतरिक दीवारें बड़े पत्थरों से बनाई गई हैं और इन्हें बनाने में सीमेंट का बिल्कुल प्रयोग नहीं किया गया है। किले के अंदर कन्नड़ भाषा में लिखे शिलालेख मिलते हैं। मुस्लिम संत पीर सैलानी सहिद का मकबरा भी किले के अंदर ही है।
8. कल्लुर (Kallur)
मनवी तालुक का कल्लुर गांव रायचूर से करीब 13 मील दूर है। ग्रेनाइट पहाड़ियों से घिरा यह गांव प्राचीन समय की निशानियों से भरा है। वर्तमान समय में इस गांव के चारों ओर एक पुरानी दीवार है जिसका निर्माणकाल 13वीं या 14वीं शताब्दी माना जाता है। लेकिन पांचों द्वार मुस्लिम काल में बने हैं। मंदिर में और इसके आसपास छ: मंदिर हैं। इनमें से सबसे प्रमुख मंदिर मरकडेश्वर मंदिर है।
कल्लुर की एक अन्य रोचक विशेषता यहां के बड़े और खूबसूरती से बनाए गए कुंए हैं। इनमें से पांच कुंए विशेषरूप से उल्लेखनीय हैं। इन्हें बहुत कुशलता से बनाया गया है और इनके नीचे जाने के लिए सीढ़ियां भी बनाई गई हैं। लेकिन इनके निर्माण का समय पता नहीं है।
रायचूर के अन्य पर्यटन स्थल (Other tourist places in Raichur)
दतात्रेय मंदिर कुरुवापुर- कुरुवापुर भगवान दत्तात्रेय तीर्थ कर्नाटक के रायचूर जिले से 25 किमी दूर कृष्णा नदी के तट पर स्थित है कलियुग में भगवान दत्तात्रेय के पहले अवतार श्री श्रीपाद श्रीवल्लभ थे। यह स्थान श्री श्रीपाद श्रीवलभा की तपभूमि है।
हट्टी सोने की खान- हट्टी सोने की खान Hatti Goldmines) जिला मुख्यालय रायचूर से 80 किमी पश्चिम और तालुक केंद्र लिंगसुगुर से 20 किमी दूर है।
श्री दक्षिण महालक्ष्मी- रायचूर से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित, पर्यटक महाराष्ट्र और गुजरात के अन्य राज्यों से श्री दक्षिण महालक्ष्मी दर्शन के लिए आते हैं। कल्लूर गांव में कई प्राचीन मंदिर हैं।
अम्बा मठ- यह मंदिर रायचूर जिले से 108 किलोमीटर दूर सिंधनूर तालुक के सोमालापुरा गाँव के सबसे पुराने मंदिरों में से एक हैं। कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश व अन्य राज्यों से पर्यटक श्री देवी की एक झलक पाने के लिए आते हैं।
500 साल पुराना पेड़- रायचूर शहर से 58 किमी दूर गवर्नमेंट कॉलेज के मैदान में स्थित, यह पेड़ लगभग 500 साल पुराना है। दक्षिण भारत के एकमात्र बाओबाब ट्री (एडोंसोनिया डिजिटाटा) के रूप में जाना जाने वाला पेड़ 45 फीट चौड़ा और 40 फीट ऊंचा है। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार, यह पेड़ पृथ्वी के सबसे पुराने पेड़ों में से एक है और दक्षिण अफ्रीका में सबसे अधिक पाया जाता है।
रायचूर कैंसे पहुंचे (How to Teacher Raichur)
वायु मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डा हैदराबाद 151 किमी. की दूरी पर है।
रेल मार्ग: रायचूर रेलवे स्टेशन गुंटाकल-गुलबर्ग रेलवे लाइन का महत्वपूर्ण स्टेशन है जो राज्य के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग: रायचूर सड़कों के जरिए देश व कर्नाटक के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। रायचूर बस स्टेशन से अन्य स्थानों के लिए नियमित बसें उपलब्ध है।