Rajgarh (M.P): History & Tourist Places in Hindi
राजगढ़ (Raigarh) भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय राजगढ़ है।
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 6154 वर्ग किमी. |
भाषा | हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | बियौरा, तालेन, कोतरा, नापानेरा, घुरेल आदि। |
सम्बंधित लेख | मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल |
कब जाएं | नवम्बर से मार्च। |
नेवज और पर्बती नदी के किनारे बसा मध्य प्रदेश का राजगढ़ जिला 6154 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। राज्य के उत्तर पश्चिमी हिस्से में स्थित राजगढ़ की स्थापना 1681 ईसवी में दीवान पारसराम ने की थी। बियौरा, तालेन, कोतरा, नापानेरा और घुरेल यहां के ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल हैं।
जिला का नरसिंहगढ़ नगर लगभग 300 साल और बियौरा मान्डू गांव 1000 साल पुराना माना जाता है। इसके अलावा यहां का वन्यजीव अभ्यारण्य पर्यटकों को भी खूब पसंद आता है। श्यामजी संका मंदिर और जालपामाता मंदिर यहां के पवित्र और लोकप्रिय मंदिर है।
राजगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल (Best Places To Visit
नरसिंहगढ़ किला– एक पहाड़ी के शिखर पर बना यह किला नरसिंहगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य से करीब 3 किमी. की दूरी पर है। नरसिंहगढ़ और उसके आसपास के क्षेत्र की सुंदरता निहारने के लिए यह एक उत्तम स्थल है। प्राचीन वास्तुकारी का प्रतीक यह किला देखरेख और मरम्मत के अभाव में जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है।
दरगाह शरीफ– राजगढ़ की इस लोकप्रिय मस्जिद की स्थापना बाबा साहिब की मृत्यु के बाद मुतावल्ली ने की थी। मार्च के माह में यहां लगने वाला उर्स पर्व के मौके पर हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं का आगमन होता है। राजगढ़ से बस द्वारा यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
राजगढ़ संग्रहालय– इस संग्रहालय में 9वीं से 11वीं शताब्दी की अनेक कलात्मक वस्तुओं का संग्रह देखा जा सकता है। मौर्य, गुप्त, प्रतिहार काल की अनेक मूर्तियां भी यहां देखी जा सकती हैं। भोपाल यहां का निकटतम एयरपोर्ट और बियौरा यहां का करीबी रेलवे स्टेशन है।
जापला माता मंदिर– यह पवित्र मंदिर राजगढ़ से मात्र 4 किमी. की दूरी पर स्थित है। एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर से नगर और आसपास के मनोरम दृश्य देखे जा सकते हैं। नवरात्रि पर्व यहां बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और इस मौके पर दूर-दराज से श्रद्धालुगण आते हैं।
श्यामजी संका मंदिर– राजगढ़ के संका में स्थित यह मंदिर 16-17 वीं शताब्दी के मध्य बना था। मंदिर को राजा संग्राम सिंह की याद में बनवाया गया था। हाजी वली के मुगल सैनिक से मुठभेड में उनकी मृत्यु हो गई थी। मंदिर की मुख्य विशेषता मालवी और राजस्थानी शैली में बनी चित्रकारियां हैं। ईंट और पत्थरों से बने इस मंदिर की देख-रेख राज्य सरकार द्वारा की जाती है।
नरसिंहगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य– 57 वर्ग किमी. में फैले इस अभ्यारण्य को 1974 में स्थापित किया गया था। अभ्यारण्य में विविध वनस्पतियों और वन्यजीवों को देखा जा सकता है। चीतल, सांभर, नीलगाय, तेंदुआ, वाइल्ड बोर आदि जानवर यहां सामान्यत: पाए जाते हैं।
अभ्यारण्य के बीचों-बीच चिदीखोन कुंड है। यहां विविध स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की करीब 164 प्रजातियां देखी जा सकती हैं। अभ्यारण्य में सैकड़ों प्राकृतिक गुफाएं हैं, जिनमें अनेक प्राचीन लाल और सफेद चित्रकारियां बनी हुई हैं। नवंबर से जून की अवधि यहां आने के लिए सबसे बेहतर मानी जाती है।
बियौरा– अजनर नदी के किनारे बसा यह एक खूबसूरत गांव है। यह गांव राजगढ़ के लगभग 25 किमी. की दूरी पर है। चतुर्भुजनाथ और रघुनाथजी का प्राचीन मंदिर यहां के मुख्य आकर्षण हैं। चतुर्भुजनाथ मंदिर 700 साल पुराना और रघुनाथजी का मंदिर 400 साल पुराना माना जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 3 और 69 यहीं से होकर गुजरता है।
राजगढ़ के प्रमुख दर्शनीय स्थल (Best Places To Visit in Rajgarh)
वायु मार्ग– भोपाल एयरपोर्ट राजगढ़ का नजदीकी एयरपोर्ट है जो देश के अनेक शहरों से वायुमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। भोपाल यहां के लगभग 145 किमी. दूर है।
रेल मार्ग– बियौरा रेलवे स्टेशन यहां का करीबी रेलवे स्टेशन है। राज्य और अन्य पड़ोसी राज्यों से अनेक रेलगाड़ियां यहां के लिए चलती हैं।
सड़क मार्ग– राष्ट्रीय राजमार्ग 3, 12 और 69 राजगढ़ को मध्य प्रदेश और देश के अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ते हैं। राज्य परिवहन निगम की बसें राजगढ़ के लिए चलती हैं।
कहां ठहरें– राजगढ़ में ठहरने के लिए होटलों की उचित व्यवस्था नहीं है। भोपाल से यहां से करीब 145 किमी. की दूरी पर है, जहां अनेक किफायती होटल उपलब्ध हैं।