Rajgir (Bihar): History & Tourist Places in Hindi
राजगीर (Rajgir) भारत के बिहार राज्य के नालंदा ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। यह कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी।
Rajgir: History, Facts & Tourist Places in Hindi | wiki
राज्य | बिहार |
जिला | नालंदा |
क्षेत्रफल | 111.4 km² |
ऊंचाई | समुद्र तल से 73 मीटर |
भाषा | हिन्दी, मगही |
दर्शनीय स्थल | गृद्धकूट, पिप्पहली हाउस, वेणुवन, तपोधर्म, सप्तपर्णी गुफा, स्वर्ण गुफा, लक्ष्मी नारायण मंदिर आदि। |
प्रसिद्धि | बौद्ध धर्म का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल |
कब जाएं | अक्टूबर से मार्च। |
कभी मगध साम्राज्य की राजधानी रहा राजगीर आज बौद्ध धर्म का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यहां बौद्ध धर्म से संबंधित कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटी थीं। यहीं प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन किया गया था और यहीं पर बुद्ध को उपहारस्वरुप प्रथम मठ प्रदान किया गया था। पर्यटक यहां पर गृद्धकूट पहाड़ी, पिप्पहली गुफा, वेणुवन, जीवककरम मठ, तपोधर्म, सप्तपर्णी गुफा, जरासंध का अखाड़ा, स्वर्ण भंडार, शांतिस्तूप आदि देख सकते हैं।
यहां हिन्दू और जैन धर्म के कई मंदिर भी हैं। इसके अलावा यहां गर्म पानी के झरने में स्नान का आनंद भी उठाया जा सकता है। राजगीर जिस समय मगध की राजधानी थी उस समय इसे राजगृह के नाम से जाना जाता था। राजगीर का ऐतिहासिक महत्व भी रहा है। जिसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है। यहीं पर भीम ने जरासंध का वध किया था। माना जाता है कि उदयन द्वारा पाटलिपुत्र को मगध की राजधानी बनाने के बाद ही इसका महत्व कुछ कम हुआ था।
गृद्धकूट (Vulture Peak)
इस पहाड़ी का संबंध बौद्ध धर्म से है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध जब राजगृह आते थे तो इसी पहाड़ी पर ठहरते थे। इसी पहाड़ी पर भगवान बुद्ध पर जानलेवा हमला हुआ था। भगवान बुद्ध के चचेरे भाई देवदत्त ने यहीं पर उनको मारने का प्रयास किया था। यह पहाड़ी महायान संप्रदाय के कई महत्वपूर्ण घटनाक्रमों का मूक गवाह रहा है।
इसी पहाड़ी पर प्रसिद्ध ”लोटस सूत्र’ भिक्षुओं का समर्पित किया गया था। इस पहाड़ी का जिक्र प्रसिद्ध विद्वान ह्वेनसांग ने भी किया था। आज भी यह पहाड़ी तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण स्थल है। वर्तमान में इस पहाड़ी पर जापान द्वारा निर्मित शांति स्तूप तथा रोपवे स्थित है।
पिप्पहली हाउस या गुफा (Pipahali house or Cavenear Bihar)
इस गुफा का उल्लेख पाली साहित्य में मिलता है। इसी गुफा में बौद्ध गुरु महाकश्यप कई बार ठहरे थे। इस गुफा के नजदीक इसी नाम से एक घर भी बना हुआ है।
वेणुवन (Venu Van )
राजगृह के सम्राट बिंबिसार ने एक बार भगवान बुद्ध को बांसों का उपवन भेंट स्वरुप प्रदान किया था। यह उपवन वेणुवन था। इसी उपवन में पहला बौद्ध मठ बना। सम्राट ने बुद्ध को यह वन इसलिए प्रदान किया था कि जब वो राजगृह आएं तो इसी उपवन में आराम करें तथा जनता को उपदेश दें।
तपोधर्म (Tapodharm)
तपोधर्म मठ गर्म झरने के नजदीक स्थित है। वर्तमान में यहां एक हिन्दू मंदिर का निर्माण किया गया है। यह मंदिर लक्ष्मी-नारायण मंदिर है। भगवान बुद्ध के समय में यहां एक मठ था। सम्राट बिंबिसार भी इस मठ के पास स्थित गर्म झरने में स्नान करने के लिए आते थे।
सप्तपर्णी गुफा (Saptaparni Cave)
इसी गुफा पर महाकश्यप के नेतृत्व में प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन किया गया था। भगवान बुद्ध भी कई बार इस गुफा में ठहरे थे। उस समय यह गुफा बौद्ध भिक्षुओं के रहने के काम आता था।
जरासंध का अखाड़ा (Battle Ground of Jarasandh)
महान योद्धा जरासंध इसी अखाड़े में अभ्यास किया करता था। जरासंध ने ही कृष्ण को मारने के लिए मथुरा पर 24 बार आक्रमण किया था।
लक्ष्मी-नारायण मंदिर (Lakshmi Narayan Temple)
गुलाबी रंग का यह मंदिर गर्म पानी के झरने के पास ब्रह्मकुंड के ऊपर बना हुआ है। जैसा कि मंदिर के नाम से ही स्पष्ट है यह मंदिर भगवान विष्णु और उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी को समर्पित है। भगवान बुद्ध के समय में इसी झरने के नजदीक तपोधर्म मठ बना हुआ था। सम्राट बिंबिसार इस झरने में स्नान करने आया करते थे।
प्राचीन राजपथ (Rajpath of Rajgir)
प्राचीन काल में यह राजगृह में प्रवेश का मुख्य रास्ता था। माना जाता है कि इसी रास्ते से भगवान कृष्ण ने राजगृह में प्रवेश किया था। अभी इस रास्ते में पत्थर के दो खंभे हैं। यह रास्ता 30 फीट चौड़ा है। रास्ते की चौड़ाई देख कर लगता है कि इस रास्ते से एक साथ कई रथ गुजर सकते थे।
कहा जाता है महाभारत काल में जब कृष्ण ने राजगृह में प्रवेश किया था तो उनके रथ की गति से रास्ते के पत्थर जल गए थे। इस रास्ते को देख कर पर्यटक उस समय की घटना का अहसास कर सकते हैं।
बिम्बिसार जेल (Bimbisar Jail, Rajgir)
राजगीर के जंगलों में एक भवन का अवशेष मिलता है। यह भवन गोलाकार था। कहा जाता है कि प्राचीन समय में यह जेल था। इसी जेल में अजातशत्रु ने अपने पिता बिंबिसार को बंद किया था। इस भवन का उस समय में सामरिक दृष्टि से काफी महत्व था। इस अवशेष की खोज 1914 ई. में हुई थी। प्रथम शताब्दी में इस भवन को एक मठ के रुप में उपयोग किया जाता था।
अजातशत्रु का किला (Ajatshatru Fort)
इस किले का निर्माण सम्राट अजातशत्रु ने 6ठीं शताब्दी ई. पूर्व में करवाया था। कहा जाता है कि इसके पास स्थित 6.5 मीटर ऊंचा स्तूप भी अजातशत्रु द्वारा ही बनवाया गया था।
साइक्लोपियन दीवार (Cyclopean masonry)
40 किलोमीटर लंबा यह दीवार कभी पूरे राजगीर की रक्षा करता था। यह दीवार पत्थरों का बना था। पूर्व मौर्य काल के संरचना का यह एक मात्र प्राप्त अवशेष है। इस दीवार के अवशेष राजगीर से गया जाने वाले रास्ते में देखे जा सकता हैं।
शांति स्तूप (Shanti Stupa, Rajgir)
यह विश्व शांति स्तूप 400 मीटर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यह स्तूप संगमरमर है। इसका निर्माण जापान सरकार ने करवाया है। इस स्तूप में भगवान बुद्ध की मूर्ति स्थापित है। इस स्तूप पर या तो आप पैदल जा सकते हैं या रोपवे के माघ्यम से। इस को गृद्धकूट के नाम से भी जाना जाता है।
करंद तालाब (Karane Lake)
करंद तालाब मौर्यों के गौरवशाली अतीत की बात करता है और बखूबी संरचनाओं से बनवाया गया था। माना जाता है कि भगवान बुद्ध जब राजगृह आते थे तो इसी तालाब में स्नान किया करते थे।
सोन भंडार गुफा (Swarn Bhandar Cave)
कहा जाता है कि यहां सम्राट जरासंध के सोने का खजाना है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस गुफा में अभी जरासंध का सोना बंद है। माना जाता है कि इस गुफा को खोलने का एक ही उपाय है। उपाय यह है कि इस गुफा पर लिखे लिपि को पढ़ा जाय। कहा जाता है कि यह लिपि स्वर्ण भंडार गुफा को खोलने का कोड है।
जैन मंदिर (Jain Temple, Rajgir)
राजगीर के आस-पास की पहाडियों पर 26 जैन मंदिर बने हुए हैं। इन मंदिरों तक पहुंचना काफी कठिन है। लेकिन पर्वतारोहियों के लिए यहां पहुंचना एक रोमांचक यात्रा हो सकता है।
गर्म पानी का झरना (Hot Water Kund)
वैभव पहाड़ी के किनारे गर्म पानी का झरना है। इस झरने में स्त्री और पुरुष के स्नान के लिए अलग-अलग स्थान बने हुए हैं। यहां सप्तधारा झरना भी है। यह झरना सिंह के आकार का है। सात सिंहो के मुंह से गर्म पानी आता है।
माना जाता है कि यह गर्म पानी सप्तपर्णी गुफा से आता है। इसके अलावा एक ब्रह्मकुंड भी है। इस कुंड के पानी का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस रहता है। इसी कुड के पास लक्ष्मी-नारायण मंदिर बना हुआ है।
राजगीर के आस-पास के दर्शनीय स्थल (Tourist Attractions near Rajgir)
सूरजपुर बड़गांव-यह स्थान राजगीर से 18 किलोमीटर दूर है। यहां एक झील तथा प्रसिद्ध सूर्य मंदिर है। यहां तीर्थयात्री वर्ष में दो बार एकत्रित होते हैं। वैशाख (अप्रैल-मई) तथा कार्तिक (अक्टूबर-नवंबर) माह में दूर-दूर से लोग प्रसिद्ध छठ पर्व मनाने के लिए आते हैं।
कुंडलपुर-कुंडलपुर राजगीर से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जैन धर्म के दिगम्बर सम्प्रदाय के अनुयायियों का मानना है कि भगवान महावीर का जन्म यहीं हुआ था। यहां एक जैन मंदिर तथा दो लोटस झील है। ये झील द दिरगा पुष्कर्णी तथा पांडव पुष्कर्णी है।
पावापुरी-राजगीर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पावापुरी को अपापुरी के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल है। माना जाता है कि जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर ने अपना अंतिम उपदेश यहीं पर दिया था। उन्होनें यहीं पर महापरिर्निर्वाण ग्रहण किया तथा उनका अंतिम संस्कार भी यहीं पर किया गया था। यहां जलमंदिर तथा समोशरण नामक दो प्रसिद्ध जैन मंदिर है।
बिहार शरीफ-राजगीर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिहार शरीफ मुस्लिमों का एक बहुत बड़ा तीर्थस्थल है। यह शहर पथरीले चट्टान पर बसा हुआ है। यहां मशहूर मुस्लिम संत मखदूम शाह शरफुद्दीन की समाधि है।
इस शहर का ऐतिहासिक महत्व भी रहा है। सल्तनत काल में यह बिहार की राजधानी भी रहा है। मध्यकाल में यह मुस्लिम शिक्षा का एक बहुत बड़ा केंद्र था। उस समय यह शहर ओदंतपुरी के नाम से जाना जाता था।
नालन्दा– नालन्दा राजगीर से 10 किलोमीटर की दूरी है। खुदाई के समय यहां प्राचीन नालन्दा विश्वविद्यालय के अवशेष पाए गए थे। इस विश्वविद्यालय का निर्माण 5वीं शताब्दी में गुप्त शासक कुमारगुप्त ने करवाया था। इसके अलावा यहां कई स्तूप, मठ और मंदिर भी स्थित हैं।
राजगीर कैंसे पहुंचे (How To Reach Rajgir)
वायु मार्ग: यहां का नजदीकी हवाई अड्डा पटना का जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा है। इंडियन एयरलांयस के विमान कलकत्ता, बांबे, दिल्ली, रांची तथा लखनऊ से यहां आते हैं।
रेल मार्ग: राजगीर में रेलवे स्टेशन है। भारत के महत्वपूर्ण शहरों से यहां के लिए ट्रेनें है।
सड़क मार्ग: राजगीर सड़क मार्ग द्वारा पटना (110 किमी), नालंदा (12 किमी), गया (78 किमी), पावापुरी (38 किमी) तथा बिहार शरीफ (25 किमी) से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इन सभी जगहों से यहां के लिए बसें चलती है।
कहां ठहरें: इस शहर में कम दामों ठहरने के लिए कई अच्छे होटल मिल जाते हैं।