Raksha Bandhan: रक्षा बंधन कथा, मुहूर्त एवं विधि
Raksha Bandhan 2023: भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षा बन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षा बंधन का पर्व 31अगस्त 2023, गुरुवार को मनाया जाएगा। आजके इस लेख में हम रक्षा बंधन का पौराणिक महत्त्व, मुहूर्त एवं पूजा विधि के बारे में जानेंगे।
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नाम | रक्षाबन्धन |
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अन्य नाम | राखी, सलूनो, श्रावणी |
तिथि | श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि |
अनुयायी | हिंदू धर्म व जैन धर्म |
प्रकार | हिन्दू त्यौहार |
उद्देश्य | भाई-बहन स्नेह |
उत्सव | राखी बाँधना, भोज, उपहार देना |
रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर दायें हाथ की कलाई में रक्षा सूत्र बांधती है, जिसे राखी (Rakhi) कहते हैं। यह एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इंग्लिश कलेंडर अनुसार यह समय अगस्त महीने में पड़ता है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त | Raksha Bandhan Date & Muhurta in 2025
When is Raksha Bandhan celebrated: रक्षा बंधन श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि तिथि को मनाया जाता है। इस साल पूर्णिमा तिथि प्रातः 8 अगस्त को रात्रि 2 बजकर 12 मिनट से अगले दिन 9 अगस्त को सुबह 1 बजकर 25 मिनट तक रहेगी।
Sunrise | August 09, 6:04 AM |
Sunset | August 09, 6:59 PM |
Purnima Tithi Timing | August 08, 02:12 PM – August 09, 01:25 PM |
Raksha Bandhan Muhurat | August 09, 06:04 AM – 01:25 PM |
Raksha Bandhan Aparahan Time | August 09, 01:49 PM – 04:24 PM |
Raksha Bandhan Pradosha Time | August 09, 06:59 PM – 09:13 PM |
रक्षा बंधन पौराणिक मान्यता | Raksha Bandhan mythology story in Hindi
द्रौपदी भगवान कृष्ण को भाई मानती थी। एक बार कृष्ण भगवान की उंगली कट गई, तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी फाड़ कर मधुसूदन की उंगली पर पट्टी बांध दी। चीर हरण होने पर श्री कृष्ण भगवान ने उसकी लाज रखी और उसकी सहायता करी।
राखीं बांधने की विधि | Correct way to tie Rakhi in Hindi
रक्षा बन्धन की प्राचीन परम्परा ब्राह्मणों और पुराहितों द्वारा अपने यजमानों को रक्षा सूत्र बांधने की थी, लेकिन वर्तमान में यह पर्व भाई-बहन के पर्व के रूप में अधिक प्रसिद्ध हो गया है। रक्षा बंधन की विधि इस प्रकार है-
- राखी के दिन सबसे पहले स्नानआदि से निवृत होकर इष्ट देवता और कुल देवता को प्रणाम करें।
- एक चांदी, पीतल या तांबे की थाली में ‘राखी, अक्षत, रोली, घी’ का दीपक रखें।
- सबसे पहली राखी अपने ईष्ट देवता को अर्पित करें।
- राखी बंधते समय भाई का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
- राखी बंधवाते समय सिर पर रुमाल या कोई स्वच्छ वस्त्र रखना चाहिए।
- सबसे पहले भाई के माथे पर रोली या सिंदूर का टीका लगाएं।
- टीका के ऊपर अक्षतलगाएं और आशीर्वाद के रूप में भाई के ऊपर कुछ अक्षत छींटें।
- भाई की नजर उतारने के लिए दीप से आरती करें।
- तत्पश्चात भाई की दायीं कलाई में राखी का पवित्र धागा, मंत्र बोलते हुए बांधे।
- भाई बहन एक दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराएं।
- अगर बहनें बड़ी हों तो भाईयों को बहनों के चरण छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए।
- अंत में भाई श्रद्धा अनुसार उपहार (वस्त्र, आभूषण या धन) देकर बहन के सुखी जीवन की कामना करें।
राखी बांधने का मंत्र :-
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।
भावार्थ- “जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बाँधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुझे बाँधता हूँ। हे रक्षे (राखी)! तुम अडिग रहना (तू अपने संकल्प से कभी भी विचलित न हो।)”
सिंदूर, रोली चंदन लगाने का मंत्र :-
‘सिन्दूरं सौभाग्य वर्धनम, पवित्रम् पाप नाशनम्।
आपदं हरते नित्यं, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा॥
Raksha Bandhan festival dates between 2021 To 2025
2021 | Sunday, 22nd of August |
2022 | Thursday, 11th of August |
2023 | Wednesday, 31th of August |
2024 | Monday, 19th of August |
2025 | Saturday, 9th of August |
Tags:- Rakhi Bandhne ka muhurat, Rakhi Kab hai? Raksha Bandhan 2023: Timings, Rituals & Origins