रानीखेत (Ranikhet)
रानीखेत (Ranikhet) भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक प्रमुख पहाड़ी पर्यटन स्थल (Tourist Place) है। यह अल्मोड़ा जनपद के अंतर्गत आता है। अगर आप गर्मियों में फेमिली के साथ घूमने या फिर रिफ्रेश होने का प्लान बना रहे हैं तो रानीखेत एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
रानीखेत: एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन
राज्य | उत्तराखंड |
क्षेत्रफल | 21.75 वर्ग किमी. |
भाषा | हिन्दी, गढ़वाली और इंगलिश। |
पर्यटन स्थल | चौबतिया, बिन्सर महादेव, झूला देवी मंदिर, उपट गोल्फ कोर्स, मजखली, हैराखान मंदिर आदि। |
समय | साल में कभी भी। |
रानीखेत का परिचय: प्रकृति प्रेमियों का स्वर्ग रानीखेत समुद्र तल से 1824 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। उत्तराखंड की कुमाऊं की पहाड़ियों के आंचल में बसा रानीखेत फिल्म निर्माताओं को भी बहुत पसन्द आता है। राजा हिन्दुस्तानी समेत अनेक फिल्में यहा बनी हैं।
रानीखेत नाम कैसे पड़ा: लोगों का मानना है कि कुमाऊं के राजा सुखरदेव की पत्नी रानी पद्मावति ने जब रानीखेत की सुंदरता देखी तो उन्होंने यहां रहने को निश्चय कर लिया। तब से इस स्थान का “रानीखेत” अर्थात् रानी का खेत कहा जाता है।
रानीखेत का इतिहास: रानीखेत और इसके आसपास के क्षेत्रों में कुमाऊंनी शासकों का शासन था। बाद में अग्रेजों का इस पर नियंत्रण हो गया। उन्होंने रानीखेत को हिल रिजॉर्ट के रूप में विकसित किया और 1869 ई. में यहां अपनी छावनी स्थापित की। रानीखेत आज की कुमाऊं रजिमेन्ट का मुख्य केन्द्र है।
रानीखेत के पर्यटन स्थल (Best Places to Visit in Ranikhet)
Ranikhet Torist Attraction: रानीखेत की हसीन वादिया, देवदार-पाइन के घने वन, हिमालय की विस्तृत पर्वतमाला और यहां स्थित प्राचीन मंदिरों को देखने दूर-दूर से सैलानी आते है। रानीखेत के प्रमुख पर्यटन स्थल निम्न है-
1. चौबतिया (Chaubatia in Hindi)
चौबतिया, मुख्य रूप से फलोद्यान, बगीचों और सरकारी फल अनुसंधान केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध है। यहां पिकनिक का आनंद लिया जा सकता है। इस स्थान से विस्तृत हिमालय, नंदादेवी, त्रिशूल, नंदाघुन्टी और नीलकण्ठ के विहंगम दृश्य देखे जा सकते हैं। 265 एकत्र क्षेत्र में फैला यहां का होर्टीकल्चर गार्डन देश के विशालतम होर्टीकल्चर गार्डन्स में एक है। इस गार्डन में 36 किस्म के सेब उगाए जाते हैं जिनमें चार किस्मों का निर्यात भी किया जाता है।
2. बिन्सर महादेव (Binsar Mahadev Temple in Hindi)
रानीखेत से 19 किमी. की दूरी पर बिन्सर महादेव मंदिर समुद्र तल से 2480 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस क्षेत्र का प्रमुख मंदिर है। मंदिर चारों तरफ से घने देवदार के वनों से घिरा हुआ है। मंदिर के गर्भगृह में गणेश, हरगौरी और महेशमर्दिनी की प्रतिमा स्थापित है। महेशमर्दिनी की प्रतिमा पर मुद्रित नागरीलिपि मंदिर का संबंध नौवीं शताब्दी से जोड़ती है।
इस मंदिर को राजा पीथू ने अपने पिता बिन्दू की याद में बनवाया था। इसीलिए मंदिर को बिन्देश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर साल जून के महीने में बैकुंड चतुर्दिशी के अवसर पर मेला लगता है। मेले में महिलाएं पूरी रात अपने हाथ में दिए लेकर सन्तान प्राप्ति के लिए आराधना करती हैं।
3. झूला देवी मंदिर (Jhula Devi Temple in Hindi)
देवी दुर्गा को समर्पित यह मंदिर रानीखेत से 7 किमी. दूर चौबतिया मार्ग पर स्थित है। मंदिर का मुख्य आकर्षण यहां लगी घंटियों का गुच्छा है जिसकी ध्वनि काफी दूर से भी सुनी जा सकती है। झूला देवी मंदिर के समीप ही भगवान राम को समर्पित मंदिर भी है।
4. उपट गोल्फ कोर्स और कलिका (Ranikhet Golf course and Kalika)
उपट भारत के प्रमुख गोल्फ कोर्सो में एक है। यह गोल्फकोर्स गुलमर्ग गोल्फ कोर्स के बाद एशिया का सबसे बड़ा गोल्फकोर्स है। यह स्थान गोल्फरों का बहुत रास आता है।
यहां के फलोद्यान और ओक के घने जंगलों के अलावा हिमालय की पर्वत श्रंखलाओं के नजार भी काफी आकर्षक होते हैं। उपट से कुछ किमी. की दूर कलिका गांव में देवी काली का मंदिर भी है।
5. मजखली (Majkhali in Hindi)
रानीखेत से 13 किमी. की दूरी पर स्थित मजखली में पर्यटक हिमालय को नजदीक से देखने के लिए जाते हैं। 26500 फीट ऊंचा त्रिशूल पर्वत यहां से टॉवर के समान प्रतीत होता है।
6. चौखुटिया (Chaukhutiya in Hindi)
यह स्थान रानीखेत से 54 किमी. दूर है। चौखुटिया का तात्पर्य चार टांग होता है। यहां से निकलने वाले चार रास्तों के कारण इस स्थान का नाम चौखुटिया पड़ा। इन चार मार्गों से समस्त क्षेत्र में पहुंचा जा सकता है।
यहां प्राचीन किलों और कटयूरी वंश से संबंधित अवशेष भी देखे जा सकते हैं। यहां बने काली और वैष्णों देवी मंदिर में दर्शन के लिए जाया जा सकता है। रानीखेत फिशिंग के लिए भी काफी लोकप्रिय है।
7. हैडाखान बाबा मंदिर (Haidakhan Babaji Temple in Hindi)
रानीखेत से 4 किमी. की दूरी पर हैडाखान बाबा का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। यहां हैराखान बाबा के अनुयायियों से उनके चमत्कार के अनेक किस्से सुने जा सकते हैं। 1984 में बाबा की मृत्यु हो गई थी। रानीखेत में बाबा का आश्रम भी है।
8. दूनागिरी (Dunagiri in Hindi)
खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यावली से भरपूर यह स्थान रानीखेत से 47 किमी. दूर है। कहा जाता है जब हनुमान संजीवनी बूटी लेकर जा रहे थे तो बूटी का एक टुकड़ा यहां गिर गया था। यहां देवी दुर्गा का मंदिर भी है। हिमालय पर्वत के आकर्षक नजार यहां से देखे जा सकते हैं। अश्विन और चैत के महीने में आने वाले बहुत से पर्वो के दौरान यह स्थान तीर्थ यात्रियों से भरा रहता है।
9. द्वारहाट (Dwarahat in Hindi)
रानीखेत से 32 किमी. दूर रामगंगा नदी घाटी पर द्वारहाट स्थित है। यह विशाल घाटी कटयूनी काल के 55 मंदिरों के समूहों के लिए प्रसिद्ध है। द्वारहाट को हिमालय और उसके आसपास के क्षेत्रों में शासन करने वाले कटयूनी राजाओं का गढ़ माना जाता था। रानीखेत के आसपास शीतलाखेत, तारीखेत, खराना, मनकामेश्वर, मानीला, अल्मोड़ा, नैनीताल भी दर्शनीय स्थल हैं।
रानीखेत कैसे जाएं (How to Reach Ranikhet in Hindi)
वायु मार्ग- रानीखेत से 119 किमी. दूर पन्तनगर नजदीकी एयरपोर्ट है जो जगसन एयरलाइन्स के माध्यम से दिल्ली से जुड़ा है। सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को फ्लाइटों की व्यवस्था है।
रेल मार्ग– नजदीकी रलवे स्टेशन काठगोदाम है जो रानीखेत से 81 किमी. दूर है। यहां से बस या टैक्सी के माध्यम से रानीखेत पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग- दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे से रानीखेत के लिए बस चलती है। रानीखेत के लिए नैनीताल, अल्मोड़ा, काठगोदाम और कौसानी से भी नियमित बसें चलती हैं।
रानीखेत से क्या खरीदे (Ranikhet is Famous For)
रानीखेत से ऊनी कपड़ों की खरीददारी की जा सकती है। यहां ऊनी जकेट, कुर्ता, शर्ट और कुमाऊंनी शॉल जायज रट पर मिल जाते हैं। कुमाऊं की विशेषता यहां की “बाल मिठाई” है।