रतन टाटा (Ratan Tata)
रतन नवल टाटा, टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष है। जो भारत के सबसे बड़ा व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी। इनके परिवार के पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया।
Ratan Tata complete (industrialist)

जन्म | 28 दिसम्बर 1937 सूरत, बम्बई प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत |
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माता पिता | नवल टाटा (पिता) और सोनू टाटा (माँ) |
विवाह | अविवाहित |
वर्तमान आवास | कुलाबा, मुम्बई, भारत |
धर्म | पारसी |
शिक्षा | आर्किटेक्चर एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम |
विद्यालय | कॉर्नेल विश्वविद्यालय हार्वर्ड विश्वविद्यालय |
व्यवसाय / उद्योग | उद्योगपति, टाटा समूह के निवर्तमान अध्यक्ष |
सक्रिय वर्ष | 1962–2012 |
कुल मूल्य | ![]() |
पुरस्कार | पद्म भूषण (2000), पद्म विभूषण (2008) |
अन्य जानकारी | रतन टाटा 28 दिसम्बर 2012 को टाटा उद्योग समूह के अध्यक्ष पद से 75 साल की उम्र में सेवा निवृत्त हुए। |
सम्बंधित लेख | जमशेदजी टाटा |
रतन टाटा जीवनी, (Ratan Tata Biography in Hindi)
रतन टाटा का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को मुम्बई में हुआ था। रतन टाटा नवल टाटा के पुत्र हैै, जिसे नवाजबाई टाटा ने अपने पति की मृत्यु के बाद दत्तक ले लिया था।
रतन टाटा के माता-पिता नवल और सोनू 1940 के मध्य में अलग हूए। अलग होते समय रतन 10 साल के और उनके छोटे भाई सिर्फ 7 साल के ही थे। उन्हें और उनके छोटे भाई, दोनों को उनकी बड़ी माँ नवाईबाई टाटा ने बड़ा किया।
शिक्षा और प्रारम्भिक जीवन
कैंपियन स्कूल, मुम्बई से ही रतन टाटा ने स्कूल जाना शुरू किया और कैथेड्रल में ही अपनी माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की और जॉन केनौन स्कूल में दाखिल हुए। वही वास्तुकला में उन्होंने अपनी B.Sc की शिक्षा पूरी की।
साथ ही कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से 1962 में संचारात्मक इंजीनियरिंग और 1975 में हार्वर्ड बिज़नस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम का अभ्यास किया।
सन् 1887 में टाटा एंड संस की स्थापना करने वाले जमशेदजी नुसेरवांजी के बड़े बेटे सर दोराबजी टाटा सन् 1904 में अपने पिता के निधन के बाद कंपनी की कमान संभाली। लेकिन 1932 में वो भी परलोक सिधार गये।
उस समय कंपनी को संभालने वाला कोई नहीं था, क्योंकि सर दोराबजी टाटा की कोई संतान नहीं थी। इसलिए इस बार कंपनी की कमान उनकी बहन के बड़े बेटे सर नॉवरोजी सकटवाला को दे दी गयी।
नौरोजी सकलतवाला टाटा समूह के अकेले गैर टाटा अध्यक्ष थे। वे 1932 से 1938 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। उनकी 1938 में अचानक दिल क दौरा पड्ने से मृत्यु हो गई।
रतन टाटा व्यवसाय के क्षेत्र में
भारत लौटने से पहले रतन ने लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया, में जोन्स और एमोंस में कुछ समय कार्य किया। भारत मे अपने करियर की शुरुवात टाटा ग्रुप के साथ 1961 में की थी। इसके लिए सबसे पहले उनको जमशेदपुर के टाटा स्टील प्लांट में भेजा गया जहा के कारीगरों के साथ मिलकर उन्होंने काम की बारीकिय सीखी।
सन 1971 में उन्हें वित्तीय संकट से झुझ रही राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में डायरेक्टर नियुक्त किया गया। रतन टाटा ने घाटे में जा रही कंपनी को मुनाफे में तब्दील कर दिया। सन 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष बनाया गया।
सन 1991 में J.R.D Tata (जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा) ने टाटा संस के चेयरमैन के रूप में रतन टाटा को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया और उनको सारा कार्यभार सौंप दिया।
रतन टाटा ने 1991 में टाटा ग्रुप को सम्भालने के बाद कम्पनी को इतनी उचाइयो तक पहुचाया है जिसे हम अभी वर्तमान रूप में देख रहे है। उनके नेतृत्व में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पब्लिक इशू जारी किया और टाटा मोटर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया।
सन 1998 में टाटा मोटर्स ने पहली पूर्णतः भारतीय यात्री कार ‘टाटा इंडिका’ को पेश किया। तत्पश्चात टाटा टी ने टेटली, टाटा मोटर्स ने ‘जैगुआर लैंड रोवर’ और टाटा स्टील ने ‘कोरस’ का अधिग्रहण किया जिससे टाटा समूह की साख विश्व भर में बहुत बढ़ी।
दुनिया की सबसे सस्ती यात्री कार ‘टाटा नैनो’ भी रतन टाटा के ही सोच का ही परिणाम था, परन्तु ये कार सफल न हो सकी।
टाटा ग्रुप द्वारा प्रमुख विदेशी कंपनी का अधिग्रहण
सन 2000- टाटा टी द्वारा इंग्लैंड की चाय कंपनी टेटले का 43.2 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण किया। इस अधिग्रहण से टाटा टी दुनिया की सबसे बड़ी पैकेज्ड टी कंपनी बन गई।
फरवरी 2004 – टाटा मोटर्स ने दक्षिण कोरिया को देबू ग्रुप से वाणिज्यिक वाहन इकाई का 10.2 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण के समझौते पर हस्ताक्षर किए।
अगस्त 2004 – टाटा स्टील ने सिंगापुर को स्टील मिलर नेटस्टील लि. को 28.6 करोड़ डॉलर में खरीदा।
जून 2005 – टाटा कॉफी ने अमेरिका की ‘ऐट औ क्लॉक’ कॉफी कंपनी को ग्रिफन इन्वेस्टर्स से खरीद लिया।
जुलाई 2005 – टेलीकॉम कंपनी विदेश संचार निगम लि. ( बी.एस.एन.एल.) ने अमेरिका को टेलीग्लोब इंटरनेशनल होल्डिंग्स लि. को 23.9 करोड़ डॉलर में तथा टाइको इंटरनेशनल ग्लोबल अंडर सौ फाइबर ऑप्टिक केबल नेटवर्क इकाई को 13.0 करोड़ डॉलर में खरीदा।
सन् 2006 – टाटा टी ने अमेरिकी वाटर फर्म इनर्जी ब्रांड इन्कॉप की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी 67.7 करोड़ डॉलर में खरीदी तथा एक साल के अंदर ही 1.2 अरब डॉलर में इसे कोका कोला को बेच दिया।
जनवरी 2007 – टाटा स्टील ने एंग्लो-डच स्टील निर्माता कंपनी कोरस ग्रुप का 12 अरब डॉलर में अधिग्रहण कर लिया। किसी भारतीय कंपनी द्वारा विदेश में यह अभी तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण था।
मार्च 2007 – टाटा पावर ने इंडोनेशिया में 1.3 अरब डॉलर में दो कोयला खदानें खरीदी।
जनवरी 2008- टाटा केमिकल्स ने 1.01 अरब डॉलर में अमेरिका सोडा ऐश निर्माता कंपनी जनरल केमिकल इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स इन्कॉप का अधिग्रहण किया।
26 मार्च, 2008- टाटा मोटर्स ब्रिटिश कंपनी फोर्ड मोटर्स के लग्जरी ब्रांड लैंडरोवर व जगुआर का अधिग्रहण करने सफल रही। यह सौदा 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर में संपन्न हुआ।
व्यावसायिक महत्ता
- टाटा स्टील दुनिया में स्टील उत्पादन में छठा स्थान तथा भारत में निजी क्षेत्र में सबसे बड़ा स्टील उत्पादक।
- टी. सी. एस. एशिया का सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर निर्माता। टाटा टी दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत चाय कंपनी टाटा केमिकल्स: भारत में सबसे बड़ी तथा दुनिया में तीसरी सबसे बड़ सोडा एश उत्पादक कंपनी।
- टाटा पावर निजी क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी।
- ताज ग्रुप फाइव स्टार लग्जरी होटलों की भारत में सबसे बड़ी श्रृंखला। टाइटन दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी घड़ी निर्माता कंपनी
पुस्कार एवं सम्मान (Award and Honours)
- 26 जनवरी, 2008 को उन्हें भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया।
- सन् 2008 में ही उन्हें नैसकॉम ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड-2008 से सम्मानित किया गया।
- सन् 2007 में रतन टाटा ने टाटा परिवार की ओर से ‘कानेंगी मेडल ऑफ फिलांथ्रोपी’ सम्मान प्राप्त किया।
- सन् 2006 में कार्नेल विश्वविद्यालय ने उन्हें 26वें रॉबर्ट एस. हेटफील्ड
- फैलो इन इकोनॉमिक्स’ से सम्मानित किया।
- सन् 2004 में रतन टाटा को चीन में ‘ऑनरेरी इकोनॉमिक एडवाइजर टु हॅग्जवाऊ सिटी’ की पदवी प्रदान की गई।
- लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी,
- खड़गपुर से उन्हें ऑनरेरी डॉक्टरेट की उपाधियाँ मिली हैं।
- 1 मई 2008 में ‘टाइम मैगजीन’ की दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में उन्हें स्थान दिया गया।
- 29 अगस्त, 2008 को सिंगापुर की सरकार ने उन्हें ‘ऑनरेरी सिटिजनशिप’ (नागरिकता प्रदान की। यह सम्मान उन्हें सिंगापुर के विकास में उनके योगदान पर प्रदान किया गया।
रतन टाटा के जीवन से जुड़े कुछ प्रमुख किस्से
रतन टाटा ने शादी क्यों नही करी?
रतन टाटा ने CNN इंटरनेशनल को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि अमेरिका में पढ़ाई के दौरान उन्हें एक लड़की से प्यार हुआ था। दोनों आपस में शादी भी करना चाहते थे। लेकिन लड़की इंडिया नहीं आना चाहती थी.
उसी दौरान भारत में रतन की दादी की तबीयत काफी खराब हो गई थी। जिसकी वजह से उन्हें भारत लौटना पड़ा। कुछ दिनों बाद उनकी प्रेमिका ने अमेरिका में ही किसी और से शादी कर ली।
मुंबई आतंकवादी हमला (26/11) के बाद होटल ताज के कर्मचारियों की मदद
26/11 के हमले ने मुंबई को हिलाकर रख दिया था। उस हमले में होटल ताज भी निशाना बनाया गया था, जहां कई पर्यटक मार दिए गए। NSG कमांडोज और पुलिस की मदद से जब ऑपरेशन खत्म हुआ, तब रतन टाटा की दरियादिली देखने को मिली थी।
उनके होटल में जितने भी लोग घायल हुए थे, उन सभी का इलाज टाटा ने कराया था। इतना ही नही होटल के आस-पास दुकान औऱ ठेला लगाने वाले जो भी लोग प्रभावित हुए थे, उन्हें भी रतन टाटा की तरफ से मदद की गयी। ये बात इसलिए भी खास है, क्योंकि ताज हमले के प्रभावितों को महाराष्ट्र सरकार की तरफ मुआवजे के लिए लंबे समय तक भटकना पड़ा था।
रतन टाटा से सम्बंधित रोचक जानकारियां (interesting Facts about Ratan Tata in Hindi)
- रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ।
- वे टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते नवल टाटा के बेटे हैं।
- रतन टाटा की प्रारम्भिक शिक्षा मुम्बई में हुई। रतन टाटा ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर बीएस और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम किया है।
- रतन टाटा ने 1962 में टाटा समूह के साथ अपना करियर प्रारंभ किया।
- रतन टाटा 1991 में जेआरडी टाटा के बाद समूह के पांचवें अध्यक्ष बने।
- रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2000 में पद्मभूषण और 2008 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया।
- रतन टाटा ने टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियों का टाटा समूह में अधिग्रहण किया।
- रतन टाटा ने नैनो जैसी सस्ती कार बनाकर आम आदमी का कार का सपना साकार किया था। मगर यह कार लोकप्रियता हासिल न कर सकी।
- रतन टाटा के टाटा परिवार से खून के रिश्ते नहीं हैं। उनके पिता नवल एच टाटा सर रतन टाटा और उनकी बीवी नवजबाई सेठ के गोद लिए हुए बेटे है।
- टाटा ने विकसित देशों की कई ऐसी कंपनियों का अधिग्रहण कर लिया जो अपने देश में सुपर ब्रांड थीं।
- आज 80 से अधिक देशों में टाटा समूह की कंपनियां मौजूद हैं।
- रतन टाटा का बंगल मुंबई के कोलाबा में सी फेसिंग, 13350 वर्गफुट और तीन मंजिला है।
- 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दौरान उनके ताज होटल को निशाना बनाया गया था।
- ताज होटल पर हमले के बाद रतन टाटा खुद वहां पहुंचे थे। टाटा खुद हर घायल के घर गए और परिजनों को भरोसा दिलाया।
- रतन टाटा ने अपने कर्मचारियों की ही नहीं, हमले में प्रभावित आसपास के ठेले और पटरी वालों की भी मदद की थी।
रतन टाटा के अनमोल विचार (Ratan Tata Quotes In Hindi)
- आगे बढ़ने के लिए जीवन में उतर-चढ़ाव बहुत ज़रूरी हैं, क्योंकि ईसीजी में भी एक सीधी लाइन का मतलब होता है कि हम जिंदा नहीं हैं।
- सत्ता और धन मेरे दो प्रमुख सिद्धांत नहीं हैं।
- मैं निश्चित रूप से राजनीति में नहीं शामिल होऊंगा। मैं एक साफ़-सुथरे बिजनेसमैन के तौर पे याद किया जाना पसंद करूँगा, जिसने सतह के नीचे की गतिविधियों में हिस्सा ना लिया हो, और जो काफी सफल रहा हो।
- यदि ये सार्वजानिक जांच की कसौटी पर खरा उतरता है तो इसे करो…अगर ये ये सार्वजानिक जांच की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है तो इसे मत करो।
- ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने के मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूँगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर ये नहीं देखना चाहूँगा कि मैं क्या नहीं कर पाया।
- मैं कहूँगा कि एक चीज जो मैं अलग ढंग से करना चाहता वो है और अधिक आउटगोइंग होना।
- कोई लोहे को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी जंग कर सकती है! उसी तरह कोई किसी इंसान को बर्बाद नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी मानसिकता कर सकती है।
- पीपल’स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना का पोलिटिकल सिस्टम चीजों को आसान बना सकता है। निर्णय तेजी से लिए जाते हैं और परिणाम भी जल्दी आते हैं। दूसरी तरफ, हमारे लोकतंत्र में [भारत में ], ऐसी चीजें बहुत कठिन हैं।
Unheard Stroy of Ratan Tata (Biography) By Vivek Bindra
टाटा समूह को भारत में सबसे धनवान समूह होने पर उतना गर्व नहीं होगा जितना कि अपने सबसे विश्वासनीय समूह होने पर होगा। 2011 में इक्विटीमास्टर के एक सर्वे में 61% लोगों ने टाटा को सबसे विश्वास ने कंपनी घोषित किया बहुत दुर्लभ है। कि कोई समूह सबसे धनवान भी हो और विश्वासनीय भी, लेकिन यही तो टाटा की पहचान है। उसकी साख है और टाटा ब्रांड का जादू है।
Note: हमनें प्रस्तुत लेख में हमने Ratan Tata के जीवन से संबंधित अधिकतम जानकारी देने का प्रयास किया है। यदि आप लेख में किसी जानकारी का अभाव अथवा त्रुटि अनुभव करते है तो हमें comment अथवा कॉन्टेक्ट फॉर्म के माध्यम से बता सकते है।
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