ऋषिकेश (Rishikesh)
Rishikehs in Hindi: उत्तराखण्ड में समुद्र तल से 1360 फीट की ऊंचाई पर स्थित “ऋषिकेश” भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में एक है। ऋषिकेश को केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेशद्वार माना जाता है।
ऋषिकेश: केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेशद्वार

राज्य | उत्तराखंड |
क्षेत्रफल | 11.20 वर्ग किमी. |
ऊंचाई | 1360 फीट |
भाषा | हिन्दी, गढ़वाली, इंगलिश |
पर्यटन स्थल | लक्ष्मण झूला, त्रिवेणी घाट, स्वर्ग आश्रम, भरत मंदिर, कैलाश मंदिर, वशिष्ठ गुफा आदि। |
यात्रा समय | पूरे साल |
कहा जाता है कि इस स्थान पर ध्यान लगाने से मोक्ष प्राप्त होता है। हर साल यहां के आश्रमों के बड़ी संख्या में तीर्थयात्री ध्यान लगाने और मन की शान्ति के लिए आते हैं।
इतिहास और पौराणिक मान्यता (History and Mythological Story)
ऋषिकेश से संबंधित अनेक धार्मिक कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकला विष शिव ने इसी स्थान पर पिया था। विष पीने के बाद उनका गला नीला पड़ गया और उन्हें नीलकंठ के नाम से जाना गया।
एक अन्य अनुश्रूति के अनुसार भगवान राम ने वनवास के दौरान यहां के जंगलों में अपना समय व्यतीत किया था। रस्सी से बना लक्ष्मण झूला इसका प्रमाण माना जाता है। 1939 ई. में लक्ष्मण झूले का पुनर्निर्माण किया गया। यह भी कहा जाता है कि ऋषि राभ्या ने यहां ईश्वर के दर्शन के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ऋषिकेश के अवतार में प्रकट हुए। तब से इस स्थान को ऋषिकेश नाम से जाना जाता है।
ऋषिकेश के पर्यटन स्थल (Best Places to visit in Rrishikesh)
हरिद्वार से लगभग 20-25 किलोमिटर की दूरी पर स्थित ऋषिकेश को ‘योग कैपिटल ऑफ़ द वर्ल्ड’ के रूप में जाना जाता है। हिमालय की निचली पहाड़ियों और प्राकृतिक सुन्दरता से घिरे इस धार्मिक स्थान से बहती गंगा नदी इसे अतुल्य बनाती है। विदेशी पर्यटक भी यहां आध्यात्मिक सुख की चाह में नियमित रूप से आते रहते है।
1. लक्ष्मण झूला (Lakshman Jhula)

गंगा नदी के एक किनार को दूसर किनार से जोड़ता “लक्ष्मण झूला” शहर खास की पहचान है। इसे 1939 में बनवाया गया था। कहा जाता है कि गंगा नदी को पार करने के लिए लक्ष्मण ने इस स्थान पर जूट का झूला बनवाया था। झूले के बीच में पहुंचने पर वह हिलता हुआ प्रतीत होता है। 450 फीट लंबे इस झूले के समीप ही लक्ष्मण और रघुनाथ मंदिर हैं।
झूले पर खड़े होकर आसपास के खूबसूरत नजारों का आनंद लिया जा सकता है। लक्ष्मण झूला के समान राम झूला भी नजदीक ही स्थित है। यह झूला शिवानंद और स्वर्ग आश्रम के बीच बना है। इसलिए इसे शिवानंद झूला के नाम से भी जाना जाता है।
2. त्रिवेणी घाट (Triveni Ghat)
पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का सबसे बड़ा घाट है। कहा जाता है कि इस स्थान पर हिन्दु धर्म की तीन प्रमुख नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है। इसी स्थान से गंगा नदी दायीं ओर मुड़ जाती है। त्रिवेणी घाट पर शाम को होने वाली ‘महा आरती’ का नजारा बेहद आकर्षक होता है।
3. स्वर्ग आश्रम (Swarg Ashram)
स्वामी विशुद्धानन्द द्वारा स्थापित यह आश्रम ऋषिकेश का सबसे प्राचीन आश्रम है। स्वामी जी को काली कमली वाले नाम से भी जाना जाता था। इस स्थान पर बहुत से सुन्दर मंदिर बने हुए हैं। यहां खाने पीने के अनेक रस्तरां हैं जहां सिर्फ शाकाहारी भोजन ही परोसा जाता है। आश्रम की आसपास हस्तशिल्प के सामान की बहुत सी दुकानें हैं।
4. नीलकंठ महादेव मंदिर (Nilakanth Mahadev Temple)
समुन्द्र तल से लगभग 5500 फीट की ऊंचाई पर पहाड़ी की चोटी पर नीलकंठ महादेव मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर समुद्र मंथन से निकला विष ग्रहण किया गया था।
विषपान के बाद विष के प्रभाव के से उनका गला नीला पड़ गया था और उन्हें नीलकंठ नाम से जाना गया था। मंदिर परिसर में पानी का एक झरना है जहां भक्तगण मंदिर के दर्शन करने से पहले स्थान करते हैं।
5. भरत मंदिर (Bharat Temple)
यह ऋषिकेश का सबसे प्राचीन मंदिर है जिसे 12 शताब्दी में आदि गुरू शंकराचार्य ने बनवाया था। भगवान राम के छोटे भाई भरत को समर्पित यह मंदिर त्रिवेणी घाट के निकट ओल्ड टाउन में स्थित है। मंदिर का मूल रूप 1398 में तैमूर आक्रमण के दौरान क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
हालांकि मंदिर की बहुत सी महत्वपूर्ण चीजों को उस हमले के बाद आज तक संरक्षित रखा गया है। मंदिर के अंदरूनी गर्भगृह में भगवान विष्णु की प्रतिमा एकल शालीग्राम पत्थर पर उकेरी गई है। आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा रखा गया श्रीयंत्र भी यहां देखा जा सकता है।
6. कैलाश निकेतन मंदिर (Kailash Niketan Temple)

लक्ष्मण झूले को पार करते ही कैलाश निकेतन मंदिर है। 12 खंड़ों में बना यह विशाल मंदिर ऋषिकेश के अन्य मंदिरों से भिन्न है। इस मंदिर में सभी देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।
7. वशिष्ठ गुफा (Vashisth Gufa)

ऋषिकेश से 22 किमी. की दूरी पर 3000 साल पुरानी वशिष्ठ गुफा बद्रीनाथ-केदारनाथ मार्ग पर स्थित है। इस स्थान पर बहुत से साधुओं विश्राम और ध्यान लगाए देखे जा सकते हैं। कहा जाता है यह स्थान भगवान राम और बहुत से राजाओं के पुरोहित महर्षि वशिष्ठ का निवास स्थल था। वशिष्ठ गुफा में साधुओं को ध्यानमग्न मुद्रा में देखा जा सकता है। गुफा के भीतर एक शिवलिंग भी स्थापित है।
8. गीता भवन (Geeta Bhawan)
लक्ष्मण झूला पार करते ही गीता आश्रम है जिसे 1950 ई. में बनवाया गया था। यह अपनी दर्शनीय दीवारों के लिए प्रसिद्ध है। यहां रामायण और महाभारत के चित्रों से सजी दीवारें इस स्थान को आकर्षण बनाती हैं।
यहां गीताप्रेस गोरखपुर की एक शाखा भी है। प्रवचन और कीर्तन मंदिर की नियमित क्रियाएं हैं। शाम को यहां भक्ति संगीत की आनंद लिया जा सकता है। तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए यहां सैकड़ों कमरे हैं।
एडवेंचर स्पोर्ट्स (Adventure Sports in Rishikesh)

Adventure Sport: अगर आपको भी एडवेंचर पसंद है तो आपके लिए ऋषिकेश में कई विकल्प मौजूद है। ऋषिकेश का जंपिन हाइट्स लोगों के बीच एक मशहूर टूरिस्ट प्लेस बना हुआ है। इसके अलावा ऋषिकेश में आप राफ्टिंग का भी लुफ्त उठा सकते है।
बंजी जंपिंग (Bungee jumping, Dehradun)
भारत के सबसे पुराने और ऊंचे बंजी जंपिंग स्पॉट “मोहन चट्टी” ऋषिकेश में ही स्थित है। जमीन से 80 मीटर ऊपर पहाड़ पर जाना और फिर वहां से छलांग लगाना, सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
यह ऋषिकेश में सबसे एक्स्ट्रीम खेलों में से एक है, जिसका अनुभव आपको जरूर लेना चाहिए। 18-60 वर्ष के आयु वर्ग के इस खेल का मजा ले सकते हैं। इस एडवेंचर स्पोर्ट्स पॉइंट में फ्लाइंग फॉक्स और जाइंट स्विंग के भी विकल्प मौजूद हैं।
राफ्टिंग (Rafting in Dehradun)
ऋषिकेश का रिवर राफ्टिंग या व्हाइट वाटर राफ्टिंग भारत में बेहद मशहूर है। यहां अलग-अलग दूरी की राफ्टिंग कराई जाती है। सबसे लंबी दूरी की राफ्टिंग कौडियाला से लेकर लक्ष्मण झूला तक कुल 36 किलोमीटर की होती है।
ऋषिकेश कैंसे पहुंचे (How to Reach Rrishikesh)
वायुमार्ग– ऋषिकेश से 18 किमी. की दूरी पर देहरादून के निकट “जौली ग्रान्ट एयरपोर्ट” नजदीकी एयरपोर्ट है।
रेलमार्ग– ऋषिकेश का नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार है जो 25 किमी. दूर है। हरिद्वार देश के प्रमुख रलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग- दिल्ली के कश्मीरी गेट से ऋषिकेश के लिए डीलक्स और निजी बसों की व्यवस्था है। राज्य परिवहन निगम की बसें नियमित रूप से दिल्ली और उत्तराखंड के अनेक शहरों से ऋषिकेश के लिए चलती हैं।
ऋषिकेष से क्या खरीदे (Things to buy in Rrishikesh)
ऋषिकेश में हस्तशिल्प का सामान अनेक छोटी दुकानों से खरीदा जा सकता है। यहां अनेक दुकानें हैं जहां से साड़ियों, बेड कवर, हैन्डलूम फेबरिक, कॉटन फेबरिक आदि की खरीददारी की जा सकती है। ऋषिकेश में सरकारी मान्यता प्राप्त हैन्डलूम शॉप, खादी भंडार, गढ़वाल वूल और क्राफ्ट की बहुत सी दुकानें हैं जहां से उच्चकोटि का सामान खरीदा जा सकता है।