Rohtas (Bihar): History & Tourist Places in Hindi
रोहतास (Rohtas) भारत के बिहार राज्य के अड़तीस जिलों में से एक है। जिले का प्रशासनिक मुख्यालय सासाराम है।
Rohtas: History & Tourist Places in Hindi
राज्य | बिहार |
क्षेत्रफल | 3847.82 वर्ग किलोमीटर |
भाषा | मगधी और हिन्दी |
दर्शबिय स्थल | रोहतास गढ़ किला, सासाराम, अकबरपुर, भालुनी धाम, शेरगढ़ आदि। |
कब जाएं | नवम्बर से फरवरी |
रोहतास जिला जहां एक ओर रोहतास गढ़ के लिए जाना जाता है। सासाराम, अकबरपुर, भालुनी धाम और शेरगढ़ आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों है। इसका जिला मुख्यालय सासाराम है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
मगध, अफगान, शेर शाह और कई अन्य शासकों ने इस जगह पर शासन किया था। पूर्व समय में रोहतास शाहबाद जिले का एक हिस्सा था। लेकिन 1972 ई. में इस जिले को स्वतंत्र रूप में पहचान मिली। रोहतास का इतिहास काफी प्राचीन और रूचिकर रहा है। यह जिला भोजपुर और बक्सर जिला के उत्तर, पलामू और गरवा जिले के दक्षिण, गया जिले के पूर्व तथा कैमूर जिले के पश्चिम से घिरा हुआ है।
रोहतास गढ़ किला (Rohtasgarh Fort)
रोहतास जिला मुख्यालय के पश्चिम से पांच किलोंमीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि इस जगह का नाम राजा हरिशचन्द्र के पुत्र रोहितासव के नाम पर रखा गया था। रोहितासव ने यहां पर एक किले का निर्माण करवाया था। यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि रोहतास का अर्थ शुष्क भूमि होता है।
रोहतास में एक विशाल किला है। रोहतासव के यह किला 1538 ई. में शेर शाह से प्राप्त किया था। यह अकबरपुर का जिला मुख्यालय है। यहां पर मोहम्मदन संत शेख शाह बाबल की मजार भी है। रोहतास किले के उत्तर से एक किलोमीटर की दूरी पर बावन तालाब है। यह काफी प्राचीन मंदिरों में से है।
पुराने समय में इस गांव के चारों ओर 52 कुंड थे। लेकिन वर्तमान समय में इस प्रकार का कोई तथ्य नहीं मिलता है। यहां पर एक प्राचीन शिव मंदिर भी है। इस मंदिर को चौरासन मंदिर के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा हरिश्चन्द्र ने करवाया था।
सासाराम (Sasaram)
यह रोहतास जिले का मुख्यालय है। ऐतिहासिक दृष्टि से यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। शहर के समीप ही कई स्मारक है। इसके अलावा यहां एक प्रसिद्ध मकबरा भी है। इस मकबरे का निर्माण शेर शाह ने सोलहवीं शताब्दी के मध्य में करवाया था। पत्थरों से बना यह मकबरा विशाल कुंड के मध्य स्थित भारत का दूसरा ऊंचा मकबरा है।
मकबरे पर हुई वास्तुकला काफी खूबसूरत है जो काफी संख्या में पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। इस मकबरे को सूखा रोजा के नाम से भी जाना जाता हे। साराराम के समीप पर्वत पर स्थित चांद-तान-पीर पर अशोक अभिलेख मौजूद है। ऐतिहासिक दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
अकबरपुर (Akbarpur)
रोहतास गढ़ से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित कैमूर पर्वत में यह जगह स्थित है। कहा जाता है कि इस जगह का नाम मुगल शासक अकबर के नाम पर रखा गया है। यह जगह रोहतास जिला मुख्यालय के काफी समीप स्थित है। इस जगह पर शासक शाहजहां के समय के मलिक विसहाल खान का मकबरा है। मलिक विसहाल खान रोहतास गढ़ के दारोगा थे।
भालुनी धाम (Bhaluni Dham)
यहां पर देवी दुर्गा का प्रसिद्ध मंदिर है। इन्हें याकशिनी भगवती के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर भगवान शिराक भानखंडी महादेवन का प्राचीन मंदिर भी है। यह मंदिर दिनार खण्ड के पूर्व से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। काफी संख्या में लोग देवी दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिर में आते हैं।
शेरगढ़ (Shergarh)
चैनारी के दक्षिण से 13 किलोमीटर की दूरी पर शेरगढ़ स्थित है। शेर शाह के शासन के दौरान यह सैनिक छावनी था। यहां पर एक किला है जो वर्तमान समय में पूरी तरह से विध्वंस हो चुका है।
रोहतास कैंसे पहुंचे (How To Reach Rohtas)
वायु मार्ग: यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा पटना स्थित जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। पटना से रोहतास 147 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अतिरिक्त गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा द्वारा भी रोहतास पहुंच सकते हैं। गया से रोहतास लगभग 125 किलोमीटर की दूरी पर है।
रेल मार्ग: रोहतास रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से पहुंचा जा सकता है। सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन सासाराम स्थित है।
सड़क मार्ग: भारत के कई प्रमुख शहरों से रोहतास सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।