Sabarimala Temple: श्री अय्यप्पा स्वामी मंदिर, सबरीमाला (केरल)
श्री अय्यपा मंदिर या सबरीमाला मंदिर भारत के केरल राज्य के पतनमतिट्टा ज़िले में पेरियार सबरिमलय पहाड़ पर स्थित एक महत्वपूर्ण मंदिर है। यह विश्व के सबसे बड़े तीर्थस्थलों में से एक है, और यहाँ प्रतिवर्ष 4 से 5 करोड़ श्रद्धालु आते हैं।

श्री अय्यप्पा, मंदिर सबरीमाला (Sabarimala Temple Kerala)
यह मंदिर केरल राज्य के पत्तनंतिट्टा जिले में शबरिमला नामक एक पहाडी पर समुद्र तल से लगभग 941 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।यह मंदिर एक हिंदू ब्रह्मचारी देवता अय्यप्पन को समर्पित हैं। जो शिव और मोहिनी (विष्णु के स्त्री अवतार) के पुत्र हैं।
सबरीमाला की परंपराएं शैववाद, वैष्णववाद और अन्य श्रमण परंपराओं का संगम हैं। यह भगवान अय्यप्पा को समर्पित, केरल के सभी सिद्ध मंदिरों से सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख है। इस मंदिर में प्रतिवर्ष 4 से 5 करोड़ लोग दर्शन करने आते हैं।
श्रद्धालु की मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति तुलसी या रुद्राक्ष की माला पहनकर, व्रत रखकर, सिर पर नैवेद्य से भरी पोटली लेकर यहां पहुंचे, तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।
निशुल्क दुर्घटना बीमा: अय्यपा मंदिर बोर्ड श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी लेता है। वह तीर्थयात्रियों का निःशुल्क दुर्घटना बीमा करता है।
इस योजना के अंदर चोट लगने या मृत्यु होने पर श्रद्धालु या उसके परिजनों को एक लाख रुपये तक दिए जाते हैं। इसके अलावा बोर्ड के या सरकारी कर्मचारियों के साथ अगर कोई हादसा होता है, तो उन्हें बोर्ड उन्हें डेढ़ लाख रुपये तक देता है।
पौराणिक माम्यता (mythological beliefs)
कम्बन रामायण, महाभागवत के अष्टम स्कंध और स्कन्दपुराण के असुर काण्ड में जिस शिशु शास्ता का उल्लेख मिलता है, अयप्पन उन्ही के अवतार माने जाते हैं।
कहते हैं, शास्ता का जन्म मोहिनी वेषधारी विष्णु और शिव के समागम से हुआ था। उन्हीं अयप्पन का मशहूर मंदिर पूणकवन के नाम से विख्यात 18 पहाडि़यों के बीच स्थित इस धाम में है। जिसे सबरीमला श्रीधर्मषष्ठ मंदिर कहा जाता है।
यह भी माना जाता है कि परशुराम ने अयप्पन पूजा के लिए सबरीमला में मूर्ति स्थापित की थी। कुछ लोग इसे रामभक्त शबरी के नाम से जोड़कर भी देखते हैं।
कुछ लोगों का कहना है कि करीब 700-800 साल पहले दक्षिण में शैव और वैष्णवों के बीच वैमनस्य काफी बढ़ गया था। तब उन मतभेदों को दूर करने के लिए श्री अयप्पन की परिकल्पना की गई। और दोनों के समन्वय के लिए इस धर्मतीर्थ को विकसित किया गया।
अयप्पन जन्म उत्सव: मकर संक्रांति और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के संयोग के दिन, पंचमी तिथि और वृश्चिक लग्न के संयोग के समय ही श्री अयप्पन का जन्म माना जाता है। इसीलिए मकर संक्रांति के दिन भी मंदिर में उत्सव मनाया जाता है।
सबरीमाला मंदिर की मान्यता (Other experiences in Sabarimala)
अय्यप्पा स्वामी मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। इस मंदिर से जुड़ी कई मान्यता है जिसका पालन 800 से अधिक वर्षो से किया जा रहा है। जिनमे से कुछ प्रमुख माम्यता इस प्रकार है-
सबरीमाला माला मंदिर में महिला परवेश वर्जित (why women are barred from Sabarimala)
इस मंदिर में महिलाओं का आना वर्जित है. इसके पीछे मान्यता ये है कि इस मंदिर श्री अयप्पा भगवान की पूजा होती है, वे ब्रह्माचारी थे। इसलिए यहां 10 से 50 साल तक की लड़कियां और महिलाएं नहीं प्रवेश कर सकतीं।
इस मंदिर में ऐसी छोटी बच्चियां आ सकती हैं, जिनको मासिक धर्म शुरू ना हुआ हो. या ऐसी औरतें, जो मासिकधर्म से मुक्त हो चुकी हों। पुरुषों को शबरिमला जाने से पहले 41 दिनो तक ब्राहृचर्य का पालन करना पडता हैं।
मकर ज्योति की माम्यता (JyotiMakara Jyothi is true or false)
इस मंदिर के पास मकर संक्रांति की रात घने अंधेरे में एक ज्योति दिखती है। इसे “मकर ज्योति” कहते है। जब ये रोशनी नजर आती है तो इसके साथ कुछ आवाज भी आती है। इस ज्योति को लेकर मान्यता है कि खुद भगवान इसे जलाते हैं। इस दिव्य ज्योति के दर्शन के लिए दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु हर साल आते हैं।
सबरीमाला मंदिर कैसे पहुंचे (How to Reach Sabarimala Temple)
रेल मार्ग: सबरीमला का सबसे समीपी रेलवे स्टेशन चेंगन्नूर है। ये सभी नगर देश के दूसरे बडे़ नगरों से जुडे़ हुए हैं। तीर्थ यात्री कोट्टयम या चेंगन्नूर तक रेल मार्ग से पहुँच सकते हैं और वहाँ से सडक मार्ग से पंबा पहुँच सकते हैं।
वायुमार्ग से: तिरुअनंतपुरम सबरीमला का सबसे समीपी हवाई अड्डा है, जो यहां से 92 किलोमीटर दूर है। तीर्थयात्री वायुमार्ग से तिरुवनन्तपुरम या कोच्ची पहुँच सकते हैं और वहाँ से सड़क मार्ग से पंबा पहुँच सकते हैं ।
सड़क मार्ग: सड़क परिवहन निगम ने शबरीमला तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु पंबा से कोयंपत्तूर, पलनी और तेंकाशी केलिए बस सेवा सुविधा उपलब्ध है। साथ ही तमिलनाडु और कर्णाटक की सरकारें पंबा केलिए बसों केलिए बसे चलती है।
सबरीमाला में कहा ठहरें (Where to stay in Sabrimala)
अगर सबरीमला में कई दिन रुकने का मन हो तो यहां पंपा और सन्निधानम में कई होटल उपलब्ध हैं। इसके अलावा सन्निधानम में भी गेस्ट हाउस हैं।