Saran (Bihar): History & Tourist Places in Hindi
सारण (Saran) भारत के बिहार प्रान्त में स्थित एक प्रमंडल (कमिशनरी) एवं जिला है। यहाँ का प्रशासनिक मुख्यालय छपरा है। सारण जिले में तीन अनुमंडल है– छपरा, मढ़ौरा और सोनपुर।
Saran: History & Tourist Places | wiki
राज्य | बिहार |
जिला | छपरा |
क्षेत्रफल | 2641 वर्ग किलोमीटर |
भाषा | भोजपूरी और हिन्दी |
दर्शनीय स्थल | आमी, सोनपुर, धोढ़ आश्रम, गौतम स्थान, सिलहौरी और चिरंद आदि। |
कब जाएं | नवम्बर से फरवरी |
1765 ई. में ईस्ट इंडिया कम्पनी के समय यहां पर आठ सरकारें थी जिसमें सारण और चम्पारण सम्मिलित थे। बाद में इन दोनों को मिलाकर एकल इकाई बना दिया गया और इसका नाम सारण रख दिया गया। सारण पहले तिरहुत खण्ड का हिस्सा था।
लेकिन कुछ समय बाद इसे अलग जिले के रूप में घोषित कर दिया गया। यह जिला सीवान और गोपालगंज जिले के उत्तर तथा गंगा नदी के दक्षिण से घिरा हुआ है। गंगा, घाघरा और गंडक यहां की प्रमुख नदियां है।
सारण के प्रमुख पर्यटन स्थल (Best Places to visit in saran)
इस जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बार आइन-ए-अकबरी में प्रमाण मिलता है। आमी, सोनपुर, धोढ़ आश्रम, गौतम स्थान, सिलहौरी और चिरंद आदि यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से हैं।
आमी (Ami)
यह स्थान छपरा के पूर्व से लगभग 37 किलोमीटर और दिघवारा के पश्चिम से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि प्राचीन समय में यहां पर एक दीर्घ द्वार था जिस कारण इस जगह को दिघवारा के नाम से जाना जाता है।
आमी में एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर को अम्बा स्थान के नाम से जाना जाता है। मंदिर के समीप ही एक बगीचा और एक गहरा व चौड़ा कुंआ है। इस कुंए में पूरे वर्ष पानी भरा रहता है। काफी संख्या में लोग अप्रैल और अक्टूबर माह में नवरात्रों के दौरान यहां आते हैं।
सोनपुर (Sonpur)
प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले को सोनपुर मेले के नाम से जाना जाता है। इस मेले में केवल भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं।
यह मेला एशिया के सबसे बड़े मवेशी मेलों में से हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से लाए गए पक्षी, हाथी और अन्य मवेशी यहां खरीदे व बेचे जाते हैं। इसके अतिरिक्त, मेले के दौरान अन्य कई कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाते हैं। यह मेला प्रत्येक वर्ष नवम्बर और दिसम्बर माह के दौरान लगता है।
सोनपुर एक नगर पंचायत है और यह जगह विशेष रूप से यहां स्थित रेलवे प्लेटफार्म के लिए जानी जाती है। क्योंकि यह प्लेटफार्म भारत के सबसे विशाल रेलवे प्लेटफार्म में से एक है। इसके समीप ही श्री हरिहरनाथ मंदिर भी है। इसके अलावा यहां शिव मंदिर, काली मंदिर और अन्य मंदिर के साथ-साथ कई ऐतिहासिक-धार्मिक स्मारक भी है।
धोढ आश्रम (Dhorh Ashram)
पारसगढ़ के उत्तर की ओर स्थित धोढ़ आश्रम पुरातात्विक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां भगवान धधेश्वर नाथ का मंदिर है। यह मंदिर गंधक नदी के तट पर स्थित है। मंदिर में एक विशाल शिवलिंग देखी जा सकती है।
गौतम स्थान (Goutam sthan)
छपरा के पश्चिम से पांच किलोमीटर की दूरी पर गौतम ऋषि का आश्रम है। माना जाता है कि अहिल्या का शुद्धिकरण इसी जगह पर हुआ था। प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण में भी इस बात का जिक्र हुआ है कि गौतम ऋषि ने अपनी पत्नी अहिल्या को शाप दिया था और वह पत्थर की बन गई थी।
सिलहौरी (Shilhauri)
इस जगह का सम्बन्ध भगवान शिव के बाल-जीवन के साथ जोड़कर देखा जाता है। इसका वर्णन शिवपुराण और राम चरित्र मानस में भी हुआ है। यह प्राचीन स्थान मरहुवाड़ा से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि के दौरान यहां मेले का आयोजन किया जाता है। काफी संख्या में शिवभक्त भगवान इस मेले में सम्मिलित होते हैं।
चिरांद (Chirand)
चिरांद, जिला मुख्यालय के दक्षिण-पूर्व से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह घाघरा नदी के तट के पर स्थित डोरीगंज बाजार के समीप है। चिरांद इस जिले के महत्वपूर्ण शहरों में से एक है।
कहां ठहरें: सारण में ठहरने के लिए होटलों का अभाव है। इसलिए यहां आने वाले पर्यटक इसके नजदीकी शहर पटना में ठहरते हैं। पटना के प्रमुख होटलों की सूची इस प्रकार है।
सारण कैंसे पहुंचे (How To Reach Saran)
वायु मार्ग: यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा पटना स्थित जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
रेल मार्ग: सारण रेलमार्ग द्वारा भारत के प्रमुख शहरों से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग: भारत के कई प्रमुख शहरों से सारण सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है।