Sehore (M.P): History & Tourist Places in Hindi
सीहोर (Sehore) भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है। यह राज्य की राजधानी भोपाल से 35 Km की दुरी पर स्थित है।
Sehore: History, Facts & Tourist Places in Hindi | Wiki
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 6,578 km² |
भाषा | हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | ब्रिटिश छावनी, सारू-मारू गुफाएं, गणेश मंदिर, जैन मंदिर और रामलला मंदिर, जामा मस्जिद आदि। |
सम्बंधित लेख | मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल |
कब जाए | नवम्बर से फरवरी। |
मध्य मालवा क्षेत्र में विन्ध्य श्रृंखला के तल पर बसा सीहोर जिला मध्य प्रदेश के 6578 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में फैला है। सिद्धापुर इस नगर का प्राचीन नाम था। नर्मदा, पर्बती, नेवज, कोलार, पापनास, कुलस, सीवन और लोटिया नदियां यहां से बहती हैं। सीहोर एक जमाने में ब्रिटिश छावनी और ब्रिटिश भोपाल रिजेन्सी का मुख्यालय था।
सीहोर का एक लंबा और गौरवशाली इतिहास है। माना जाता है कि इस सीहोर में महर्षि पतंजलि ने यहां कुछ समय व्यतीत किया था। लोक-साहित्य भी भगवान राम, लक्ष्मण और सीता के विभिन्न स्थानों पर जाने का संकेत देता है। भवई यहां के लोगों का मुख्य लोक नृत्य है।
सीहोर के पर्यटन स्थल (Best Places to visit in Sehore)
Sehore Tourist Places: सीहोर में अनेक मंदिर, चर्च, मस्जिद, मठ और ऐतिहासिक इमारतें बनी हई हैं। यहां की सारू-मारू गुफाएं, गणेश मंदिर, जामा मस्जिद, जैन मंदिर और रामलला मंदिर जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
सीहोर चर्च– सीहोर जिले के इस चर्च का निर्माण 1838 में हुआ था। ब्रिटिश राजनैतिक एजेन्ट द्वारा बनवाया गया चर्च स्कॉटलैंड के चर्च के समकक्ष माना जाता है। यह चर्च चारों तरफ से टीक और ऊंचे बांस के पेड़ों से घिरा हुआ है। ये वृक्ष चर्च की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं।
कुंवर चैन सिंह का स्मारक– लोटिया नदी के किनारे दशहरा वाला मैदान पर यह लोकप्रिय समाधि और मकबरा स्थित है। सीहोर-इंदौर रोड पर बना यह स्मारक सीहोर से करीब 2 किमी. की दूरी पर है। ये इमारतें नरसिंहगढ़ के देशभक्त चैन सिंह और मेधांक की ऐतिहासिक मुठभेड की याद दिलाती हैं।
हनुमान फाटक– सीवन नदी तट पर बने इस पवित्र स्थल में भगवान हनुमान की प्रतिमा स्थापित है। सीवन नदी शहर के दूरस्थ छोर से बहती है। भोपाल यहां से 39 किमी. की दूरी पर है। मंदिर के चारों तरफ का वातावरण सुंदर और मनोरम है।
सलकनपुर दुर्गा मंदिर– सलकनपुर गांव में स्थित यह मंदिर जिले का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। मंदिर एक 800 फीट ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यह मंदिर देवी दुर्गा के मां दुर्गा बीजासन रूप को समर्पित है।
सारू-मारू गुफाएं– यह प्राचीन गुफाएं सीहोर के होशंगाबाद रोड़ पर स्थित हैं। माना जाता है कि इस ऐतिहासिक स्थान पर सम्राट अशोक अपने पुत्र महेन्द्र और पुत्री संघमित्रा के साथ आए थे। यहां के स्तूप और चट्टानें आज भी पुरातत्वविदों के शोध के विषय हैं।
सिद्ध गणेश मंदिर– गोपालपुर गांव में स्थित यह मंदिर जिला मुख्यालय से 3 किमी. उत्तर-पश्चिम दिशा में है। मंदिर को उज्जैन के विक्रमादित्य काल का माना जाता है। मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम ने इसका जीर्णोद्धार करवाया था। हर बुधवार को बड़ी संख्या में लोगों का यहां आगमन होता है। गणेश चतुर्थी पर्व यहां बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
जामा मस्जिद– इस मस्जिद को मुगिस उदिन शाह ने 732 हिजरी को बनवाया था। बेगम सिकंदर जहां ने 1281 को इसका पुनर्निर्माण करवाया। कहा जाता है कि एक जमाने में यहां एक बेहद खूबसूरत जलकुंड था।
सीहोर कैंसे पहुंचे (How to Reach sehore)
वायु मार्ग- सीहोर का नजदीकी एयरपोर्ट भोपाल में है, जो यहां से करीब 39 किमी. दूर है। भोपाल एयरपोर्ट देश के प्रमुख शहरों से वायुमार्ग द्वारा जुड़ा है।
रेल मार्ग- सीहोर रेलवे स्टेशन से जिला का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। अनेक शहरों से यहां के लिए ट्रेनों की व्यवस्था है।
सड़क मार्ग- सीहोर इंदौर–भोपाल राजमार्ग पर पड़ता है। यह राजमार्ग सेहोर को देश के अन्य शहरों से जोड़ता है। अनेक शहरों से राज्य परिवहन निगम की बसें सीहोर के लिए चलती हैं।
कहां ठहरें- सीहोर में ठहरने के लिए होटलों की समुचित व्यवस्था नहीं है। यहां आने वाले पर्यटक राजधानी भोपाल में उपलब्ध अनेक होटलों में ठहर सकते हैं।