Sheopur (M.P): History & Tourist Places in Hindi
श्योपुर (Sherpur), भारत के मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग में स्थित एक नगर है। यह श्योर जिले का मुख्यालय भी है। यह नगर छोटी लाइन की रेलवे द्वारा ग्वालियर से जुड़ा है। श्योपुर लकड़ी की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।
Sheopur: History, Facts & Tourist Places in Hindi | Wiki
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 6606 वर्ग किमी |
भाषा | हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | कूनो वन्यजीव अभ्यारण्य मुख्य आकर्षण, दूब कुंड, रामेश्वर का संगम, विजयपुर दुर्ग और श्योपुर किला आदि। |
संबंधित लेख | मध्य प्रदेश के प्रमुख दर्शनीय स्थल |
कब जाएं | नवम्बर से मार्च। |
चंबल, सीप और कूनो नदी के किनारे बसा श्योपुर मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से में स्थित है। कूनो वन्यजीव अभ्यारण्य श्योपुर का मुख्य आकर्षण है। दूब कुंड, रामेश्वर का संगम, विजयपुर दुर्ग और श्योपुर किला यहां के अन्य प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
श्योपुर के लोग लकड़ी की कारीगरी के लिए जाने जाते हैं। ध्रुवकुंड, उटनवड का शिवनाथ, बरोडा का जल मंदिर और देवी पनवाडा मंदिर यहां के ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल हैं।
श्योपुर के प्रमुख दर्शनीय स्थल (Best Places to visit in Sheopur)
डूबकुंड– श्योपुर के निकट स्थित डूबकुंड 81 फीट ऊंचा, विशाल और वर्गाकार जैन र्तीथकरों की चौबीसी है। यहां कलश में खड़े स्तंभों को वास्तुशिल्प का उत्तम उदाहरण माना जाता है। चौबीसी के मध्य में एक कुंड बना हुआ है, जहां मूर्तियां डूबी हुई हैं। इसीलिए इसे डूबकुंड कहा जाता है। कुंड के निकट ही हरी गौरी मंदिर के अवशेष हैं। कहा जाता है कि मंदिर 11वीं शताब्दी से संबंधित है।
श्योपुर का किला– मध्य कालीन भारत के वैभव के प्रतीक श्योपुर किले को 1026 ई. में बनवाया गया था। 1301 ई. को किले को अलाउद्दीन खिलजी ने जीत लिया। 1489 में इस पर मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी का अधिकार हो गया। 1542 में शेरशाह सूरी ने किले पर नियंत्रण किया। दीवान-ए-आम और दरबार हॉल किले की मुख्य विशेषता है।
रामेश्वर का संगम– पर्बती और चंबल नदी के संगम स्थल को रामेश्वर का संगम कहा जाता है। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण यह स्थान समुद्र तल से 959 फीट की ऊंचाई पर है। प्रत्येक वर्ष यहां एक स्थानीय मेला लगता है। मेले में राजस्थान से आने वाले पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं।
विजयपुर दुर्ग– कुनारी नदी के तट पर बना यह किला माझोला दुर्ग के नाम से भी जाना जाता है। इस दुर्ग को 14वीं-15वीं शताब्दी के दौरान करोली के राजा विजय सिंह ने बनवाया था।
कूनो वन्यजीव अभ्यारण्य– श्योपुर और विजयपुर तहसील में स्थित यह अभ्यारण्य कुल 344.68 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। जिले के जीव जंतुओं के संरक्षण के लिए इस अभ्यारण्य को 1981 में स्थापित किया गया था।
अभ्यारण्य में पेंथर, टाईगर, चीतल, सांभर, काला हिरण, चिंकारा, भालू, नीलगाय, चौसिंहा, जंगली बिल्ली, बंदर, भेड़िए, लोमड़ी, हैना, जंगली सूकर, कोबरा नाग, मोर, काला तीतर, आदि पशुओं को देखा जा सकता है। साथ ही विविध वनस्पतियों को भी यहां देखा जा सकता है। शिवपुरी यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन है।
श्योपुर कैंसे पहुंचे (How To Reach Sheopur)
वायु मार्ग– श्योपुर का निकटतम एयरपोर्ट ग्वालियर में है। यह एयरपोर्ट देश के अनेक बड़े शहरों से वायुमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। दिल्ली, मुंबई, भोपाल, इंदौर आदि शहरों से यहां के लिए नियमित फ्लाइट्स हैं। श्योपुर ग्वालियर से 210 किमी. दूर है।
रेल मार्ग– श्योपुर कलां रेलवे स्टेशन यहां का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। ग्वालियर और अन्य बहुत से शहरों से यहां के लिए नियमित ट्रेनें हैं।
सड़क मार्ग– ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी, कोटा आदि शहरों से श्योपुर सड़क मार्ग से जुड़ा है। इन शहरों से श्योपुर के लिए नियमित अंतराल में बसें चलती रहती हैं।
कहां ठहरें– श्योपुर में ठहरने के लिए होटलों की उचित व्यवस्था नहीं हैं। इसके निकटतम एयरपोर्ट सिटी ग्वालियर में होटलों की उत्तम व्यवस्था है।