शिमोगा (Shimoga)
शिमोगा (Shimoga) या शिवमोग्गा (Shivamogga) भारत के कर्नाटक राज्य का एक नगर हैं। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। शिमोगा समुद्रतल से 569 मीटर की ऊँचाई पर है और चारों ओर हरे-भरे धान के क्षेत्र और नारियल के वृक्षों से भरा हैं।
राज्य | कर्नाटक |
क्षेत्रफल | 70.01 वर्ग किमी. |
भाषा | कन्नड़, हिंदी, अंग्रेजी |
दर्शनीय स्थल | जोग फॉल्स, बल्लिगवी, बंदालिके, गुडवी, होनेगोड्डा, होनेमरडु, जोगी गुंडी, केलाडी, भद्र वन्यजीव अभ्यारण् आदि। |
यात्रा समय | अक्टूबर से मार्च |
Shivamoga: History & Tourist Place
Shimoga Tourist Place: तुंग नदी के किनारे स्थित शिमोगा कर्नाटक का मध्य जिला है। शिमोगा का अर्थ है शिव का मुख। शिमोगा को देख कर ऐसा लगता है मानो प्रकृति ने अपनी सुंदरता जी भरकर बिखेरी हो। यहां पर वह सब कुछ है जो लोगों को पसंद आते हैं। झरने, जलाशय और हरे-भरे खेत सभी कुछ है यहां। यहां के ऐतिहासिक स्थल और मंदिर इसे एक उपयुक्त पर्यटक स्थल बनाते हैं।
1. जोग फॉल्स (Jog Falls)
विश्व प्रसिद्ध जोग फॉल्स शिमोगा से 104 किमी. दूर है। इसे शरवती फॉल्स भी कहा जाता है। शरवती नदी 292 मीटर की ऊंचाई से गिरते हुए राजा, रानी, रोरर और रॉकेट नामक तीन खूबसूरत झरने बनाती है जो अंतत: भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात बनाते हैं।
यह पूरा नजारा बहुत अद्भुत दिखाई पड़ता है। इस स्थान पर आने का सही समय मानसून के बिल्कुल बाद जुलाई-अगस्त का है। हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित यह झरना पर्यटकों को अपनी सुंदरता के जादू में बांध देता है।
2. बल्लिगवी (Balligavi)
शिमोगा जिले का ऐतिहासिक गांव बल्लिगवी शिकारीपुर से 21 किमी. दूर स्थित है। बल्लिगवी को दक्षिण केदार और बेलगामी भी कहा जाता है। दंतकथाओं के अनुसार बल्लिगवी असुर सम्राट बाली की राजधानी थी और इसे बलीपुरा कहा जाता था। यहां के पंचलिंगेश्वरा मंदिर में स्थापित पंचलिंग के बार में माना जाता है कि इसकी स्थापना पांडवों ने की थी। यहां पाए गए शिला लेखों से पता चलता है कि इसे कई नामों से जाना जाता था जैसे: बल्लिगवे, बल्लिगामे, वल्लिग्रामे, वल्लिगामे।
बल्लिगवी का चतुमरुख लिंग सातवाहन-कदंब शैली का आभास कराता है इसलिए इस स्थान का संबंध सातवाहनों से भी जोड़ा जाता है। बल्लिगवी का स्वर्णिम काल कल्याणी चालुक्यों के शासनकाल को माना जाता है। उन्होंने यहां करीब 200 सालों तक राज किया। यह बनवासी शासकों की भी राजधानी थी और सांस्कृतिक एवं शैक्षिक गतिविधियों का केंद्र भी था। बल्लिगवी में बहुत से मंदिर हैं जो प्राचीन काल के वास्तुशिल्प को प्रदर्शित करते हैं।
केदारश्वर मंदिर और त्रिकुट यहां के प्रमुख मंदिर हैं। बल्लिगवी 12वीं शताब्दी के महान कवि अल्लमा प्रभु का जन्मस्थान भी है। केदारश्वर मंदिर के पास एक संग्रहालय भी है। इस संग्रहालय में गांव के आसपास पाई गई प्राचीन वस्तुओं और शिलालेखों का बड़ा संग्रह देखा जा सकता है। देवी तारा की प्रतिमा यहां का प्रमुख आकर्षण है।
3. बंदालिके (Bandalike)
शिकारीपुर से 35 किमी. उत्तर में स्थित बंदालिक एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जो अपने मंदिरों और बसदियों के लिए जाना जाता है। यहां पाई गई राष्ट्रकुट और कदंब काल की मूर्तियों और शिलालेखों को देखकर पता चलता है प्राचीन काल की कला कितनी विकसित थी। बंदालिके के अन्य प्रमुख आकर्षणों में शांतिनाथ बसदी, सहस्रलिंग मंदिर और सोमेश्वर मंदिर शामिल हैं।
4. गुडवी (Gudavi)
गुडवी शिमोग जिले के सोरब तालुक का एक प्राचीन गांव है। गुडवी का मुख्य आकर्षण गुडवी पक्षी अभ्यारण्य और मनोहारी गुडवी झील है। जून के महीने में यहां आना सबसे उपयुक्त है। उस दौरान चारों ओर स्थानीय और प्रवासी पक्षियों का कलरव सुनाई देता है। इस समय यहां पर्यटकों का आवागमन अधिक होता है।
5. होनेगोड्डा (Honnegowda)
होनेगोड्डा शिमोगा जिले का एक प्रमुख पिकनिक स्पॉट है। समुद्र तल से 304 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने गोड्डा से भद्र नदी और उसके आसपास के इलाके का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। यहां पर एक छोटा सा मंदिर भी है।
6. होनेमरडु (Honnemaradu)
होनेमरडु गांव 1960 में लिगनमक्की बांध बनने के कारण नष्ट हो गया था। आज इसे पुनर्जीवित किया जा चुका है। यह स्थान वॉटर स्पोट्स के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। होनेमरडु शरवती नदी के वैकवॉटर्स पर स्थित है और इसके आसपास कई छोटे टापू भी हैं। इसकी यह स्थिति इसे स्विमिंग, कायकिंग, कैनोइंग, विंड वॉटर सर्फिग, कैंपिंग, ट्रैकिंग और बर्ड वॉचिंग के लिए उपयुक्त जगह बनाती है।
होनेमरडु से 10 किमी. दूर गड़ेमने स्थित है जो अपनी चित्तरा कला के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा होनेमरडु के आसपास प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं: जोग फॉल्स, दब्बे फॉल्स, त्यवरकोप्पा टाइगर और लायन सफारी, सागर, शरवती घाटी वन्यजीव अभ्यारण्य और कानूर कोटे किला। जुलाई-अगस्त में बारिश के मौसम के अलावा यहां कभी भी आ सकते हैं।
7. जोगी गुंडी (Jogi Gundi Falls)
जागी गुंडी अगुंबे से तीन किमी. दूर ताजे पानी का एक छोटा सा सरोवर है। इस स्थान का नाम जोगी नामक संत के नाम पर पड़ा जो यहां पर तपस्या किया करते थे। यह जलाशय तुंगभद्रा नदी की एक सहायक नदी मालापहाड़ी का स्रोत है। पानी 30-50 फीट लंबी गुफा से होते हुए इस सरोवर तक पहुंचता है। इस स्थान पर प्रकृति की सुंदरता का आनंद उठाया जा सकता है।
8. केलाडी (Keladi)
केलाडी शिमोगा से 80 किमी. और सागर से 6 किमी. दूर है। केलाडी अपने पाषाण मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इसमें वीरभद्रेश्वर, रामेश्वर और पार्वती देवी के मंदिर हैं। रामेश्वर मंदिर के पास ही केलाडी संग्रहालय है जहां नायक काल के ताम्रपत्र, ताड़पत्र और सिक्कों को प्रदर्शित किया गया है।
9. कुबतूर (Kubatur)
अनेक मंदिरों के लिए प्रसिद्ध कुबतूर शिमोगा का प्रमुख पर्यटक स्थल है। यद्यपि अब ये मंदिर जर्जर अवस्था में हैं लेकिन फिर भी इन्हें देख कर विभिन्न शासनकालों के दौरान यहां की विकसिक कला और वास्तुशिल्प का आभास होता है। केदारश्वर मंदिर चालुक्य वास्तुकला का सुंदर उदाहरण है। वीरभद्र और दुर्गा मंदिर भी दर्शनीय है।
10. भद्र वन्यजीव अभ्यारण् (Bhadra Wildlife Sanctuary)
भद्र वन्यजीव अभ्यारण्य चिकमंगलूर और शिमोगा जिले में स्थित है। इसे मुथोडी वन्यजीव अभ्यारण्य के नाम से भी जाना जाता है। भद्र वन्यजीव अभ्यारण्य में पक्षियों की 250 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। ग्रेट इंडियन गौर, बार्किग डीयर, फ्लाइंग फॉक्स, मोंगूस, हाथी आदि जानवर भी यहां पाए जाते हैं। 1998 में इसे बाघ परियोजना का हिस्सा घोषित किया गया।
अभ्यारण्य के अंदर हीकेन्नागुंडी और बाबाबुदेन पहाड़ियां स्थित हैं। यहां पर बहुत से दुर्लभ पेड़ और औषधीय गुण युक्त पौधे भी देखे जा सकते हैं। करीब 300 साल पुराना 5.5 मीटर ऊंचा पेड़ इस अभ्यारण्य का मुख्य आकर्षण है।
शिमोगा कैंसे पहुंचे (How to Reach Shimoga)
वायु मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डा हुबली यहां से 165 किमी. दूर है। निकट भविष्य में सोगने का हवाई अड्डा शुरु होने की संभावना है जो यहां से 6 किमी. दूर है।
रेल मार्ग: शिमोगा रेलहेड बंगलुरु और मैसूर से नियमित रेलों के जरिए जुड़ा हुआ है। कर्नाटक के बाहर से यहां आने के लिए बेरुर स्टेशन का इस्तेमाल किया जा सकता है। बेरुर शिमोगा से 60 किमी. दूर है और इन दोनों शहरों के बीच केएसआरटीसी की बसें नियमित रूप से चलती हैं।
सड़क मार्ग: शिमोगा राष्ट्रीय राजमार्ग 206 के जरिए राजधानी बंगलुरु से जुड़ा है। दोनों शहरों के बीच की दूरी 274 किमी. है जिसे तय करने के लिए नियमित बस सेवा मौजूद है। मैंगलोर और उदुपी के रास्ते भी शिमोगा पहुंचा जा सकता है।