सीतापुर (Sitapur)
Sitapur Tourist Places: सीतापुर (Sitapur) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के सीतापुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। सीतापुर का नाम, राजा विक्रमदित्य ने भगवान श्री राम की पत्नी सीता के नाम के नाम पर स्थापित किया था। आजके इस लेख में हम आपको सीतापुर का इतिहास और पर्यटन स्थल (Sitapur Tourist Places) के बारे में बताएंगे-
Sitapur: History & Places to visit in Hindi
राज्य | ऊत्तर प्रदेश |
क्षेत्रफल | 5743 वर्ग किलोमीटर |
भाषा | हिंदी और इंग्लिश |
घूमने का समय | सितम्बर से फरवरी। |
सीतापुर का इतिहास (History of Sitapur in Hindi)
सीतापुर (Sitapur) की स्थापना राजा विक्रमादित्य ने की थी। इस जगह का इतिहास प्राचीन, मध्य और आधुनिक तीनों युगों से जुड़ा हुआ है। सीतापुर ऋषियों और सूफियों की भूमि है। चक्र तीर्थ, मिश्रित, नेसिसराय, श्री ललिता देवी मंदिर, मछरटा, बिसवान और खेराबाद आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है।
सीतापुर का नाम भगवान राम की पत्नी सीता के नाम पर रखा गया है। इस पवित्र भूमि के बारे में ऋषि वेद व्यास ने पुराण में भी लिखा है। माना जाता है कि सीतापुर स्थित नीमसर या नेमिसराय आए बिना पंच धाम की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती है। नेमिसराय काफी पुराने स्थलों में से है। यह जिला बाराबंकी, बहराईच, खीरी, हरदोई और लखनऊ जिलों से जुड़ा हुआ है। (और पढ़ें: रामायण के प्रमुख पात्र
सीतापुर के प्रमुख पर्यटन स्थल (Places to visit in sitapur)
Sitapur Tourist Altercation: सीतापुर ऐतिहासिक पवित्र तीर्थ स्थल नैमिषारण्य के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां पर स्थित चक्र तीर्थ, ललिता देवी मंदिर, मछरटा, श्यामनाथ शिव मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल है। इसके अलावा, सीतापुर स्थित खेराबाद में हजरत मकदूम और हजरत गुलजार शाह का दरगाह भी आकर्षण का केंद्र है।
1. नैमिष चक्र तीर्थ (Chakra Tirth)
चक्र तीर्थ एक पवित्र कुण्ड है। यह कुंड सीतापुर जिले के नेमिसराय स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि नेमिसराय वह स्थान है जहां भगवान विष्णु ने अपने चक्र से राक्षसों को मार गिराया था। जिसके पश्चात् उसी जगह पर उन्होंने एक वृत्ताकार सरोवर बनाया था। इस सरोवर के प्रति लोगों में गहरी आस्था है। प्रत्येक वर्ष सोमवती अमावस्या के दिन काफी संख्या में लोग इस सरोवर पर स्नान करने के लिए आते हैं।
2. मिश्रित (Mishrit)
इस जगह को ‘मिसरिख’ के नाम से भी जाना जाता है। मिसरिख सीतापुर जिले के नेमिसराय से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि महर्षि दधीचि ने यहां पर स्नान किया था। सभी तीर्थ स्थलों में स्नान करने के बाद उन्होंने अपनी हड्डियां दान कर दी थी। जिसके बाद से इस जगह को मिश्रित या मिसरिख के नाम से जाना जाता है। यहां स्थित महर्षि दधीचि आश्रम और सीता कुंड में काफी संख्या में पर्यटक आते है।
3. ललिता देवी मंदिर (Lalita devi Temple)
सीतापुर जिले के नेमिसराय स्थित श्री ललिता देवी मंदिर यहां के प्रमुख मंदिरों में से है। श्री ललिता देवी को त्रिपुरा सुंदरी के नाम से भी जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवी ललिता, ब्रह्मा के आदेशानुसार इस स्थान पर प्रकट हुई थी। मंदिर के समीप ही चक्र तीर्थ और पंच प्रयाग जैसे सुंदर सरोवर स्थित है।
4. नैमिषारण्य (Naimisharanya)
कहा जाता है कि नैमिषारण्य आए बिना बद्रीनाथ और केदारनाथ यात्रा पूरी नहीं मानी जाती है। महाभारत में भी कहा गया है कि जो भी नेमिसराय आकर पूरी श्रद्धा के साथ उपवास और उपासना करता है उसे सारे विश्व की खुशियां मिलती है। भगवान बलराम, दधीचि मुनि, पाण्डव, प्रभु नित्यानंद और रामानुजाचार्य भी इस जगह पर आए थे।
ऐसा कहा जाता है चक्र-तीर्थ कुंड पर स्नान करने और श्री ललिता देवी मंदिर में, सोमवार के दिन आने वाली पूर्णिमा को सच्चे मन से प्रार्थना करने पर जीवन के सभी पाप दूर हो जाते हैं। इस जगह पर लगभग 30,000 धार्मिक स्थल हे।
5. मछरटा (Macharehta)
सीतापुर जिले के एने-अकबरी स्थित मछरटा लगभग 400 वर्ष पुरानी जगह हे। इस जगह पर गोरखनाथ के गुरु मछेन्द्रनाथ ने ध्यान साधना की थी। जिसके पश्चात् इस जगह का नाम मछरटा रख दिया गया। इसके अतिरिक्त यहां कई प्राचीन सराय, इमामबाडा, मंदिर और मस्जिद स्थित है, जिस कारण इन्हें हरिद्वार तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है।
6. बिसवान (Biswan)
इस शहर की स्थापना एक फकीर बिशवर नाथ ने लगभग 600 पूर्व की थी। जिसके बाद से इस जगह को ‘बिसवान’ के नाम से जाना जाता है। इस जगह पर कई इमारतें, दरगाह, मस्जिद और सराय आदि स्थित है। इन सभी का निर्माण शेखबरी ने 1173 ई. में करवाया था। यहां स्थित हजरत गुलजार शाह की मजार साम्प्रदायिक सौहार्द के काफी प्रसिद्ध है। प्रत्येक वर्ष इस जगह पर उर्स का आयोजन किया जाता है।
7. खेराबाद (Khairabad)
धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध खेराबाद राजा विक्रमादित्य के समय का है। कुछ लोगों का कहना है कि खेरा पासी ने इस शहर की स्थापना 11वीं शताब्दी में की थी। 1527 में बाबर ने इस क्षेत्र को बहादुर खान से प्राप्त किया था।
यहां एक विशाल ट्रेड सेंटर है जहां कश्मीरी शॉल, बुरमिंगम के आभूषण और असम के हाथी आदि बेचे जाते हैं। वहीं कुछ इमामबाड़ा और इमारतें भी यहां स्थित है। इसके अलावा हजरत मखदूम की दरगाह भी काफी प्रसिद्ध स्थलों में से है।
8. श्यामनाथ शिव मंदिर (Shyam Nath Shiv Mandir)
भगवान शिव को समर्पित शामनाथ मंदिर का निर्माण लगभग 300-400 पूर्व किया गया था। यह मंदिर पुराने सीतापुर शहर, मुंशीगंज में स्थित है। इस मंदिर की वास्तुकला काफी सुंदर है। यह मंदिर नगर शैली का अनुपम उदाहरण है।
सीतापुर कैंसे पहुंचे (How to Reach Sitapur)
वायु मार्ग: लखनऊ स्थित अमुसी यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है।
रेल मार्ग: भारत के कई प्रमुख शहरों से सीतापुर रेल मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग: लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग 24 द्वारा सीतापुर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
कहां ठहरें: सीतापुर में ठहरने के लिए होटल उपलब्ध है आप चाहे तो नजदीकी शहर लखीमपुर-खीरी में भी ठहर सकते हैं।
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