Solapur (Maharashtra): History & Tourist Places in Hindi
सोलापुर (Solapur) भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक नगर हैं। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। सोलापुर जिला सिगरेट बीडी के उत्पादन में विशेष रूप से जाना जाता है।
Solapur, Maharashtra | History & Tourist Places in Hindi

राज्य | महाराष्ट्र |
क्षेत्रफल | 14844.6 वर्ग किमी. |
भाषा | मराठी, हिंदी, इंग्लिश |
औसत वर्षा | 545.4 मिमी. |
तापमान | अधिकतम 46 डिग्री न्यूनतम 9 डिग्री। |
पर्यटन स्थल | सिद्धेश्वर मंदिर, हजरत शाह जहूर दरगाह, इंद्रा भवन, शुभराई आर्ट गैलरी, पंढ़रपुर, मलढो़क पक्षी अभ्यारण्य आदि। |
प्रसिद्धि | हैंडलूम, पावरलूम और बीडी़ सिगरेट उत्पादन का प्रमुख केन्द्र, लावणी, गोंधल और धनगिरी यहां की लोकप्रिय लोक कलाएं। |
यात्रा समय | नवंबर से मार्च। |
History of solapur: प्रारंभिक शताब्दियों में सोलापुर शहर हिंदू चालुक्यों और देवगिरि यादवों के शासन में था, किंतु बाद में यह बहमनी और बीजापुर साम्राज्य का हिस्सा बन गया। 14844 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला यह जिला अहमदनगर, उस्मानाबाद, सांगली, सतारा और पुणे जिलों से घिरा हुआ है। शोलापुर हैंडलूम, पावरलूम और बीडी़ उद्योग का प्रमुख केन्द्र है। लावणी, गोंधल और धनगिरी यहां की लोकप्रिय लोक कलाएं हैं।
सोलापुर के प्रमुख पर्यटन स्थल (Places to visit in solapur)
Solapur Tourist Places: महाराष्ट्र के दक्षिण पूर्वी हिस्से में स्थित शोलापुर भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक है। सिद्धेश्वर मंदिर, अक्कलकोट, पांधरपुर, मलढो़ल वन्यजीव अभ्यारण्य, कुडाल संगम, रामलिंग और वेलापुर यहां के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं।
1. सिद्धेश्वर मंदिर (Siddheswar Temple)
एक झील के बीचोंबीच बना यह ऐतिहासिक मंदिर शोलापुर के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में एक है। मंदिर चारों ओर से पानी से घिरा हुआ है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता इसे अन्य स्थानों से पृथक करती है।
2. हजरत शाह जहूर दरगाह Hazrat Shah zahur Dargah)
मुस्लिम संत हजरत शाह को समर्पित यह दरगाह मुस्लिम संप्रदाय के लोगों के साथ सभी संप्रदाय के लोगों को आकर्षित करती है। कहा जाता है कि संत हजरत शाह ने यहां अनेक चमत्कार किए थे। मुस्लिम माह सफर की 10,11 और 12 तारीख को यहां समारोह आयोजित किया जाता है।
3. इंद्रा भवन (Indra Bhavan)
इंद्रा भवन को सोलापुर का गौरव कहा जा सकता है। यह बंगला 1907 ई. में श्री अप्पासाहेब वराद ने बनवाया था। तीन खंड के इस बंगले की देख रेख सोलापुर नगर निगम करता है। सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक यह बंगला आगंतुकों के लिए खुला रहता है।
4. शुभराई आर्ट गैलरी (Shubhray Art Gallery)
सोलापुर की इस आर्ट गैलरी की स्थापना 1986 में कलाकारों की कला को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। सोलापुर के महान कलाकार शुभराई के नाम पर इस गैलरी का नाम रखा गया। गैलरी के प्रथम तल का हॉल 42 बाई 34 फीट का है। इस तल के स्टेज में कलाकारों की कला को प्रदर्शित किया जाता है।
5. पंढ़रपुर (Pandharpur)
पंढ़रपुर पूरे भारत में एक तीर्थस्थल के रूप में विख्यात है। सोलापुर से 74 किमी. पश्चिम में स्थित यह तीर्थस्थल भीमा नदी के दाएं तट पर बना है। यहां के विट्ठल-रूक्मिणि मंदिर को काफी आदर के साथ देखा जाता है।
जुलाई-अगस्त के महीने में यहां बहुत से पर्व आयोजित किए जाते हैं, जिसमें बड़ी में श्रद्धालु आते हैं। यहां के लक्ष्मी मंदिर, पुंडालिक मंदिर, विष्णुपद मंदिर, त्रिम्बकेश्वर मंदिर और श्री राम मंदिर में भक्तों का सदैव आना जाना लगा रहता है।
6. गेट्र इंडियन बस्टर्ड वन्यजीव अभ्यारण्य (Great Indian Bustard bird Sanctuary)
यह अभ्यारण्य महाराष्ट्र के अहमदनगर और सोलापुर जिले में फैला हुआ है। इस अभ्यारण्य में मुख्यत: भारतीय सोन चिड़िया, ब्लैकबक, भेड़िया, लोमड़ी, हैना और नेवले पाए जाते हैं। अगस्त से जनवरी का महीना यहां आने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
7. मलढो़क पक्षी अभ्यारण्य (Maldhok bird sanctuary)
यह अभ्यारण्य मलढो़क पक्षी का घर माना जाता है। सोलापुर जिले के करमला में स्थित यह अभ्यारण्य घास के विस्तृत मैदानों में फैला हुआ है। पक्षी प्रेमियों को यह अभ्यारण्य खासा पसंद आता है। नेवला, गिलहरी, हिरन आदि पशुओं को भी यहां देखा जा सकता है।
8. रवन सिद्धेश्वर मंदिर (Shri. Revan Siddeshwar Temple)
लोकप्रिय संत रवनसिद्धेश्वर को समर्पित यह मंदिर मोती बाग और कंबर तलाव के निकट स्थित है। मंदिर के बेसमेंट चेंबर पर संत की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर चारों ओर से पत्थर के चेंबरों से घिरा हुआ है। अगस्त माह के हर शनिवार को यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है। मकर संक्रांति के अवसर पर यहां पशु मेला लगता है।
9. श्री दहीगांव तीर्थ (Jain temple in Dahigaon, Maharashtra)
सोलापुर के दहीगांव में स्थित इस तीर्थस्थल में जैन धर्म के अनुयायी बड़ी संख्या में आते हैं। यहां के मंदिर में भगवान महावीर की 244 सेमी. ऊंची काले रंग की प्रतिमा स्थापित है। यह प्रतिमा पदमासन मुद्रा में है। मंदिर की दीवारें अनेक रंग-बिरंगी प्राचीन चित्रकारियों के सजी हैं। मंदिर में अनेक दिगंबर आचार्यों के तैल चित्र भी देखे जा सकते हैं।
10. धनगरी गज नृत्य (Dhangari Gaja dance Maharashtra)
धनगरी गज नृत्य सोलापुर के धनगरों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। यह नृत्य भगवान बिरूवा को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस नृत्य का प्रदर्शन परंपरागत मराठी कपड़ों धोती, अंगरखा, फेटा और रंग-बिरंगें रूमालों के साथ किया जाता है। नृत्य में नगाडे वाला एक समूह उनका साथ देता है।
11. वेलापुर (Velapur)
वेलापुर पंधरपुर से 32 किमी. उत्तर-पश्चिम में है। यहां अनेक ऐतिहासिक स्मारकों को देखा जा सकता है। हेमदपंथी शैली में बना यहां का मंदिर प्रमुख आकर्षणों में है।
साथ ही हर नारेश्वर मंदिर देखने के लिए भी लोगों को नियमित आना जाना लगा रहता है, जिसमें प्राचीन शिलालेखों को देखा जा सकता है। यादव शासक रामचन्द्र द्वारा बनवाए गए चार प्राचीन पत्थरों की संरचनाएं भी यहां देखी जा सकती हैं।
सोलापुर कैंसे पहुंचे (How to Reach Solapur)
वायु मार्ग– पुणो सोलापुर का निकटतम घरेलू एयरपोर्ट जो लगभग 245 किमी. की दूरी पर है। निकटतम अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट मुंबई में है। यह एयरपोर्ट देश में तमाम बड़े शहरों से जुड़ा हुआ हैं।
रेल मार्ग– सोलापुर रेलवे स्टेशन मुंबई और देश में अनेक हिस्सों से अनेक ट्रेनों के माध्यम से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग– राष्ट्रीय राजमार्ग 9, 13 और 211 सोलापुर को शेष भारत से जोड़ते हैं। महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्यों के अनेक शहरों से यहां के लिए बसें चलती हैं।
FAQs
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