Sri Chamundeshwari Temple: श्री चामुंडेश्वरी मंदिर, मैसूर (कर्नाटक)
चामुंडेश्वरी मंदिर कर्नाटक राज्य की चामुंडी नामक पहाड़ियों पर स्थित हिन्दुओं का प्रमुख धार्मिक स्थान है। यह मंदिर चामुंडेश्वरी को समर्पित है। चामुंडेश्वरी मंदिर को एक शक्तिपीठ भी माना जाता है क्योंकि यहां पर देवी सती के बाल गिरे थे।
श्री चामुंडेश्वरी मंदिर (Sri Chamundeshwari Temple)
चामुंडेश्वरी मंदिर भारत में कर्नाटक राज्य में मैसूर शहर से लगभग 13 किमी दूर चामुंडी पहाड़ियों की चोटी पर स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 3300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
इस मंदिर को राक्षस महिषासुर के वध का प्रतीक माना जाता है। चामुंडेश्वरी को कर्नाटक के लोग नादा देवी कहते हैं, जिसका अर्थ है राज्य की देवी। मंदिर में नंदी की कई छवियां हैं। थोड़ी दूरी पर शिव मंदिर के सामने पहाड़ी पर विशाल ग्रेनाइट के नंदी है। यह नंदी की प्रतिमा 15 फुट से अधिक ऊँचा और 24 फुट लंबा है।
एक अन्य मंदिर तलहटी में स्थित है जो उत्तानहल्ली में है जिसे ज्वालामालिनी श्री त्रिपुरा सुंदरी मंदिर कहा जाता है। इस देवी को चामुंडेश्वरी की बहन माना जाता है जिन्होंने राक्षस रक्तबीज को मारने के लिए युद्ध के मैदान में उनकी मदद की थी ।
Darshana and Pooja Timings: 5.30 a.m to 1.30 p.m and 3.30 p.m to 5.30 p.m
Abhisheka Timings : 6 a.m. to 7.30 a.m and 6 p.m to 7.30 p.m | Friday 5 a.m to 6.30 am
उत्सव और त्योहार (festivals and celebrations)
मंदिर आषाढ़ शुक्रवार, नवरात्रि और अम्मानवर वर्धनी जैसे त्योहारों के उत्सव के लिए प्रसिद्ध है। आषाढ़ के महीने में शुक्रवार को विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु मंदिर में आते हैं। इस महीने के दौरान मनाया जाने वाला एक और त्योहार चामुंडी जयंती है। यह दिन मैसूर के महाराजा द्वारा देवी के उत्सव मूर्ति के अभिषेक की वर्षगांठ पर मनाया जाता है।
यहां मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्योहार नवरात्रि है। नवरात्रि के दौरान, देवी के नौ अलग-अलग पहलुओं को दर्शाने के लिए मूर्ति को 9 अलग-अलग तरीकों से सजाया जाता है, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है। नवरात्रि के 7 वें दिन (जो देवी कालरात्रि को समर्पित है) महाराजाओं द्वारा दान किए गए बहुमूल्य रत्न मैसूर के जिला खजाने से लाकर प्रतिमा को सजाया जाता है।
पैराणिक मान्यता (Mythical beliefs)
चामुंडेश्वरी मंदिर को शक्ति पीठ और 18 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। क्योंकि यहां पर देवी सती के बाल गिरे थे। यह क्षेत्र पौराणिक काल में क्रौंचा पुरी के नाम से जाना जाता था। और पढ़ें: शक्तिपीठ का रहस्य
अन्य पौराणिक मान्यता अनुसार देवी दुर्गा ने इस पहाड़ी की चोटी पर राक्षस राजा महिषासुर का वध किया था। इसलिए इस स्थान को महिषारु (महिषा का स्थान) के नाम से जाना गया। जिसे अंग्रेज़ो ने बाद में बदलकर बदलकर मैसूर कर दिया।
श्री चामुंडेश्वरी मंदिर का इतिहास (Hirtory of Sri Chamundeshwari Temple)
माना जाता है कि मूल मंदिर 12 वीं शताब्दी में होयसल राजवंश के शासकों द्वारा बनाया गया था, जबकि इसकी मीनार संभवतः 17 वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के शासकों द्वारा बनाई गई थी।
आसपास के दर्शनीय स्थल (Nearby Tourist Places)
- Mysore Place – 10 k.m.
- Mysore Zoo – 09 k.m.
- Krishnaraja sagara (K.R.S) – 32 k.m.
- Jaganmohana Palace – 12 k.m
- Srii kanteswaraswamy Tempe, Nanjangud – 34 k.m.
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- Bird Sanctuary – 20 k.m.
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- Nagarahole Forest – 100 k.m.
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