Surendranagar (Gujarat): History & Places To Visit in Hindi
सुरेन्द्रनगर (Surendranagar), भारत के गुजरात राज्य में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।
Surendranagar: History & Tourist Places in Hindi | wiki
राज्य | गुजरात |
क्षेत्रफल | 10489 वर्ग किमी |
भाषा | गुजराती, हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | डेजर्ट कोर्सर कैंप, डूंगरपुर हिल स्टेशन, डोलिया तीर्थ, रतनपुर तीर्थ, श्री उपरियालाजी तीर्थ आदि। |
प्रसिद्धि | राज्य का सबसे बड़ा कपास उत्पादक। |
कब जाएं | नवम्बर से फरवरी। |
गुजरात के 10489 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में फैला सुरेन्द्रनगर राज्य का सबसे बड़ा कपास उत्पादक क्षेत्र है। वाधवां यहां का सबसे प्रमुख नगर है। धरनगधरा, तारनेतर और थानगढ़ यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल है।
ज्वार, बाजरा और मूंगफली इस जिले की मुख्य फसल है। धरनगधरा यहां का प्रमुख औद्योगिक शहर है, जहां मिट्टी के बर्तनों, चाइनावेयर और रसायनों का उत्पादन किया जाता है। तरनेतर मेला यहां आयोजित किया जाने वाला प्रमुख उत्सव है।
डेजर्ट कोर्सर कैंप (Desert Coursers)
यह कैंप सुरेन्द्रनगर के जैनाबाद गांव में स्थित है। यहां अनेक प्रकार के खेलों का आनंद लिया जा सकता है। यह गांव अहमदाबाद से 100 किमी. उत्तर-पश्चिम में है। यह कैंप पूरे साल खुला रहता है। कैंप के पेकेज में ब्रेकफास्ट, डिनर, कैंपफायर, ऊंट और जीप सफारी शामिल है।
डूंगरपुर हिल स्टेशन (Dungarpur hill station)
यह हिल स्टेशन डूंगरपुर से 2 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस हिल स्टेशन में पत्थरों का एक चबूतरा देखा जा सकता है जो वर्गाकार स्तंभों के सहारे टिका हुआ है। हिल स्टेशन के आसपास गीडच, भीमगुडा और रताभे गावों को देखा जा सकता है।
डोलिया तीर्थ (Doliya Jain Tirth)
यह जैन तीर्थस्थल सुरेन्द्रनगर के डोलिया में स्थित है। मंदिर में 22वें र्तीथकर भगवान नेमिनाथ की काले रंग की प्रतिमा पदमासन मुद्रा में स्थापित है। दो खंड का यह मंदिर विशाल और शानदार है।
इसके ऊपरी तल में भगवान संकेश्वर महादेव की आकर्षक प्रतिमा देखी जा सकती है। यहां भगवान कृष्ण का एक छोटा मंदिर भी देखा जा सकता है। इस मंदिर में उनकी आकर्षक प्रतिमा एक रथ पर विराजमान है।
रतनपुर तीर्थ (Ratanpur Tirth)
जोरावरनगर में स्थित यह मंदिर जैन भगवान संकेश्वर पार्श्वनाथ को समर्पित है। मंदिर को श्री संकेश्वर पार्श्वनाथ रतनपुर तीर्थ नामक ट्रस्ट संचालित करता है।
मंदिर छोटा होने के बावजूद की भी काफी आकर्षक है। खासकर इसकी मूर्तियां बेहद सुंदर हैं। मंदिर में भगवान नवलखा पार्श्वनाथ, भगवान भीलभंजन पार्श्वनाथ, श्री पदमावति देवी और श्री चक्रेश्वरीदेवी की प्रतिमा देखी जा सकती हैं।
श्री उपरियालाजी तीर्थ (Shri Upriyalaji Teerth)
यह तीर्थ श्री आनंदजी कल्याणजी पेठी ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है। श्री आदिश्वर भगवान यहां पूजे जाते हैं। उनकी खूबसूरत प्रतिमा पदमासन मुद्रा में स्थापित है। माना जाता है कि रत्न कुंभर नामक किसान को यह प्रतिमा बैसाख पूर्णिमा के दिन अपने खेत में मिली थी। मंदिर की अखंड ज्योति पिछले 86 सालों से निरंतर जल रही है। मंदिर के निकट ही एक धर्मशाला में ठहरा जा सकता है।
हालवाड महल (Halvad Palace)
यह दो मंजिला महल सुरेन्द्रनगर के हालवाड में स्थित है। महल में इष्टदेवी, एक सार्वजनिक हाल, गार्डन और प्रशासनिक कार्यालय देखे जा सकते हैं। यह सभी इमारतें राजपूत वास्तुशिल्प पर आधारित हैं। महल में लकड़ी और पत्थर को बेहद संतुलित तरीके से इस्तेमाल किया गया है। महल के टावर से आसपास के गावों के सुंदर नजारे देखे जा सकते हैं।
एकदंत गणपति मंदिर (Ekdnat Ganpati Temple)
धरनगधरा में स्थित भगवान गणेश को समर्पित यह मंदिर अहमदाबाद से 90 किमी. दूर है। मंदिर 7 फीट ऊंची गणेश की विशाल मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। प्रतिमा की खास बात यह है कि इसमें केवल एक दांत है। माना जाता है कि एक चरवाहे ने इस मंदिर को बनवाया था।
वागेश्वरी माताजी मंदिर (Vagheshwari Mata Temple)
वाधवां में स्थित यह मंदिर श्रीमाली सोनियों के सबसे प्राचीन मंदिरों में एक है। वागेश्वरी देवी श्रीमाली सोनियों की इष्टदेवी हैं। मंदिर में काल भैरव की प्रतिमा भी देखी जा सकती है। हर साल हजारों श्रद्धालु देवी का आशीर्वाद लेने यहां आते हैं।
श्री स्वामीनारायण मंदिर (Shri Swaminarayan Templr)
इस मंदिर का निर्माण मूली के राजा रामभाई के परामर्श पर किया गया था। मंदिर में विशाल मारगोसा वृक्ष, कुआं और अलार्क सीढीनुमा कुंआ देखा जा सकता है। पवित्र भगोवा नदी मंदिर के निकट से बहती है। मंदिर में भगवान राधाकृष्णदेव, भगवान हरिकृष्ण महाराज, भगवान रणछोडराय, त्रिकामराय, भगवान धर्मदेव और भक्ती माता पूजी जाती हैं।
रनकदेवी मंदिर (Ranakdevi Temple)
वाधवां में स्थित इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में हुआ था। बेहद खूबसूरती से सजे इस मंदिर में शिखर, गर्भगृह और वारामदा देखा जा सकता है। यह मंदिर सती रनकदेवी और महान सोलंकी शासक सिद्धराज जयसिंह से संबंधित है। अपने सम्मान की रक्षा के लिए रनकदेवी यहीं सती हुई थीं जब उनके पति और बच्चों का हत्या की दी गई थी।
सुरेन्द्रनगर कैंसे पहुंचे (How to Reach Surendranagar)
वायु मार्ग– अहमदाबाद का सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट यहां का नजदीकी एयरपोर्ट है, जो करीब 100 किमी. की दूरी पर है। देश-विदेश से नियमित फ्लाइटों द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग– वाधवां सिटी रेलवे स्टेशन जिले का करीबी रेलवे स्टेशन है जो रेलमार्ग द्वारा इसे देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है।
सड़क मार्ग– अहमदाबाद और राजकोट से यहां के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। साथ ही गुजरात और अन्य पड़ोसी राज्यों के अनेक शहरों से यह सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा है।
कहां ठहरें– सुरन्द्रनगर में ठहरने के लिए होटलों का अभाव है। राजकोट इसका पड़ोसी जिला है, जहां ठहरने के लिए होटलों की उत्तम व्यवस्था है।