Tikamgarh (M.P): History & Tourist Places in Hindi
टीकमगढ़ (Tikamgarh) मध्य प्रदेश का एक शहर और जिला मुख्यालय है। शहर का मूल नाम ‘टेहरी’ था, जो अब पुरानी टेहरी के नाम से जाना जाता है।
Tikamgarh: History & Tourist Attraction in Hindi | Wiki
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 5048 वर्ग किमी. |
भाषा | हिन्दी, बुन्देलखण्डी, अंग्रेजी |
औसत वर्षा | 1016 मिमी. |
दर्शनीय स्थल | आहर, अछरू माता मंदिर, बलदेवगढ़, जतारा, कुदार आदि। |
विशेष | प्राचीन काल में यहां मौर्य, शुंग, गुप्त, चन्देलों और बुन्देलों को शासन था |
सम्बंधित लेख | मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल |
कब जाएं | अक्टूबर से मार्च। |
टीकमगढ़ जिला बुंदेलखंड क्षेत्र का एक हिस्सा है। ओरछा नरेश विक्रमजीत (1776 – 1817 ई.) ने वर्ष 1783 में ओरछा से अपनी राजधानी टेहरी जिला टीकमगढ़ में स्थानांतरित कर दी थी। टीकमगढ़ नाम, टीकम (श्री कृष्ण का एक नाम) से पड़ा हैं।
इस जिले का गौरवशाली इतिहास रहा है। प्राचीन काल में यहां मौर्य, शुंग, गुप्त, चन्देलों और बुन्देलों को शासन था। टीकमगढ़ का प्रारंभिक नाम टेहरी था।
टीकमगढ़ के प्रमुख दर्शनीय स्थल (Places to visit in Tikamgarh, Madhya Pradesh)
Tikamgarh Tourist Places: पर्यटन की दृष्टि से यहां अनेक दर्शनीय हैं। आहर, ओरछा, जतारा, बलदेवगढ़, कुंदरेश्वर, पपोरा, मदखेरा यहां के लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं।
1. आहर (Ahar)
बलदेवगढ़ तहसील का यह गांव जिला मुख्यालय से 25 किमी. दूर टीकमगढ़-छतरपुर रोड पर स्थित है। यह गांव जैन तीर्थ का प्रमुख केन्द्र कहा जाता है। अनेक प्राचीन जैन मंदिर यहां बने हैं, जिनमें शांतिनाथ मंदिर प्रमुख है। इस मंदिर में शांतिनाथ की 20 फीट की प्रतिमा स्थापित है।
एक बांध के साथ चंदेल काल का जलकुंड यहां देखा जा सकता है। इसके अलावा श्री वर्द्धमान मंदिर, श्री भेरू मंदिर, श्री चन्द्रप्रभु मंदिर, श्री पार्श्वनाथ मंदिर, श्री महावीर मंदिर, बाहुबली मंदिर और पंच पहाड़ी मंदिर यहां के अन्य लोकप्रिय मंदिर हैं। बाहुबली मंदिर में भगवान बाहुबली की 15 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है।
2. अछरू माता मंदिर (Achhru Mata Mandir)
टीकमगढ़-निवाड़ी रोड पर स्थित यह गांव पृथ्वीपुर तहसील में है। एक पहाड़ी पर बसे इस गांव में माता अछरू का चर्चित मंदिर है। मंदिर एक कुंड के लिए भी प्रसिद्ध है जो सदैव जल से भरा रहता है। हर साल नवरात्रि के अवसर पर ग्राम पंचायत की देखरेख में मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से लोग आकर शिरकत करते हैं।
3. बलदेवगढ़ (Baldevgarh)
यह नगर टीकमगढ़-छतरपुर रोड़ पर टीकमगढ़ से 26 किमी. दूर स्थित है। खूबसूरत ग्वाल सागर कुंड के ऊपर बना पत्थर का विशाल किला यहां का मुख्य आकर्षण है। एक पुरानी और विशाल बंदूक आज भी किले में देखी जा सकती है।
विन्ध्य वासिनी देवी मंदिर बलदेवगढ़ का लोकप्रिय मंदिर है। चैत के महीने में सात दिन तक चलने वाले विन्ध्यवासिनी मेला यहां लगता है। यहां पान के पत्तों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है।
4. जतारा (Jatara)
टीकमगढ़ से 40 किमी. दूर टीकमगढ़-मऊरानीपुर रोड पर यह नगर स्थित है। नगर की मदन सागर झील काफी खूबसूरत है। इस लंबी-चौड़ी झील पर दो बांध बने हैं। इन बांधों को चन्देल सरदार मदन वर्मन ने 1129-67 ई. के आसपास बनवाया था। जतारा में अनेक मुस्लिम इमारतों को भी देखा जा सकता है।
5. कुदार (Kudar)
यह निवाड़ी तहसील का लोकप्रिय गांव है। यह प्रथम स्थल है जिसे बुन्देलों ने खांगरों से हासिल किया था। 1539 तक यह स्थान राज्य की राजधानी था। इस गांव में एक छोटी पहाड़ी के ऊपर महाराज बीरसिंह देव द्वारा बनवाया गया किला देखा जा सकता है। देवी महा माया ग्रिद्ध वासिनी मंदिर भी यहीं स्थित है। मंदिर में सिंह सागर नाम का विशाल कुंड है। हर सोमवार को यहां बाजार लगता है।
6. कुंदेश्वर (Kundeshwar)
टीकमगढ़ से 5 किमी. दक्षिण में जामदर नदी के किनारे यह गांव बसा है। गांव कुंडदेव महादेव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि मंदिर के शिवलिंग की उत्पत्ति एक कुंड से हुई थी। गांव के दक्षिण में बारीघर नामक एक खूबसूरत पिकनिक स्थल और आकर्षक ऊषा वाटर फॉल है। विनोबा संस्थान और पुरातत्व संग्रहालय भी यहां देखा जा सकता है।
7. मदखेरा (Madkhera)
सूर्य मंदिर के लिए विख्यात मदखेरा टीकमगढ़ से 20 किमी. उत्तर पश्चिमी हिस्से में स्थित है। मंदिर का प्रवेशद्वार पूर्व दिशा की ओर है तथा इसमें भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित है। इसके निकट ही एक पहाड़ी पर बना विन्ध्य वासिनी देवी का मंदिर भी देखा जा सकता है। (और पढ़ें: कोर्णाक का सूर्य मंदिर
8. ओरछा (Orchha)
बेतवा नदी तट पर बसा पृथ्वीपुर तहसील का यह गांव उत्तर प्रदेश के झांसी से 15 किमी. की दूरी पर है। काफी लंबे समय तक राज्य की राजधानी रहे ओरछा की स्थापना महाराजा रूद्र प्रताप ने 1531 ई. में की थी।
ओरछा को हिन्दुओं का प्रमुख धार्मिक केन्द्र माना जाता है। राजा राम मंदिर, जहांगीर महल, चतुर्भुज मंदिर, लक्ष्मी मंदिर, फूलबाग, शीशमहल, कंचन घाट, चन्द्रशेखर आजाद मैमोरियल, हरदौल की समाधि, बड़ी छतरी, राय प्रवीन महल और केशव भवन ओरछा के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। (मुख्य लेख: ओरछा के दर्शनीय स्थल
टीकमगढ़ कैंसे पहुंचे (How to Reach Tikamgarh by Bus, train & Air)
वायु मार्ग– ग्वालियर और खजुराहो में टीकमगढ़ का नजदीकी एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट दिल्ली, भोपाल, इंदौर, मुंबई आदि शहरों से वायुमार्ग द्वारा जुड़ा है।
रेल मार्ग– झांसी- मानिकपुर रेल लाइन टीकमगढ़ के ओरछा से होकर गुजरती है। ओरछा रेलवे स्टेशन यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन है। इस रूट पर चलने वाली सभी पेसेन्जर ट्रेनें यहां रूकती हैं।
सड़क मार्ग– मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अनेक शहरों से टीकमगढ़ सड़क मार्ग से जुड़ा है। पड़ोसी राज्यों के अनेक शहरों से यहां के लिए नियमित बसों की व्यवस्था है।