Vastu Tips For Drawing Room: वास्तु अनुसार ड्राइंगरूम कैसा होना चाहिए?
Vastu Tips For Drawing Room: ड्राइंगरूम या बैठक एक औपचारिक स्थान माना जाता है, लेकिन यह समाज में आपकी प्रतिष्ठा बड़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है।
ड्राइंगरूम व्यक्ति और परिवार के स्टेट्स की पहचान भी है, इसलिए ड्राइंगरूम की सजावट व फर्नीचर पर वास्तु के नियम अनुसार विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। जिससे कि आपकी सामाजिक इज्जत (प्रतिष्ठा) में वृद्धि हो।
ड्राइंगरूम मेहमानों की आवभगत के लिए बनाया जाता है. और मेहमान (अतिथि) देव स्वरूप माने जाते है। शास्त्रों में वर्णित है कि “अतिथि देवो भव” यथा नाम तथा गुण के अनुसार जब मेहमान देवता का रूप है, तो उनके बैठने का स्थान भी तो उचित व् आरामदायक होना चाहिए। जिससे वह आपकी प्रशंसा कर आपको फलीभूत कर सकें। इसलिए ही भवन के ड्राइंगरूम में अधिक से अधिक खर्च किया जाता है। (और पढ़ें: बच्चो के लिए सरल वास्तु उपाय
कई बार ड्राइंगरूम के बहुत खूबसूरत व आंतरिक सज्जा से परिपूर्ण होने व अच्छी आवभगत के बावजूद भी मेहमान और मेजबान संतुष्ट नहीं हो पाते तथा आपस में वाद-विवाद होने की संभावना बढ़ जाती है, और खुशी का वातावरण न होकर खिन्नता सी छाई रहती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें एक कारण ड्राइंगरूम का वास्तु दोष भी हो सकता है। अज्ञानतावश मेहमान के बैठने की व्यवस्था आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में कर देते है, जिससे मेहमानमें ईर्ष्या की भावना उत्पन्न हो सकती है और वह आलोचक-सा बनजाता है।
भड़कीले रंगों का चयन किया हो तो वह भी मेहमान की मानसिकता को प्रभावित करता है। कामोत्तेजक मूर्तियां व पेंटिंग्स, डरावनी, अपराधबोध से ग्रसित तस्वीरें, जंगली जानवरों के चित्र, हड्डियों व चमड़े से बने डेकोरेशन पीस भी नकारात्मक विचार पैदा करते है। ड्राइंगरूम को वास्तु अनुरूप बनाने के लिए कुछ साधारण सुझाव में लिख रहा हूं जो कि शास्त्र सम्मत है और आपको इससे सुख की प्राप्ति भी होगी, तथा समाज में प्रतिष्ठा भी बड़ेगी।
20 Tips for Designing Drawing Room as Per Vastu
१:- वास्तु अनुसार ड्राइंगरूम की उत्तम स्थिति वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) और ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) है। ड्राइंगरूम भूलकर भी कभी भी दक्षिण-पश्चिम कोण में न बनवाएं।
२:- ड्राइंगरूम के अंदर फर्नीचर की व्यवस्था इस प्रकार से करें कि सोफा उत्तर-पश्चिम, डे-बैड या दीवान दक्षिण-पश्चिम में, टेलीविजन दक्षिण-पूर्व, व शो केस तथा अलमारी आदि दक्षिण-पश्चिम में रखें, यदि किसी कारणवश कोई सामान उत्तर-पूर्व में रखना पड़ जाए तो दीवार से सटा कर न रखे।
३:- किसी भी ड्राइंगरूम में बैठने की व्यवस्था इतनी जरूर होनी चाहिए कि आठ से दस आदमी एक समय ही बैठ सके।
४:- गृहस्वामी का बैठते समय मुंह उत्तर या पूर्व की तरफ तथा मेहमानों का मुंह दक्षिण या पश्चिम में हो तो उत्तम होता है।
५. रेग्युलर सोफा अर्थात एलशेप सोफा जहां तक हो सके कभी न बनवाएं।
६ सेंटर टेबल गोल या आयताकार या वर्गाकार होनी अच्छी होती है।
७:- यदि ड्राइंगरूम में जगह कम है, तो लकड़ी का शोकेस ना बनवाकर शीशे का शेल्फ का प्रयोग करना अति उत्तम रहता है। सेंटर टेबल का टॉप पारदर्शी शीशे का लिया जा सकता है।
८:- ड्राइंगरूम में दर्पण नहीं लगाना चाहिए, इससे बिना कारण के विवाद उत्पन्न होने की संभावना बड़ जाती है।
९: यदि घर में कहीं भी मंदिर बनाने की जगह न हो तो ड्राइंगरूम के उत्तर-पूर्व में पूजा स्थल बना सकते है।
१०:- श्री गणपति जी, भगवान शिव जी या अन्य भगवान की मूर्तिया आदि हमारे आराध्यदेव है। इनकी मूर्तियों को शोपीस बनाकर ड्राइंगरूम में न सजाएं। अर्थात इन्हें पूजा स्थान पर ही रखें।
११:- परिवार की प्रसन्नचित मुद्रा वाली फोटो ड्राइंगरूम में लगाई जा सकती है।
१२:- ड्राइंगरूम के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में जल तत्व की प्रधानता है यहां पानी का फव्वारा, मच्छली घर रख सकते है, इसकेप्रभाव से आमदनी के साधन बनने लगते है।
१३:- फूलों की पेंटिंग्स लगा सकते है। प्राकृतिक तथा कृत्रिम प्लांट ड्राइंगरूम के भीतर रख सकते है। इनकी दिशा दक्षिण-पश्चिमहोनी चाहिए।
२४:- ड्राइंगरूम में हवा से बजने वाली घंटियां लगाए तथा हँसते हुए बुद्धा को रखिये इनके रखने से भाग्यशाली अवसर प्राप्त होने लगते है।
१५:- ड्राइंगरूम की दीवारों के रंग बहुत गहरे नहीं होने चाहिए, जहा तक हो सके केसरी, पीला, क्रीम, या गोल्डन रंग का इस्तेमाल अधिक करें, क्योंकि यह रंग समृद्धि के प्रतीक माने जाते है।
२६:- ड्राइंगरूम में जब मेहमान बैठे हो तो इस बात का ध्यान अवश्य रखे कि कोई भी सदस्य आपका या मेहमान में से खड़ा नहीं रहना चाहिए, इसके कारण आपकी बाहर आलोचना होने का भय रहता है और किसी नए विवाद का जन्म हो जाता है।
१७:- ड्राइंगरूम में जो सबसे वृद्ध हो उसे ही सर्वप्रथम खाने-पीने की वस्तु भेंट करे तथा दूसरे नंबर पर जो सबसे छोटे हो उसे भेंट करे ऐसा करने से आपका यश बड़ेगा।
१८. – ड्राइंगरूम में कभी भी भूलकर शराब / मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से कर्ज बड़ता है या धन डुब जाता है, और खाली कोई भी बोतल भी नहीं रखनी चाहिए, इसके कारण आमदनी के रास्ते बंद होने लगते है तथा रिश्तेदारी में तनाव बिना कारण उत्पन्न हो जाता है।
१९:- ड्राइंग रूम में आधी मूर्ति या कटा हुआ कोई भी शोपीस ना रखे इसके कारण घर की महिलाओं का स्वास्थ खराब हो जाता है।
२०:- ड्राइंगरूम में शाम के समय प्रकाश अवश्य करे चाहे थोड़े समय के लिए करे, और दिन में एक दो बार चहलकदमी करने से परिवार में सदभावना बढ़ती है और सभी सदस्य एक दूसरे के लिए समर्पित होने लगते है। इस प्रकार से आपने ड्राइंग रूम को वास्तु द्वारा बनाकर समाज और अपने परिवार में लोकप्रिय हो सकतेकी मांग भी है।
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