Vishakha: विशाखा नक्षत्र की सम्पूर्ण जानकारी
Vishakha Nakshatra: विशाखा नक्षत्र 27 नक्षत्रों मे 16वा नक्षत्र है। यह राशिपथ में 200.00 से 213.20 अंशों के मध्य स्थित है। इसके 3 चरण तुला राशि में और 1 चरण वृश्चिक राशि में पड़ता है। इसके चार तारे है। चरणाक्षर हैं ती, तू, ते, तो।
विशाखा नक्षत्र में जन्मे जातकों का व्यक्तित्व आकर्षक एवं आमायुक्त होता है। वे बेहद बुद्धिमान, ऊर्जा संपन्न, सत्यनिष्ठ एवं ईश्वरभक्त होते हैं।
विशाखा नक्षत्र (पौराणिक मान्यता)
विशाखा नक्षत्र के देवता इन्द्र /अग्नि और स्वामी ग्रह गुरु हैं। पौराणिक मान्यता अनुसार देवराज इन्द्र सभी देवताओ के राजा और देव लोक के स्वामी है।
अग्नि विशाखा के अन्य देवता है। ये वेदो में इन्द्र के बाद दूसरे मुख्य देवता है, जो आहूतियों के वाहक है। अग्नि, ब्रह्मा और पृथ्वी के पुत्र है। वायु पुराण अनुसार पत्नी स्वाहा से तीन पुत्र पावक (विद्युत अग्नि) पवमन ( धर्षण अग्नि) सुचि (सूर्य अग्नि) हुए।
विशेषताएं
जातक आक्रमक, साहसी, तानाशाह, स्थिर, धैर्यवान, निश्चयी होता है। जातक जीवन के दूसरे भाग मे उन्नति करता है। ऐसे जातक जीवन के उत्तरार्द्ध मे सफल और सुखी होते है।
क्या करे क्या न करें?
अनुकूल कार्य: यह नक्षत्र लड़ाई-झगडा, निर्दयता, मानसिक ध्यान, समारोह, पुरस्कार, सजावट, रोमांस, हल, कामुकता, तपस्या के लिये अनुकूल है।
प्रतिकूल कार्य: यह विवाह, यात्रा, चातुर्य शुरुआत के प्रतिकूल है।
प्रस्तुत फल जन्म नक्षत्र के आधार पर है। कुंडली में ग्रह स्थिति अनुसार फल में अंतर संभव है। अतः किसी भी ठोस निर्णय में पहुंचने के लिए सम्पूर्ण कुंडली अध्यन आवश्यक है।