जानें, किस देवी-देवता को चढ़ाएं कौन सा प्रसाद
सनातन धर्म में अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा से जुड़े कुछ खास नियम बनाए गए हैं, हर देवी-देवता को भोग भी अलग चढ़ाया जाता है। तो आइए जानते है किस देवी-देवता को कौन सा प्रसाद पसंद है…
देवी-देवता और उनके पसंद का प्रसाद / भोग
हिन्दू धर्म में 33 कोटि (33 प्रकार) देवी-देवता माने गए है। हर देवी-देवता का अपना अलग प्रिय भोजन है। इसके अलावा प्रसाद बनाते और भगवान को भोग लगाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि प्रसाद शुद्धता से बनाया गया हो और श्रद्धा, विश्वास से भोग लगाया गया हो। ताकि आपको पूरा-पूरा लाभ मिल सकें।
गणेश जी को प्रिय है मोदक / लड्डू
गणेश जी प्रथम पूज्य देवता हैं, इन्हें शिव से यह वरदान प्राप्त है। गणेश जी को मोदक यानि लड्डू पसंद हैं। लड्डू कई तरह से (बेसन, मोतीचूर, मेवे, नारियल आदि) बनाए जाते है। महाराष्ट्र में गणेश पूजा के अवसर पर खास तरह के मोदक बनाये जाते है। और पढ़ें: भगवान गणेश के रहस्य
शिव जी को पसंद है पंचामृत
सनातन धर्म में शिव का स्थान सर्वोच्च है। यह त्रिदेव (हिन्दू धर्म के प्रधान 3 देव) में से एक और प्रलय के कारण है। शिव देवो के देव है इसलिए ‘महादेव’ है। इन्हें भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
भगवान शिव को हर सफेद मिठाई भोजन रूप में प्रिय है। खासकर चावल व मखाने मेवा की खीर, दूध की बर्फी व लड्डू आदि। इसके साथ ही आटे, शक्कर, घी, मेवा डालकर पंजीरी बनाई जाती है और भोलेनाथ को चढ़ाई जाती है। भोलेनाथ को पसंद है भांग और धतूरा भी चढ़ाया जाता है। और पढें: रुद्राभिषेक से करें शिव को प्रसन्न
भगवान श्री राम का पसंदीदा भोग
भगवान श्रीराम (Lord Ram Bhog) को केसर-भात, बर्फी, खीर, कलाकंद आदि का भोग प्रिय है। आप अपने सामर्थ्य के अनुसार इनमें से कुछ भी चढ़ा सकते हैं।
इसके अलावा श्री राम को कंदमूल भी पसंद है। मान्यता अनुसार श्री राम ने अपने वनवास काल मे कंदमूल का सेवन किया था। (कंदमूल एक प्रकार का फल है जो प्रायः जंगलों में पाया जाता है। चित्रकूट और पहाड़ी क्षेत्र के लोग इसकी खेती भी करते है) और पढ़ें: रामायण के प्रमुख पात्र
हनुमान जी को पसंद है गुड़-चना
हनुमान, भगवान शिव के अवतार हैं। इनका अवतार राम भक्ति के लिए हुआ था। हनुमान जी को गुड़ चना, केला, मोतीचूर के लड्डू, बूंदी, इमारती, पान बहुत पसंद है। कुछ लोग हनुमान जी को इमरती भी अर्पित करते हैं। और पढ़ें: एकादश रुद्र (भगवान शिव के 11 स्वरूप)
श्रीकृष्ण को अर्पित करें मक्खन मिश्री
श्री कृष्ण, भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे। वैसे तो भगवान कृष्ण को किसी भी वस्तु का भोग लगाया जा सकता है। भक्त उन्हें 56 भोग भी लागते है। लेकिन श्री कृष्ण का सबसे प्रिय भोग मक्खन और मिश्री का नैवेद्य है। श्री कृष्ण बाल्यकाल में मक्खन चुराकर खाते थे, इसलिए इनका एक नाम ‘माखन चोर’ भी है।
विष्णु जी को प्रिय है तुलसी दल
भगवान विष्णु, त्रिदेव में से एक और सृष्टि के पालन कर्ता है। विष्णु की पत्नी लक्ष्मी और कामदेव पुत्र है। विष्णु का निवास क्षीर सागर तथा शयन शेषनाग के ऊपर है। उनकी नाभि से कमल उत्पन्न होता है जिसमें ब्रह्मा जी स्थित हैं।
भगवान विष्णु को पीला भोजन प्रिय है, जैसे केला, बेसन से बनी मिठाइयां आदि। सूजी का हलुआ भी विष्णु जी को प्रिय है। विष्णु के भोग में तुलसी दल को अवश्य रखें। और पढ़ें: भगवन विष्णु के 10 अवतार
लक्ष्मी माता को लगाए सफेद भोग
माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु की पति और धन की देवी है। यह तो सभी जानते हैं कि अर्थ के बिना सब व्यर्थ है। असुरों और दैत्यों के मध्य जो समुन्द्र मंथन हुआ था, उसमे लक्ष्मी का प्रादुर्भाव हुआ था। इन्होंने विष्णु को पति के रूप में वरण किया था।
लक्ष्मी माता को सफेद रंग का भोग अत्यंत प्रिय है। खीर, बर्फी, खोया लड्डू आदि का भोग लगाने पर माता लक्ष्मी शीघ्र पसंद होती हैं।
दुर्गा माता को पसंद है लाल मिठाई
माता का स्वरूप अपने भक्तों के लिए अत्यंत सौम्य है। माता दुर्ग (दुख) को दूर करने वाली है, इसलिए ‘दुर्गा’ है। माता को लाल मिष्ठान जैसे- गुलाब जामुन, लड्डू, आटे के पुड़े आदि पसंद हैं। दुर्गा माता को मूंग की दाल की खिचड़ी, दाल चावल, खीर का भोग लगाया जाता है। और पढ़ें: दश महाविद्या का रहस्य
दुर्गा मां के नौ रूपों को भी कुछ विशेष व्यंजन पसंद हैं, निम्न है-
- शैलपत्री: पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री को गाय के घी से बना भोजन प्रिय है।
- ब्रह्मचारिणी : मां ब्रह्मचारिणी को प्रसाद के रूप में शक्कर व पंचामृत का प्रयोग किया जाता है।
- चंद्रघंटा: मां चंद्रघंटा देवी को दूध या मावे से बनी मिठाई का भोग लगाते है।
- कुषमांडा: माता कुषमांडा को मालपुआ का भोग लगाया जाता है।
- स्कंदमाता: देवी स्कंदमाता को केले का भोग लगाते हैं।
- कात्यायनी: मां कात्यायनी को मीठे पान का भोग लगाया जाता है।
- कालरात्रि : मां कालकात्रि को गुड़ व गुड़ से बनी चीजें बहुत पसंद हैं।
- महागौरी: मां महागौरी को नारीयल का भोग लगाया जाता है।
- सिद्धिदात्री: मां सिद्धिदात्री को हलुवा-पूरी, चने का भोग लगाया जाता है।
ब्रह्मा जी को चढ़ाए कमलगट्टे व सिंघाड़े का भोग
ब्रह्मा, त्रिदेवों में से एक और सृष्टि के सर्जक है। इनके चार मुख हैं, जो चार दिशाओं में देखते हैं। ब्रह्मा को चार वेदों का निर्माता भी कहा गया है। सरस्वती ब्रह्मा जी की पत्नी हैं।
भारत मे ब्रह्मा जी का एक मात्र मंदिर पुष्कर में है। जहां इनकी पूजा की जाती है। इस मंदिर में ब्रह्मा जी को कमलगट्टे व सिंघाड़े के आटे से बनी चीज़ों का भोग लगाया जाता है।
माँ सरस्वती को पसंद मीठे चावल
सरस्वती, ब्रह्मा की पत्नी और ज्ञान की देवी है। ज्ञान और योग्यता के बगैर जीवन में उन्नति संभव नहीं हो सकती है। सरस्वती को वागीश्वरी, भगवती, शारदा और वीणावादिनी सहित अनेक नामों से संबोधित जाता है। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की अधिष्ठात्री देवी भी हैं। मां सरस्वती को दूध, मीठे चावल, पंचामृत, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू पसंद है।
भैरव जी को लगता है उडद का भोग
भगवान शंकर के रूप काल भैरव की उपासना करने से सभी संकट दूर हो जाते है। बाबा भैरव के अनेक रूप हैं। बटुक भैरव जी का बाल रूप है अतः उनको उड़द की दाल की मिठाई का भोग लगाया जाता है जबकि काल भैरव को शराब का भोग लगाया जाता है। (image Source: wallpaper cave)
नवग्रह (सूर्य, चन्द्र, मंगल ,बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु) के पसंद का भोजन
सूर्य देव: सूर्यदेव ग्रहों के राजा है। सूर्यदेव का भोजन लाल मिठाई, लाल फल भोजन के रूप में प्रिय है। (image Source: Wallpaper cave)
चंद्रदेव: चंद्रदेव को सफेद खीर, सफेद मिठाई व मोठा दूध प्रसाद रूप में चढ़ाया जाता है।
मंगल देव: मंगल देव को लाल गुड़ की मिठाई, मीठी रोटी भी प्रसाद के रूप में चढ़ाई जा सकती है।
बुद्धेव: बुध देव हरी मूंग की दाल की बर्फी, हलुआ, हर फल प्रसाद रूप में चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं।
बृहस्पति देव: देव गुरु बृहस्पति को पीली मिठाई, लड्डू, बर्फी, पीले फल, मोठ चावल, शहद केसर की खीर पसंद है।
शुक्र देव: शुक्र देव को सफेद मिठाई व दूध, चावल से बनी चीजें प्रसाद रूप शुक्रदेव को चढ़ाकर उनका आशीर्वाद पा सकते हैं।
शनिदेव: काली तिल के लड्डू, काली उड़द की दाल व खिचड़ी, काले फल, मिठाई शनिदेव को चढ़ाया जाता है।
इन्द्र देव: इंद्र देवताओं के राजा है। राजा इंद्र का प्रिय भोजन कढ़ी चावल है।