योगिनी एकादशी : व्रत कथा, मुहूर्त एवं पूजा विधि
आषाढ़ के कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसे “शयनी” एकादशी भी कहते है। मान्यता है कि इस दिन व्रत-पूजन करने से अधूरी मनोकामनाएं विष्णु भगवान अवश्य पूरी करते है। इस वर्ष योगिनी एकादशी 5 जुलाई को है।
योगिनी एकादशी व्रत
आधिकारिक नाम | योगिनी एकादशी व्रत |
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तिथि | आषाढ़ के कृष्णपक्ष की एकादशी |
अनुयायी | हिन्दू, वैष्णव |
प्रकार | व्रत |
देवता | विष्णु (नारायण) |
उद्देश्य | सर्वकामना पूर्ति |
योगिनी एकादशी व्रत कथा
युधिष्ठिर ने पूछा: वासुदेव आषाढ़ के कृष्णपक्ष में जो एकादशी होती है, उसका क्या नाम है? कृपया उसका वर्णन कीजिये।
भगवान श्रीकृष्ण बोले नृपश्रेष्ठ आषाढ (गुजरात महाराष्ट्र के अनुसार ज्येष्ठ ) के कृष्णपक्ष की एकादशी का नाम योगिनी है। यह बड़े बड़े पातकों का नाश करने वाली है। संसार सागर में डूबे हुए प्राणियों के लिए यह सनातन नौका के समान है।
अलकापुरी के राजाधिराज कुबेर सदा भगवान शिव की भक्ति में तत्पर रहने वाले हैं। उनका ‘हेममाली’ नामक एक यक्ष सेवक था, जो पूजा के लिए फूल लाया करता था। हेममाली की पत्नी का नाम विशालाक्षी था। वह यक्ष कामपाश में आबद्ध होकर सदा अपनी पत्नी में आसक्त रहता था।
एक दिन हेममाली मानसरोवर से फूल लाकर अपने घर में ही ठहर गया और पत्नी के प्रेमपाश में खोया रह गया, अतः कुबेर के भवन में न जा सका। इधर कुबेर मन्दिर में बैठकर शिव का पूजन कर रहे थे। उन्होंने दोपहर तक फूल आने की प्रतीक्षा की जब पूजा का समय व्यतीत हो गया तो यक्षराज ने कुपित होकर सेवकों से कहा यक्षौ दुरात्मा हेममाली क्यों नहीं आ रहा है ?
यक्षों ने कहाः राजन! वे तो पत्नी की कामना में आसक्त हो घर में ही रमण कर रहा है। यह सुनकर कुबेर क्रोध से भर गये और तुरन्त ही हममाली को बुलवाया। वह आकर कुबेर के सामने खड़ा हो गया। उसे देखकर कुबेर बोले ओ पापी अरे दुष्ट ओ दुराचारी तूने भगवान की अवहेलना की है, अतः कोट से युक्त और अपनी उस प्रियतमा से वियुक्त होकर इस स्थान से भ्रष्ट होकर अन्यत्र चला जा।
कुबेर के ऐसा कहने पर वह उस स्थान से नीचे गिर गया। कोढ़ से सारा शरीर पीड़ित था परन्तु शिव पूजा के प्रभाव से उसकी स्मरणशक्ति लुप्त नहीं हुई। तदनन्तर वह पर्वतों में श्रेष्ठ मेरुगिरि के शिखर पर गया। वहाँ पर मुनिवर मार्कण्डेयजी का उसे दर्शन हुआ। पापकर्मा यक्ष ने मुनि के चरणों में प्रणाम किया। मुनिवर मार्कण्डेय ने उसे भय से काँपते देख कहा तुझे कोढ़ के रोग ने कैसे दबा लिया ?”
यक्ष बोला मुने मैं कुबेर का अनुचर हेममाली हूँ। मैं प्रतिदिन मानसरोवर से फूल लाकर शिव पूजा के समय कुबेर को दिया करता था। एक दिन पत्नी सहवास के सुख में फँस जाने के कारण मुझे समय का ज्ञान ही नहीं रहा, अतः राजाधिराज कुबेर ने कुपित होकर मुझे शाप दे दिया. जिससे मैं कोढ़ से आक्रान्त होकर अपनी प्रियतमा से बिछुड़ गया। मुनिश्रेष्ठ संतों का चित स्वभावतः परोपकार में लगा रहता है, यह जानकर मुझ अपराधी को कर्तव्य का उपदेश दीजिये ।
मार्कण्डेयजी ने कहा तुमने यहाँ सच्ची बात कही है, इसलिए मैं तुम्हें कल्याणप्रद व्रत का उपदेश करता हूँ। तुम आषाढ़ मास के कृष्णपक्ष की योगिनी एकादशी का व्रत करो इस व्रत के पुण्य से तुम्हारा कोढ निश्चय ही दूर हो जायेगा ।
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं राजन् मार्कण्डेयजी के उपदेश से उसने योगिनी एकादशी का व्रत किया, जिससे उसके शरीर को कोढ़ दूर हो गया उस उत्तम व्रत का अनुष्ठान करने पर वह पूर्ण सुखी हो गया।
नृपश्रेष्ठ! यह ‘योगिनी’ का व्रत ऐसा पुण्यशाली है कि अठासी हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने से जो फल मिलता है, यही फल ‘योगिनी एकादशी’ का व्रत करनेवाले मनुष्य को मिलता है । ‘योगिनी’ महान पापों को शान्त करनेवाली और महान पुण्य फल देनेवाली है। इस माहात्म्य को पढ़ने और सुनने से मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाता है।
2021 में योगिनी एकादशी व्रत कब है? (Yogini ekadashi Vrat Date and Muhurat)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, योगिनी एकादशी आषाढ़ के कृष्णपक्ष के कृष्णपक्ष के दौरान ग्यारहवें दिन (एकादशी) को आती है। इंग्लिश कलेंडर के अनुसार, यह ऐप्रेल या मई के महीने में पड़ता है। इस वर्ष योगिनी एकादशी 5 जुलाई को है।
Yogini ekadashi 2021 Puja Timings, Muhurat
Sunrise | 05 July, 2021 05:50 AM. |
Sunset | 05 July, 2021 07:12 PM. |
Dashami Tithi Begins | 02 August, 2021 10:28 AM. |
Dashami Tithi Ends | 03 August, 2021 01:00 PM. |
Ekadashi Tithi Begins | 04 July, 2021 07:56 PM. |
Ekadashi Tithi Ends | 05 July, 2021 10:30 PM. |
Hari Vasara End Moment | 06 July, 2021 05:08 AM. |
Dwadashi End Moment | 07 July, 2021 01:02 AM. |
Parana Time | July 06, 05:50 AM – July 06, 08:31 AM |
Yogini Ekadashi festival dates between 2021 to 2025
Year | Date |
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2021 | Monday, 5th of July |
2022 | Friday, 24th of June |
2023 | Wednesday, 14th of June |
2024 | Tuesday, 2nd of July |
2025 | Saturday, 21st of June |
2021 एकादशी व्रत दिनांक सूची (ekadashi Vrat date list in 2021)
त्यौहार दिनांक | व्रत |
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जनवरी 10, 2025, शुक्रवार | पौष पुत्रदा एकादशी |
जनवरी 25, 2025, शनिवार | षटतिला एकादशी |
फरवरी 8, 2025, शनिवार | जया एकादशी |
फरवरी 24, 2025, सोमवार | विजया एकादशी |
मार्च 10, 2025, सोमवार | आमलकी एकादशी |
मार्च 25, 2025, मंगलवार | पापमोचिनी एकादशी |
मार्च 26, 2025, बुधवार | वैष्णव पापमोचिनी एकादशी |
अप्रैल 8, 2025, मंगलवार | कामदा एकादशी |
अप्रैल 24, 2025, बृहस्पतिवार | वरुथिनी एकादशी |
मई 8, 2025, बृहस्पतिवार | मोहिनी एकादशी |
मई 23, 2025, शुक्रवार | अपरा एकादशी |
जून 6, 2025, शुक्रवार | निर्जला एकादशी |
जून 21, 2025, शनिवार | योगिनी एकादशी |
जुलाई 6, 2025, रविवार | देवशयनी एकादशी |
जुलाई 21, 2025, सोमवार | कामिका एकादशी |
अगस्त 5, 2025, मंगलवार | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
अगस्त 19, 2025, मंगलवार | अजा एकादशी |
सितम्बर 3, 2025, बुधवार | परिवर्तिनी एकादशी |
सितम्बर 17, 2025, बुधवार | इन्दिरा एकादशी |
अक्टूबर 3, 2025, शुक्रवार | पापांकुशा एकादशी |
अक्टूबर 17, 2025, शुक्रवार | रमा एकादशी |
नवम्बर 1, 2025, शनिवार | देवोत्थान / प्रबोधिनी एकादशी |
नवम्बर 15, 2025, शनिवार | उत्पन्ना एकादशी |
दिसम्बर 1, 2025, सोमवार | मोक्षदा एकादशी |
दिसम्बर 15, 2025, सोमवार | सफला एकादशी |
दिसम्बर 30, 2025, मंगलवार | पौष पुत्रदा एकादशी |