जातकालंकार : Jatakalankara Book Review & PDF [Hindi]
Jatakalankara: जातकालंकार वैदिक ज्योतिष की महत्वपूर्ण और प्राचीन पुस्तकों में से एक है। जातकालंकार ज्योतिष का लगभग 400 वर्ष पुराना ग्रंथ है। उत्तर भारत के अनेक प्रतिष्ठित ज्योतिषी जातकालंकार को महत्त्वपूर्ण संदर्भ ग्रंथ मानते हैं।
जातकालंकार एक संक्षिप्त संस्कृत ग्रंथ है इसमें कुल 125 श्लोक या छंद हैं। वैदिक ज्योतिष के सर्वमान्य सिद्धांतों पर आधारित इस ग्रंथ का हर श्लोक अर्थवान है। इस ग्रंथ की रचना संस्कृत भाषा के स्रगधरा छंद में की गई है।
इतिहास (History)
जातकालंकार के लेखक श्री गणेश थे। यह गोपालदास के पुत्र थे। इन्होंने भाद्रपद शक वर्ष 1536 (1613 ई.) में रचना पूरी पूर्ण की थी। ग्रंथ संस्कृत भाषा में लिखा गया था। वर्तमान में इस ग्रंथ की व्याख्या हिंदी इंग्लिश दोनो भाषाओं में उपलब्ध है। इसका पहला अंग्रेजी अनुवाद संभवतः मूल पाठ के साथ 1941 में श्री विजय लक्ष्मी विलास प्रेस द्वारा प्रकाशित किया गया था।
जातकालंकार पर डॉ सुरेश चंद्र मिश्र (रंजन पब्लिकेशन), और डॉ सतेंद्र मिश्र (चौखंबा सुभारती प्रकाशन), डॉ कमलाकांत पांडे (शारदा संस्कृत संस्थानम, वाराणसी) सीताराम झा (मास्टर खिलाड़ी लाल एंड संस), गंगा विष्णु कृष्णकांत (खेमराज प्रकाशन), डॉ सुरकांत झा ‘सुमन’ (रूपेश ठाकुर प्रकाशन, वाराणसी), कैलाश चंद्र शर्मा (जगदीश संस्कृत पुस्तकालय, जयपुर) , डॉ के एस चरक (उमा पब्लिकेशन), रामेश्वर शर्मा मिश्र (चौखंबा प्रकाशन), अशोक कुमार शुक्ल (चौखंबा ओरियंटालिया), कपिलेश्वर शास्त्री (चौखंबा संस्कृत संस्थान), श्रीराम शास्त्री (खेमराज प्रकाशन), पंडित सियाराम शास्त्री (भारतीय विद्या संस्थान, वाराणसी) आदि की व्याख्या लिखी गई है।
जिसमे डॉ सुरेश चंद्र मिश्र और डॉ सतेंद्र मिश्र की हिंदी व्याख्या जबकि डॉ के एस चरक की अंग्रेजी व्याख्या सर्वाधिक पसंद की जाती है।
Jatakalankara By Dr. Suresh Chandra Mishra Book PDF in Hindi
Name | जातकालंकार |
Author | श्री गणेश |
Language | Sanskit To Hindi |
Translater | सुरेश चंद्र मिश्र |
Quality | GOOD |
Page | 178 |
Size | 62MB |
Category | Astrology |
Download Status | Available |
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समीक्षा: जातकालंकार ज्योतिष शास्त्र का एक ऐसा अनमोल रत्न है जो सदियों से ज्योतिषियों के लिए मार्गदर्शक का काम करता रहा है। इसकी स्पष्टता और सटीकता ने इसे ज्योतिष पुस्तकों में अलग पहचान दिलवाई है।