डॉ उमेश पुरी ‘ज्ञानेश्वर’ (Astrologer)
डॉ. उमेश पुरी ‘ज्ञानेश्वर’ जन्म 2 जुलाई 1957, शिक्षा-बी.-एस.सी.(बायो), एम.ए.(हिन्दी), पी.-एच.डी.(हिन्दी),सम्प्रति-सैब मिलर ग्रुप की कम्पनी स्कॉल ब्रिवरीज लिमिटेड, मेंरठ से 28 वर्ष के कार्यकाल के बाद 4 जनवरी 2010 में सात वर्ष पूर्व ही सेवा से मुक्त होकर ज्योतिष, पत्रिका सम्पादन एवं पुस्तक लेखन में संलग्न हो गए।
वर्तमान में ज्योतिष निकेतन सन्देश (गूढ़ विद्याओं का गूढ़ार्थ बताने वाला हिन्दी मासिक) पत्रिका का सम्पादन एवं स्वतन्त्र लेखन, सन् 1977 से अर्थात् 38वर्षों से ज्योतिष के कार्य में संलग्न हैं।
ज्ञानेश्वर जी के राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में अनेक लेख, कहानियां एवं कविताएं प्रकाशित हुई है। युववाणी दिल्ली से स्वरचित प्रथम कहानी ‘चिता की राख’, युग की अंगड़ाई हिन्दी साप्ताहिक में उप-सम्पादक का कार्य किया। क्रान्तिमन्यु हिन्दी मासिक में सम्पादन सहयोग का कार्य किया।
डॉ उमेश पुरी यानेश्वर पुस्तकें (Books By Dr. Umesh Puri gyaneshwar)
डॉ. उमेश पुरी ‘ज्ञानेश्वर’ ने विभिन्न विषयों पर 78 से अधिक पुस्तकों प्रकाशित कर चुके हैं। जिसमें से कुछ प्रमुख निम्न है-
- भारतीय ज्योतिष संग्रह
- 30 दिन में ज्योतिष सीखें
- ग्रह परिचय
- नक्षत्र ज्ञान
- वृहजातक (प्राचीन भारतीय फलित शास्त्र)
- शीघ्र बोध (प० काशीनाथ भट्टाचर्य विरचित)
- भृगु सूत्रम
- मुहूर्त
- ग्रह बोलते हैं
- मूक प्रश्न और ज्योतिष समाधान
- सम्पूर्ण लाल किताब और हस्त रेखा ज्ञान
- हस्त रेखा बोलते है
- अंक बोलते है
- महाभारत कथा
- वेदों के उपदेश
- पुराणों के उपदेश
- उपनिषदों के उपदेश
- रामायण महाभारत के उपदेश
- अर्थवेद सार
- यजुर्वेद सार
- सामवेद सार
- वेदाध्ययन
- भगत माला (भारत के संत और भक्त)
- शुक्र नीति
- ज्वाला
- मन को वश में कैसे करें
- साधना ध्यान और जप
- मनन और चिंतन (जीवन की सार्थकता को बताने वाली पुस्तक)
सम्मान और पुरस्कार (Awards and Honours)
चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन-1989 में ज्योतिष ‘बृहस्पति उपाधि’ से अलंकृत। पंचम अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन-1991 में ‘ज्योतिष भास्कर’ उपाधि से अलंकृत। फ्यूचर प्वाईन्ट (Future Point) द्वारा ‘ज्योतिष मर्मज्ञ’ की उपाधि से अलंकृत।
भारत के सन्त और भक्त पुस्तक पर उ.प्र.हिन्दी संस्थान द्वारा वर्ष 1995 में अनुशंसा पुरस्कार, रम्भा-ज्योति (हिन्दी मासिक) द्वारा कविता पर ‘रम्भा श्री’ उपाधि से अलंकृत।