Virgo Zodiac Sign: जानिए, कन्या राशि का फलादेश
Virgo Zodiac Sign: कन्या राशि का स्वामी बुध है, यह सूर्य का निकटवर्ती यह है यह पृथ्वी तत्व राशि है। इसका स्वरूप द्विस्वभाव होता है. इनका व्यक्तित्व आकर्षित होता है शरीर दुबला, भौहें पनी, सुन्दर शर्मीले स्वभाव के होते है. बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च का माना जाता है। यदि कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति ठीक ना हो, तो गुणों में कमी आ जाती है।
बुध एक साम्यवादी यह है, अतः कन्या राशि वाले व्यक्ति पर सोहबत व वातावरण का असर जल्दी पड़ता है। इनका स्वभाव मूलगुण लगभग मिथुन राशि से मेल भी खाते हैं। इस राशि के लोग अध्ययनशील तथा कई विषयों में ज्ञानार्जन करते है। यह लोगस्फूर्तिवान भी होते है। और वास्तविक अवस्था से उम्र भी कम दिखती है।
कन्या राशि के लोग प्रत्येक कार्य जल्दी जल्दी करने में तत्पर होते है। कोई भी कार्य करने से पहले उसके बारे में ज्यादा विचार नहीं करते है भावुक होने के कारण भावनाओं पर नियंत्रण नहीं कर पाते है। यह हमेशा द्विस्वपन भी देखते रहते है। सोए सोए अपनी योजनाएं बनाते रहते हैं, और पूरा होने के बारे में सोचते है। यदि आपको हवाई किले बनाने वाला कहा जाए तो असत्य नहीं होगा, इस राशि वालों की स्मरणशक्ति गजब की होती है।
यह अपने थोड़े से लाभ के लिए दूसरों की बड़ी से बड़ी हानि भी कर सकने में सक्षम होते है. यह यदा कदा स्वार्थी भी हो जाते है और भावुक होने के कारण निरन्तर संघर्ष करते है। जब हार जाते है तब इनमेंहीनता की भावना आ जाती है।
विपरीत योनि के प्रति काफी रुझान पाया जाता है यदि ये पुरुष है तो, इनमें स्त्रियोचित, सुंदरता, कोमलता, लज्जा एवं वाणी मधुरता पाई जाती है. वैसे भी कहा जाता है कि जिस पुरुष में स्त्रियोचित गुण पाए जाते है वह लोग बहुत ही भाग्यशाली होते है।
इस राशि वालों की धर्म के प्रति सामान्य श्रद्धा रहती है. धार्मिक क्रिया कलापों को श्रद्धापूर्वक संपन्न करने में विश्वास रखते है। मित्र वर्ग से आप सहयोग या सम्मान प्राप्त करते है. सांसारिक महत्व के कार्य सफलता प्राप्त करते है तथा तीक्ष्ण बुद्धि से समस्या का समाधान भी निकाल लेते है। इनमें तेजस्विता का भाव भी विद्यमान रहता है, अवसर के अनुकूल उपता के भाव यत्नपूर्वक त्याग देते है. उदारता के भाव उत्पन्न कर लेने में सक्षम होते है।
परिवार में पिता के प्रति मन में पूर्ण श्रद्धा का भाव रहता है. सेवा करने में तत्पर रहते है। बाल्यावस्था में कुछ संघर्षपूर्ण जीवनतीत होता है। परन्तु मध्यमावस्था में इस राशि के लोग पूर्ण सुखी पुत्र संतति से परिपूर्ण होते है। गृहस्थ जीवन में पूर्ण ईमानदार व कर्तव्य सदैव याद रहता है। सौन्दर्यप्रेमी होने के नाते एक से एक अधिक स्त्रियों से भी संपर्क बनने की स्थिति रहती है।
कई बार गृह कलह की स्थिति का सामना करना पड़ जाता है कई बार दुष्चरित्र स्त्रियों के फंदे में भी फंस सकने की स्थितिबन जाती है, जिससे इन्हें मानसिक कष्ट का घोर सामना करना पड़ता है। एकाकी जीवन यह लोग जी नहीं सकते, इस राशिबालों के कई मित्र ढोंगी व चालबाज होते हैं, जिनके जाल में यह लोग फंस कर अपना नुकसान करा लेते है
पैसा हाथ की मेल है, ऐसा यह सोचते है, पर सत्यता पर ये आदत से विवश होते है। पर्याप्त धन होने पर भी इनको अभाव रहता है। मनोरंजन, सैर सपाटा, मौज मस्ती, भोग व श्रृंगार प्रियता, दुष्ट मित्रों पर अधिक खर्च करते है। दया-ममता-आवेग भी इनकोमजबूर करती है, खर्च करने के लिए..
इस राशि वाले लोग एक अच्छे वैद्य भी साबित हो सकते है. प्रशासनिक क्षेत्र के महत्वपूर्ण पदों पर भी अपना योगदान प्रदान करते है। यह एक अच्छे गणितज्ञ, साहित्य प्रेमी, वकील, जज, कलाकार तार्किक परामर्शदाता भी हो सकते है। राजनीति के क्षेत्रमैं प्रसिद्धि अर्जित कर लेते है।
वृद्धावस्था में मानसिक परेशानियां व अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
- भाग्य उदय:- 24वें वर्ष के बाद भाग्य उदय के सुंदर अवसर प्राप्त होते है. 33, 42, 51, 60, 69 एवं 78वां वर्ष अत्याधिक उन्नतिदायक होता है.
- मित्र राशियां:- मेष, मिथुन, सिंह, तुला,
- शत्रु राशि:- कर्क,राशिरत्न:- पन्ना,
- अनुकूल रंग:- हराशुभ दिन- बुधवार, रविवार, शुक्रवार,
- अनुकूल देवता:- गणपति जी, सरस्वती देवी, मां दुर्गा देवी,
- व्रत उपवास:- बुधवार,अनुकूल अंक:- 5,अनुकूल तारीखें: 5, 14, 23,
- व्यक्तित्व:- दोहरा व्यक्तित्व, विद्वान, आलोचक लेख,
- सकारात्मक तथ्य:- निरन्तर क्रियाशीलता, व्यावहारिक ज्ञान,
- नकारात्मक तथ्य:- बुराई ढूंढना, कलह प्रियता, अशुभ चिंतन,
- राशि नाम अक्षर :- टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो,
पन्ना रत्न धारण करने से सुख शान्ति धन लाभ प्रदायक मौके पर हो जाते है. जीवन में सभी बाधाए दूर होने लगती है। शुभमस्तु !!