Aquarius Zodiac Sign: जानिए, कुम्भ राशि का फलादेश
Aquarius Zodiac Sign: कुम्भ राशि का अधिपति शनि देव है, यह वायु तत्व राशि है। इसका स्वरूप स्थिर होता है। इस राशि की पश्चिम दिशा मानी जाती है। इस राशि/लग्न के लोग मध्यम कद के और गेहुए रंग के होते है। जन्मकुण्डली में यदि लग्न पर शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो इनका रंग गोरा और व्यक्तित्व आकर्षक होने लगता है तथा अन्य लोग इनसे प्रभावित रहते है।
यह सदा सरल स्वभाव वाले उदार हृदय व स्नेहयुक्त व्यवहार से कीर्ति पाने में सक्षम होते है। यह भयरहित निर्मत आत्मा वाले व्यक्ति होते है। कुम्भ राशि के व्यक्ति कुशाग्रबुद्धि, समझदार व आत्मविश्वासी होते है। यह स्वार्थी नहीं होते है, जिसके संपर्क में आते है, उसके प्रति सहानुभूति का व्यवहार रखते है इनकी वाणी गंभीर होती है।
ऐसे लोग भीतर ही भीतर कष्ट सहते है, परन्तु बाहर उनकी आह तक नहीं निकलती है। पूर्णतयाः रहस्यवादी इंसान होते है. इनकी वास्तविकता को पहचान पाना बड़ा कठिन हो जाता है। ऐसे लोग बड़े से बड़ा रिस्क लेने में नहीं हिचकते है। इनका सांसारिक दृष्टिकोण विशाल होता है, किसी प्रकार का भेदभाव नहीं रखते। इनमें पराक्रम और तेजस्विता का भाव रहता है। सांसारिक क्रिया कलापों को सफलतापूर्वक करके भौतिक सुख साधनों का उपभोग करते है।
इन राशि वालो की आर्थिक स्थिति सामान्यता अच्छी रहती है। आवश्यक मात्रा में धन एवं लाभ अर्जित करने में समर्थ रहते है। खर्चा भी इनके हाथ से अधिक होने लगता है. लेकिन उत्तम आय होने से इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। माता पिता का सुख भी लगभग न्यून प्राप्त होता है।
इस राशि में शनि देव होने पर खरी खरी बात करने में भी नहीं हिचकिचाते मन में किसी के प्रति द्वेष की भावना ना रखकर साफ़ शब्द कहते है। धर्म के प्रति निष्ठावान रहते है धार्मिक क्रिया कलापों में वह चड कर हिस्सा लेते है। तीर्थ यात्राएं करना, एकांत में रह कर अपने को मन की गहराई तक पहुँचाना तथा अपना विश्लेषण करना यह इनकी आदत बन जाति है। घूमना फिरना इनका शौक होता है। उनके अंतज्ञान की क्षमता बहुत बड़ी चडी होती है। इनके मेल जोल का दायरा सीमित होता है।
स्वभाव से यह प्रगतिशील एवं क्रांतिकारी विचारधारा से युक्त होते है। पुराने रीती रिवाजों को यह कम मानते है. आधुनिकता सेपरिपूर्ण विचारों के होते है। साहित्य व कला में रूचि के साथ उत्तम वक्ता भी होते है। इनकी दृष्टि बहुत सूक्ष्म होती है। अन्य जनों को प्रभावित करके उनके विषय में ज्ञान प्राप्त करने में समर्थ होते है।
व्यापारी क्षेत्र में अपनी पूंजी का फैलाव सही पूंजी से कई गुना अधिक करते है। सरकारी या व्यापारिक संस्थाओं में नौकरी करके उच्च पद प्राप्त करते है अंतर्ज्ञान की क्षमता के कारण सफल ज्योतिषी भी बनते है। यह प्रायः लेखक, वैज्ञानिक, इंजीनियर अध्यापक, प्रिंटिंग उद्योग का कार्य मशीनरी के कारीगर भी होते है। इन में वक्तृत्व व श्रेष्ठ लेखन शक्ति भी विद्यमान रहती है. ललितकलाओं में भी रुचि रखते है।
इस राशि वालों को सिर दर्द उदर व्याधि एवं वायु रोगों से उत्पन्न बीमारियों का भय रहता है।
इनका वैवाहिक जीवन तभी सुखद होता है जब इनका साथी इन्हीं के समान कुशाग्रबुद्धि वाला होता है. प्रेम में स्थिरता व गंभीरता हो। प्रेम में दृढ़ रहते है, प्रेम में दिखावा इन्हें पसंद नहीं होता। यह मानसिक प्रेम को ज्यादा अहमियत देते है, न कि शारीरिक प्रेम को। इनकी संतान सुन्दर माता पिता की आज्ञाकारी व बुद्धिमान होती है
- भाग्य उदय:- 36वें वर्ष में शुरू हो जाता है। वैसे जीवन के 29, 38, 47, 56, 57, 65, 74 व 83वें वर्ष अत्यधिक महत्वपूर्ण व उन्नतिदायक होते है
- मित्र राशियां:- मीन, मिथुन, मकर, वृष व तुला
- शत्रु राशियां:- कर्क, सिंह, वृश्चिक.
- अनुकूल रत्न:- हीरा, नीलम.अनुकूल
- रंग:- नीला, फिरोजी. काला.
- शुभ दिन: शनिवार, शुक्रवार.
- अनुकूल देवता:- शिव, शनिदेव
- व्रत उपवास:- शनिवार, सोमवार
- अनुकूल अंक:- 8.
- अनुकूल तारीखें: 8, 17, 26.
- व्यक्तित्व:- योगी, तपस्वी, सत्यखोजी.
- सकारात्मक तथ्य:- संवेदनशील, कुटुम्बप्रेमी, समाजप्रिय.
- नकारात्मक तथ्य:- निरन्तर विचार बदलना.
- नाम अक्षर:- गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, द
आप अपनी राशि का अनुकूल रत्न नीलम धारण करें. यह जीवन में शुभता प्रदान करेगा। शुभमस्तु !!
साभार: अनिल जी शर्मा (सहारनपुर)