धर्मशाला (Dharamshala): History & Tourist Places in Hindi
धर्मशाला (Dharamshala) भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के काँगड़ा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। धर्मशाला भारत का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है।
धर्मशाला वैश्विक दर्शकों के लिए भारतीय धर्म और तिब्बती बौद्ध धर्म का एक बड़ा केंद्र है। यह तिब्बती बौद्ध धर्म और संस्कृति के लिए बड़ा केंद्र होने के साथ-साथ भारतीय धर्म के श्रद्धालुओं के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, धर्मशाला एक बहुत ही खूबसूरत नजारों वाला स्थान है जहां पर्वतों के दृश्य, प्राकृतिक सौंदर्य और शांति का माहौल है। इसलिए, धर्मशाला एक आकर्षक पर्यटक स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है।
धर्मशाला: खूबसूरत वादियों का शहर
नाम | धर्मशाला |
राज्य | हिमाचल |
क्षेत्रफल | 27.6 km² |
ऊंचाई | 1457 मी (4,780 फीट) |
तापमान | 2 से 16 डिग्री (सर्दी) 19 से 30 डिग्री (गर्मी) |
उपयुक्त समय | अप्रैल से जून और सितम्बर से अक्टूबर |
हिमालय की हसीन वादियां और प्राकृतिक सुन्दरता, तन-मन को शीतल करने वाली ठण्डी पवन के आकर्षण में पर्यटक बरबस ही यहां खिंचे चले आते हैं। बर्फ से ढकी हुई पहाड़ों की चोटियां आंखों के सामने ऐसा मनमोहक नजारा पेश करती हैं जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता।
हिमालय की धौलापार पर्वत श्रृंखला में बसे हिमाचल प्रदेश का धर्मशाला ऐसा ही पर्यटन स्थल है जो पर्यटकों के दिलोदिमाग को ताजा कर देता है। एक बार यहां आने वाला व्यक्ति ताउम्र यहां के अनुभव नहीं भूला पाता। धर्मशाला के मैक्लॉडगंज में तिब्बती धर्म, कला और संस्कृति से रूबरू हुआ जा सकता है।
कांगडा़ घाटी में देवदार, चीड़ और पाइन के वनों में बसा धर्मशाला एक सुरम्य, शांत और पहाडि़यों से घिरा हुआ है। धर्मशाला में 1959 में बौद्ध गुरू दलाई लामा अपने हजारों अनुयायियों के साथ तिब्बत से आकर बस गए थे। तिब्बत की राजधानी ल्हासा के तर्ज पर ही इस स्थान को मिनी ल्हासा कहा जाता है। वास्तविकता यह है कि तिब्बतियों के यहां आकर बसने के बाद ही देशी-विदेशी पर्यटकों का ध्यान इस शहर की ओर आकर्षित हुआ।
धर्मशाला में दर्शनीय स्थल (Best Places To Visit in Dharamshala)
वैसे तो पूरा शहर प्राकृतिक और दर्शनीय स्थलों से भरा हुआ है। लेकिन फिर भी कुछ स्थान ऐसे है जिनका पर्यटन के लिहाज से काफी महत्व है। प्रमुख दर्शनीय स्थल निम्नलिखित हैं-
दलाई लामा मंदिर (Dalai Lama temple)
यह बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा का खूबसूरत मंदिर है। बौद्ध धर्म के अनेक भिक्षुकों का यहां जमावडा़ लगा रहता है। दलाई लामा के मंदिर में बड़े-बड़े प्रार्थना चक्र लगे हुए हैं। कहा जाता है कि इन्हें घुमाने पर उन पर लिखे मंत्रों का पुण्य मिलता है। बौद्ध धर्म से संबंधित सैकड़ों पांडुलिपियां भी यहां देखी जा सकती हैं। दलाई लामा मंदिर से ही नामग्याल मठ जुड़ा हुआ है।
भगसूनांग मंदिर (BhagsuNaag Temple)
यह एक छोटा-सा पौराणिक मंदिर है। इस मंदिर में पहाड़ों से बहकर पानी आता है। पर्यटक मंदिर के इस शीतल पानी में नहाकर आनंद का अनुभव करते हैं।
सेन्ट जॉन चर्च (Saint John Church Dharamshala)
इस चर्च का निर्माण 1863 में हुआ था। यह घने पेड़ों से घिरा हुआ खूबसूरत और प्राचीन चर्च है। इस स्थान पर पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। शहर में आने वाले पर्यटकों के बीच यह चर्च आकर्षण का केन्द्र रहता है। कुछ ही दूरी पर सेन्ट जॉन चर्च से नड्डी की ओर बढ़ने पर रास्ते में डल झील है। चारों ओर से देवदार के वृक्षों से घिरा यह एक खूबसूरत पिकनिक स्थल है।
मछरियल और ततवानी (Tatwani and Machhrial)
धर्मशाला से 20 किमी (धर्मशाला-पठानकोट रोड पर) मछरियल में एक खूबसूरत झरना है जबकि ततवानी में गर्म पानी का झरना है। यह दोनों स्थान पिकनिक के सुन्दर स्थल हैं।
धर्मशाला कैसे जाएं (How To Reach Dharamshala)
धर्मशाला पहुंचने के लिए सड़क मार्ग सबसे उपयुक्त है लेकिन यहां वायुमार्ग और रेलमार्ग से भी पहुंचा जा सकता है।
वायुमार्ग- कांगड़ा का गगल हवाई अड्डा धर्मशाला का नजदीकी एयरपोर्ट है। यह धर्मशाला से 15 कि.मी. दूर है। यहां पहुंचकर बस या टैक्सी के माध्यम से धर्मशाला पहुंचा जा सकता है।
रेलमार्ग- नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट यहां से 95 कि.मी. दूर है। पठानकोट और जोगिन्दर नगर के बीच गुजरने वाली नैरोगेज रेल लाइन पर स्थित कांगड़ा स्टेशन से धर्मशाला 17 कि.मी. दूर है।
सड़क मार्ग- हिमाचल रोड़ परिवहन निगम की बसें चंडीगढ़, दिल्ली, होशियारपुर, मंड़ी आदि शहरों से धर्मशाला के लिए चलती है। धर्मशाला दिल्ली से लगभग 525 किमी और चंडीगढ़ से करीब 250 किलोमीटर दूर है। उत्तर भारत के प्रमुख शहरों से यहां के लिए सीधी बस सेवा है। दिल्ली के कश्मीरी गेट और कनॉट प्लेस से धर्मशाला के लिए बस खुलती है।
कब जाएं– धर्मशाला जाने के लिए उत्तम समय अप्रैल से जून और सितम्बर से अक्टूबर है। पर्यटन के लिहाज इस दौरान यहां का तापमान अनुकूल रहता है।
कहां ठहरें- धर्मशाला, नड्डी और मैकलॉडगंज में ऐसे कई होटल, लॉज और गेस्ट हाउस हैं जहां आप अपने बजट के अनुसार ठहर सकते है। यहां खाने-पीने के कई छोट-बड़े होटल और रेस्टोरेन्ट भी हैं।
खरीददारी- यहां तिब्बती बाजार से हाथ की बनी वस्तुओं के अलावा कांगड़ा चित्रकारी से सजे सामानों की खरीददारी की जा सकती है। बौद्ध धर्म में प्रयोग किए जाने वाले प्रार्थना चक्र , तिब्बती तरीकों से बनी अचार, चटनियों और कांगड़ा चाय की खरीददारी भी की जा सकती है।